भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान को उसकी हरकतों के लिए चेता दिया है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने खुद पाकिस्तान को यह चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि, देश का नेतृत्व आतंकवाद के किसी भी कृत्य और इसे बढ़ावा देने वाले लोगों से निपटने में पूरी तरह सक्षम है। वे हरियाणा में गुरुग्राम के कादरपुर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 80वें स्थापना दिवस पर परेड का निरीक्षण कर रहे थे। इस दौरान अजित डोभाल ने सीआरपीएफ के 80 वें स्थापना दिवस पर अपना संबोधन भी कहा। इस संबोधन में डोभाल ने कहा कि जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले को भारत न तो भूला है और न ही भूलेगा। उन्होंने कहा मैं आपको आश्वासन देता हूं कि देश का नेतृत्व इस तरह के आतंकी हमलों से और इसे बढ़ावा देने वालों से कारगर तरीके से निपटने में पूरी तरह से सक्षम है।
डोभाल ने कहा- हमें क्या करना चाहिए? हमारा रास्ता, हमारा उद्देश्य, हमारी प्रतिक्रिया और जवाब देने का समय क्या होना चाहिए? इन सबके लिए देश का नेतृत्व सक्षम और साहस से भरा है। देश हर तरह की चुनौती से निपट सकता है और इसके लिए हमारे अंदर साहस है।
पुलवामा के कारयतापूर्ण हमले में सीआरपीए के 40 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी सहायक डोभाल ने पुलवामा हमले के जवाब में पाकिस्तान के बालाकोट स्थित आतंकी संगठन जैश ए मुहम्मद के आतंकी शिविर पर हवाई हमले की योजना बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। पुलवामा का कायराना फिदायिन हमला बीते तीन दशकों में कश्मीर में सुरक्षा बलों पर हुए भीषण आतंकी हमलों में से एक है।
राष्ट्रिय सुरक्षा सलाहकार डोभाल ने सीआरपीएफ के योगदान को बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए उसकी सराहना की और कहा कि जब भी हमारी बैठकें होती हैं, चर्चा होती है, कि किस बल को भेजा जाना चाहिए, कितनी बटालियनों को भेजें, तब हम कहते हैं कि सीआरपीएफ को भेजा जाए, यह एक विश्वसनीय बल है, हम उन पर पूरी तरह भरोसा कर सकते हैं। इस तरह की विश्वसनीयता हासिल करने में सालों लग जाते हैं। इस कार्यक्रम में अजीत डोभाल ने पुलवामा हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के 40 जवानों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि यह बेहद त्रासदीपूर्ण घटना थी। डोभाल ने कहा कि देश इन जवानों और इनके परिवारों का हमेशा ही ऋणी रहेगा।
अपने संबोधन में अजीत डोभाल ने सीआरपीएफ से पीछे मुड़कर न देखने और अतीत को लेकर चिंतित न होने की भी बात कही। इसके अलावा उन्होंने सीआरपीएफ से पेशेवर रूख अपनाने, विश्वसनीय प्रशिक्षण और शारीरिक क्षमता पर अधिक ध्यान देने की बात भी कही। उन्होंने कहा अगर आपका मनोबल ऊंचा है तो देश का भविष्य सुरक्षित है। साथ ही एनएसए ने कहा कि सीआरपीएफ को शांति सुनिश्चित करने और कानून व्यवस्था बनाए रखने में अहम भूमिका निभानी है। उन्होंने देश कि प्रमुख अंदरूनी सुरक्षा बल होने के नाते सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स के कंधों पर अपने दायित्व का निर्वाह करने की बड़ी जिम्मेदारी है।
गौरतलब है कि, पुलवामा आतंकी हमले के कुछ दिनों बाद, भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी क्षेत्र में हवाई हमले किए थे। भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के बालाकोट में स्थित जैश ए मोहम्मद के आतंकी प्रशिक्षण शिविरों पर हमला किया था। जैश के आतंकी प्रशिक्षण शिविरों पर बम गिराकर भारतीय वायुसेना ने उसे भारी क्षति पहुंचाई थी। भारत पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर आतंकवादी देश के रूप में अलग-थलग करने में भी कामयाब रहा है।
NSA अजीत डोभाल की बेबाक टिप्पणी से स्पष्ट है कि बालाकोट में वायुसेना के हवाई हमलों ने पुलवामा आतंकी हमले के प्रति भारत की जवाबी कार्रवाई को निर्णायक रूप से समाप्त नहीं किया है। यह बहुत संभव है कि भारत आतंकी संगठनों और पाकिस्तानी जमीन पर काम करने वाले उनके समर्थकों पर नकेल कसने के लिए दूसरे रास्ते तलाश करे और उन पर बड़ी कार्रवाई करे। डोभाल के इस बयान के बाद पुलवामा आतंकी हमले के प्रतिशोध में हम और कार्रवाई की उम्मीद कर सकते हैं।