रविवार को चुनाव आयोग ने देशभर में लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया। इस ऐलान के मुताबिक11 अप्रैल से 19 मई के बीच लोकसभा के चुनाव सात चरणों में होंगे। इस घोषणा के बाद अब पश्चिम बंगाल के तृणमूल कांग्रेस के एक नेता का एक विवादित बयान सामने आया है जिसमें इस नेता ने मुस्लिम कार्ड खेला है। इस नेता ने अब चुनाव आयोग की मंशा पर सवाल उठाया है और चुनाव की तारीखों में बदलाव की मांग की है क्योंकि इस बार चुनाव की तारख रमजान के बीच हैं।
Firhad Hakim, Kolkata Mayor&TMC leader: Minority population in these 3 states is quite high. They'll cast votes by observing 'roza'. EC should've kept this in mind. BJP wants minorities to not cast their votes.But we aren't worried. People are committed to 'BJP hatao-desh bachao' https://t.co/7MCnrgrDqE
— ANI (@ANI) March 11, 2019
दरअसल, कोलकाता के मेयर और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता फिरहाद हाकिम ने कहा, चुनाव आयोग संवैधानिक संस्था है हम उसका सम्मान करते हैं। हम उसके खिलाफ कुछ नहीं कहना चाहते, लेकिन उत्तर प्रदेश, बिहार और बंगाल में 7 चरणों में चुनाव लोगों के लिए मुश्किल भरा होगा, खासकर उनके लिए जो रमजान के महीने में रोजा रखेंगे। इन तीन राज्यों में अल्पसंख्यकों की संख्या ज्यादा है। भाजपा नहीं चाहती कि मुस्लिम मतदान न करें। हमें चिंता नहीं है, लोग ‘भाजपा हटाओ, देश बचाओ’ के लिए प्रतिबद्ध है। तृणमूल कांग्रेस के नेता से पहले भी कुछ राजनीतिक पार्टियों और मुस्लिम धर्मगुरुओं ने चुनाव आयोग और सरकार पर लोकसभा चुनाव की तारीखों को लेकर सवाल खड़े किए हैं।
चुनाव आयोग मतदान में हिस्सा लेने की अपील के नाम पर करोड़ों ख़र्च कर रहा है लेकिन दूसरी तरफ़ 3 फ़ेज़ का चुनाव पवित्र रमज़ान के महीने में रख कर मुस्लिम मतदाताओं की भागीदारी कम करने की योजना बना दी है सभी धर्मों के त्योहारों का ध्यान रखो CEC साहेब
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) March 11, 2019
आम आदमी पार्टी के नेता और प्रवक्ता संजय सिंह नेअपने एक ट्वीट में चुनाव आयोग पर सवाल उठाये। उन्होंने कहा, “चुनाव आयोग मतदान में हिस्सा लेने की अपील के नाम पर करोड़ों खर्च कर रहा है लेकिन दूसरी तरफ 3 फेज का चुनाव पवित्र रमजान के महीने में रख कर मुस्लिम मतदाताओं की भागीदारी कम करने की योजना बना दी है सभी धर्मों के त्योहारों का ध्यान रखो CEC साहेब।“ वहीं आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान ने कहा, “12 मई का दिन होगा, दिल्ली में रमजान होगा। मुसलमान वोट कम करेगा, इसका सीधा फायदा बीजेपी को होगा।“
12 मई का दिन होगा दिल्ली में रमज़ान होगा मुसलमान वोट कम करेगा इसका सीधा फायदा बीजेपी को होगा।
— Amanatullah Khan AAP (@KhanAmanatullah) March 10, 2019
इस्लामिक स्कॉलर, लखनऊ ईदगाह के इमाम और शहरकाजी मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने भी लोकसभा चुनाव की तारीखों को लेकर आपत्ति जताई है। फरंगी महली ने कहा ‘चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश में 6,12 और 19 अप्रैल को भी वोट डालने का कहा है जबकि 5 मई को रमजान मुबारक का चांद दिख सकता है और 6 से रमजान मुबारक का महिना शुरू होगा। ये तीनों ही तारीखें रमजान के महीने में पड़ेंगी जिससे मुसलामनों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।’ इस दौरान फरंगी महली ने चुनाव आयोग से लोकसभा चुनाव की तारीखों में बदलाव करने की गुजारिश भी की।
एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा चुनाव की तारीखों को लेकर कहा, “रमजान के दौरान मुस्लिम बाकी सभी काम करते हैं, इसी तरह वे चुनाव में भी हिस्सा लेंगे और पवित्र महीने में ज्यादा मतदान होगा।“विपक्षी पार्टियों द्वारा इस तरह से उठाये जा रहे सवालों पर चुनाव आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि लोकसभा चुनाव की तारीखों में कोई बदलाव नहीं किया जायेगा। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि शुक्रवार और मुख्य त्योहारों के दिन वोटिंग नहीं रखी गई है।
Bored of EVM blaming..
This time opposition has new strategy to blame…EID 😂🤣 https://t.co/m5gxBN0zw3— Modified Renu (@renu_18) March 11, 2019
https://twitter.com/btomarshri/status/1104885455688888320
इस तरह से लोकसभा के चुनाव की तारीखों को लेकर चुनाव आयोग पर हो रहे हमले का सोशल मीडिया पर यूजर्स ने खुद ही जवाब दिया। इन नेताओं की मानसिकता की देशभर में आलोचना हो रही है। आम आदमी पार्टी के नेताओं का ये रुख उनकी निम्न स्तर की राजनीति को भी दर्शाता है।