28 फरवरी को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारतीय विंग कमांडर अभिनंदन को अपनी हिरासत से छोड़ने का फैसला लिया । यह खबर वाकई सभी देशवासियों को खुश करने वाली थी। इमरान खान ने पाक संसद में कहा कि हमारा यह कदम हमारी कमज़ोरी को नहीं बल्कि हमारी उदारता को दर्शाता है।
वहीं, जैसे ही पाकिस्तान द्वारा अभिनंदन को रिहा करने की खबर आई, उसके तुरंत बाद भारत की लुटियंस मीडिया ने पाकिस्तान के प्रति अपना प्यार जाहिर करना शुरू कर दिया। सागरिका घोष हो या राजदीप सरदेसाई इन लोगों को इमरान खान ‘शांति के मसीहा’ नजर आ रहे थे। ये वही लोग हैं जिन्हें भारत सरकार की कार्रवाई के लिए सबूत चाहिए होता है जबकि इमरान खान के कहे शब्द इनके लिए किसी सबूत के मोहताज नहीं है।
इस कड़ी में सबसे पहला ट्वीट सागरिका घोष द्वारा किया गया। सागरिका घोष ने इसे न सिर्फ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की कूटनीतिक जीत बताया बल्कि इसे नैतिकता और शांति की ओर एक कदम बताया। सागरिका ने लिखा
A gesture of peace, @ImranKhanPTI and a moral one. Well done https://t.co/YJbQW98gEg
— Sagarika Ghose (@sagarikaghose) February 28, 2019
A gesture of peace, @ImranKhanPTI and a moral one. Well done https://t.co/YJbQW98gEg
— Sagarika Ghose (@sagarikaghose) February 28, 2019
राजदीप सरदेसाई भी कहां पीछे रहने वाले थे, उन्होंने भी एक ट्वीट जड़ते हुए लिखा ‘भारत में हमें ये बात शायद बुरी लगे लेकिन अपनी नैतिकता के दम पर आज का दिन प्रधानमंत्री इमरान खान अपने नाम करने जा रहे हैं। हम आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान से जीत सकते हैं लेकिन फ़िलहाल कुछ नेता वोट बंटोरने की राजनीती कर रहे हैं’।
We in India may not like this, but in terms of pure optics, @ImranKhanPTI at the moment is winning the day by taking the moral high ground .. we have a strong case on terror but too many of our leaders busy calculating votes at the moment..
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) February 28, 2019
राजदीप का ये ट्वीट देखकर ये लग ही नहीं रहा कि ये भारतीय पत्रकार हैं। हालांकि, इन दोनों पत्रकारों को सोशल मीडिया पर यूजर्स ने खूब लताड़ा।
कुछ इसी तरह का ट्वीट राणा अय्यूब की तरफ से आया:
Sensible words from Imran Khan. This should be followed by the release of Wing Commander Abhinandan with the respect he deserves. Escalating this ain't serving the interests of both the countries. https://t.co/My0xdEsj7m
— Rana Ayyub (@RanaAyyub) February 27, 2019
अब सवाल यह उठता है कि क्या इन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि जिनेवा संधि के मुताबिक सभी देशों को एक दूसरे के युद्धबंदियों के साथ मानवीय व्यवहार करने के साथ-साथ उन्हें सीमित समय में रिहा भी करना होता है। पाकिस्तान ने अभिनंदन को छोड़कर भारत पर कोई अहसान या बड़प्पन नहीं दिखाया है अपितु यह उसकी मज़बूरी थी। यहां ये लोग भारत सरकार के उन सभी प्रयासों को भूल गए जो उसने अभिनंदन को वापस लाने के लिए थे। पाकिस्तान की अंधभक्ति में डूबे इन पत्रकारों को यूज़र्स ने जमकर ट्रोल किया । जैसे एक यूज़र ने लिखा ‘शांति स्थापित करने के लिए हमें राजदीप सरदेसाई को पाकिस्तान के हवाले कर देना चाहिए’
As a peaceful gesture Modi should send @sardesairajdeep to Pakistan
— Kishor Bhat (@IamKishorBhat) February 28, 2019
Pakistan occupied kashmir (POK) तो सुना था ये Pakistan occupied journalist (POJ) पहली बार देख रहा हू
— Raj Anand (@rajanand_) February 28, 2019
परेश रावल ने भी इन लोगों को मुंहतोड़ जवाब देते हुए कहा कि ‘अभिनंदन को रिहा करने में पाकिस्तान ने क्या नैतिकता दिखाई? क्या आपने जिनेवा संधि के बारे में सुना है?
Moral high ground ? Heard of Geneva Convention ? So now Plz take your tongue of their boots ! https://t.co/IL5VTydwpR
— Paresh Rawal (@SirPareshRawal) February 28, 2019
भारतीय मीडिया का यह हिस्सा हमेशा पाकिस्तान की भक्ति में डूबा रहता है। ये लोग हमेशा पाकिस्तान को एक शांति पसंद देश के तौर पर दुनिया के सामने पेश करने की कोशिश में रहते हैं लेकिन, कभी पाकिस्तान से अपने आतंकवादियों को खत्म करने को नहीं कहते। ये लोग कभी यह सवाल नहीं उठाते की क्यों भारत के मोस्ट-वॉन्टेड आतंकी मसूद अज़हर और हाफिज सईद पाकिस्तान में खुले घूमने दिए जाते हैं? भारत सरकार की हर बात को संदेह की नज़रों से देखने वाले यह पत्रकार आखिर पाकिस्तानी सरकार के दावों पर इतनी जल्दी विश्वास कैसे कर लेते हैं ?