अपने आप को देश का सबसे लोकप्रिय मीडिया समूह बताने वाले ‘इंडिया टुडे’ का हिंदू विरोधी चेहरा सामने आया है। दरअसल, इंडिया टुडे ने अपनी एक खबर के माध्यम से यह बताया था कि केरल राज्य में देश में सर्वाधिक साक्षरता दर होने के बावजूद ऐसी लगभग 20 हजार किशोरियां हैं जो मात्र 19 वर्ष की उम्र से पहले मां बन चुकी हैं। लेकिन इस रिपोर्ट में इंडिया टुडे ने यह बिल्कुल नहीं बताया कि इन किशोरियों में से लगभग 75 प्रतिशत के आसपास किशोरियां मुस्लिम समुदाय से हैं। यही नहीं, इंडिया टुडे ने अपनी इस रिपोर्ट के लिए जिस फोटो का इस्तेमाल किया है उस फोटो में सिर्फ हिंदू लड़कियों को दिखाया गया है।
जबकि इसी खबर को एक अन्य न्यूज़ प्लेटफॉर्म ‘स्वराज‘ ने भी प्रकाशित किया, जिसमें सही ढंग से न सिर्फ आंकड़ों को सही दिखाया बल्कि खबर के लिए इस्तेमाल फोटो में भी मुस्लिम लड़कियों को दिखाया जो की तर्कसंगत उचित भी है। प्रसिद्ध लेखिका एवं स्तम्भकार शैफाली वैद्या ने ‘इंडिया टुडे’ की इस हिंदू विरोधी मानसिकता का ट्विटर पर पर्दाफाश किया। उन्होंने इंडिया टुडे और स्वराज की खबर का स्क्रीनशॉट डालते हुए लिखा ”तथ्य बनाम एजेंडा’,स्वराज से सच्ची न्यूज़ दी, इंडिया टुडे ने जानबूझकर हिंदू लड़कियों की फोटो लगाई ताकि लोगों को गुमराह किया जा सके।”
Fact v/s Spin. @SwarajyaMag gives the real news @IndiaToday deliberately uses a pic of a Hindu girl to give a misleading cue pic.twitter.com/DofLGJrPXX
— Shefali Vaidya. 🇮🇳 (@ShefVaidya) March 16, 2019
The report released by Kerala government also mentions 11 mothers below the age of 15 based on 2017 datahttps://t.co/B7uHN68vFw
— Swarajya (@SwarajyaMag) March 16, 2019
सोशल मीडिया पर इस ट्वीट को लोगों द्वारा भी खूब प्रतिक्रिया मिली है और उन्होंने इंडिया टुडे की खूब खिंचाई की। एक यूज़र ने लिखा “इन बेशर्म लोगों को नहीं पता कि इनकी नीच सोच से धर्म की कितनी हानि हो रही है, धर्म को नीचा दिखाने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेंगे। इन लोगों ने हिंदू शब्द को बदनाम करने का ठेका ले लिया है।”
भारतीय मुख्यधारा मीडिया का हिन्दुविरोधी चेहरा एक बार फिर से सामने आया है। ये तथाकथित सेक्युलर मीडिया संस्थान किसी भी आतंकी का धर्म उजागर करने से डरते हैं लेकिन जब किसी आतंकी या उग्रवादी का सम्बन्ध हिंदू समुदाय से होता है, तो उनके धर्म को बड़ी प्रमुखता से छापा जाता है। देश का अख़बार ‘टाइम्स नेशन’ तो पहले ही बड़ी प्रमुखता से अपनी खबरों में हिंदू आतंकवादी जैसे शब्द का प्रयोग करते आया है। दरअसल, भारतीय मीडिया निहायती हिंदू विरोधी है, और इसी चक्कर में भारत विरोधी भी। सब जानते है की अधिकांश मीडिया (कुछ एक चैनलों को छोड़कर) इसी सिद्धान्त पर चलते हैं कि ‘आतंक का कोई मजहब नहीं, पर अगर हिंदू आतंकवाद हो तो अवश्य है। अगर सच्चाई सामने नहीं आई होती, तो 2008 के अपने सफल अभियान की तरह ये फिर हिंदू या भगवा आतंकवाद का राग अलापते। ये मीडिया संस्थान हर बार अपनी निंदनीय खबरों के माध्यम से हिन्दुओं की सहिष्णुता की परीक्षा लेते रहते हैं लेकिन अपनी खबरों में बड़ी बेशर्मी से हिन्दुओं की असहिष्णुता पर लेख भी लिखते हैं। देश की जनता अब इन संस्थानों के दौगलेपन से अच्छी तरह परिचित हो चुकी है। जनता को ऐसे मीडिया समूहों का पूर्ण बहिष्कार करने की आवश्यकता है।