आतंकवाद पर भारत का कड़ा प्रहार जारी है। पाकिस्तान में भारतीय वायुसेना द्वारा आतंकियों पर एयर स्ट्राइक के बाद अब भारतीय सेना ने म्यांमार में आतंकियों को निशाना बनाया है, और इसमें भारतीय सेना को म्यांमार सेना द्वारा भी भरपूर साथ दिया गया। इस पूरे ऑपरेशन को दो हिस्सों में पूरा किया गया। ज़ी न्यूज़ की एक रिपोर्ट के अनुसार ऑपरेशन के पहले हिस्से में दोनों सेनाओं ने मिजोरम सीमा पर बने विद्रोही समूह अराकान आर्मी के शिविरों पर हमला किया, जबकि ऑपरेशन के दूसरे भाग में दोनों सेनाओं ने टागा में NSCN (K) के मुख्यालय को निशाना बनाया और उनके कई शिविरों को नष्ट कर दिया गया। सूत्रों के अनुसार, रोहिंग्या आतंकी समूह अराकान आर्मी और नागा आतंकी समूह NSCN (K) के खिलाफ 2 सप्ताह लंबा संयुक्त भारत-म्यांमार ऑपरेशन चलाया गया था।
सूत्रों के मुताबिक इन आतंकी समूहों द्वारा उत्तर-पूर्वी भारत में चल रहे विकास कार्यों को निशाना बनाए जाने की आशंका थी। इन आतंकियों समूहों के निशाने पर कोलकाता को मिजोरम से जोड़ने वाला सितवे बंदरगाह प्रोजेक्ट था, और इसके साथ ही कलादान मल्टी मोडल प्रोजेक्ट को भी ये आतंकी अपना निशाना बनाना चाहते थे। अराकान आर्मी को म्यांमार के काचिन में आधारित काचिन इंडिपेंडेंस आर्मी द्वारा ट्रेनिंग दी जा रही थी। अब इन आतंकियों पर कार्रवाई के बाद भारत तथा म्यांमार ने आतंक के विरुद्ध अपनी लड़ाई के प्रति प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया है।
ऐसा पहली बार नहीं है जब भारत ने म्यांमार में घुसकर वहां मौजूद आतंकियों का खात्मा किया हो। पिछले वर्ष जुलाई में भी भारतीय सेना के 40 जवानों ने म्यांमार में घुसकर 38 नागा घुसपैठियों को उनके अंजाम तक पहुंचाया था। मोदी सरकार के आने के बाद से भारत ने आतंकियों के प्रति अपनी नीति में बड़ा बदलाव किया है। इस नीति में बदलाव के पीछे भारत के मौजूदा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल का बड़ा हाथ माना जाता है। उन्होंने भारत की ‘बचाव’ नीति को बदलकर ‘आक्रामक बचाव’ की नीति में बदला जिसके तहत अब भारत पर हमला करने वाले तत्वों को भारतीय बलों द्वारा उनके हमला करने से पहले ही खत्म कर दिया जाता है।
पहले भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा पाकिस्तान में घुसकर भी दो बार आतंकियों पर प्रहार किया जा चुका है। सितम्बर 2016 में भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान के अवैध कब्ज़े वाले कश्मीर में मौजूद आतंकियों के ठिकाने पर सर्जिकल स्ट्राइक्स की गई थी, और इस वर्ष फरवरी में भी पाकिस्तान के बालाकोट में जाकर भारतीय वायुसेना ने जैश के आतंकियों पर बम बरसाने का काम किया था।