पिछले कुछ वर्षों में हमने कई शहरों में जमीनी स्तर पर विकास को पंख लगते देखा है। शहरों का नाम लेते ही हमारे दिमाग में भीड़-भाड़, गंदगी, अव्यवस्था एवं शोर जैसी चीजें उभरकर आने लगती हैं लेकिन सौभाग्य से अब यह स्थिति बड़ी तेजी से बदल रही है। उदाहरण के तौर पर आप झांसी को ही ले लीजिये, जिसे महानगर का दर्जा मिले तो एक दशक से भी ज्यादा समय बीत चुका था लेकिन शहर के स्वरूप में कोई बदलाव नहीं आया था। झांसी देश का कोई आम शहर नहीं बल्कि इस शहर की अपनी अलग ही एक ऐतिहासिक महत्ता है, जिसके कारण उत्तर प्रदेश के अहम पर्यटन स्थलों में इस शहर का नाम शुमार है, लेकिन इसके बावजूद कभी राज्य की सरकारों द्वारा इसकी तरफ ध्यान नहीं दिया गया था। हालांकि अब जाकर स्थिति बदलती नज़र आ रही है। शहर को केंद्र सरकार द्वारा स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत विकसित करने का निर्णय हो या झांसी का स्वच्छता के मामले में प्रदेश में तीसरा स्थान आना हो, केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा शहर के विकास कार्यों को लेकर गंभीरता इससे साफ जाहिर होती है।
शहर में अब एक तरफ तो शानदार पार्क हैं, वहीं दूसरी तरफ इलाइट चौराहा के अलावा अन्य चौराहे भी अब रात में जगमगाते हैं, जिससे कि न सिर्फ लोगों की सुरक्षा बढ़ी है बल्कि शहर का सौंदर्यीकरण भी हुआ है। बीकेडी से कमिश्नर के आवास की ओर जाने वाली रोड पर रात में अलग ही रौनक रहती है। बाजार में भी रौनक दिखती है, कुल मिलाकर सड़कों में हुए अभूतपूर्व सुधार की वजह से तो रंगत एकदम बदल गई है। यह बात तो जाहिर है कि अगर किसी शहर की कनेक्टिविटी देश के अन्य राज्यों से बेहतर ढंग से हो जाती है तो विकास की हवा स्वतः वहां बहने लगती है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर में स्मार्ट अथवा आधुनिक सड़कें भी बनाई जानी है, जिनमें बिजली के तार जमीन के नीचे से होकर गुजरेंगे, पेयजल की व्यवस्था होगी, चौड़े फुटपाथ होंगे और साथ में सुस्ताने के लिए सड़क के किराने बैंच भी लगी होंगी। इन सबके अलावा शहर की कनेक्टिविटी को और बेहतर करने के लिए गतिमान एक्सप्रेस का भी झांसी तक विस्तार किया गया है।
खुद पीएम मोदी झांसी में आकर लगभग करीब 21 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास कर चुके हैं। इसी वर्ष फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रक्षा कॉरिडोर समेत क्षेत्र को 20,506 करोड़ रुपये की कई विकास सौगात दी थी। प्रधानमंत्री ने विकास परियोजनाओं से संबंधित एक प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया था। आपको बता दें कि देश में दो रक्षा कॉरिडोर बनाए जाने है जिनमें से एक तमिल नाडु राज्य में बनेगा और एक अन्य कॉरिडोर उत्तर प्रदेश के झांसी में बनने जा रहा है। करोड़ों रुपये के निवेश से इस क्षेत्र का और ज़्यादा विकास होना तय है।
इसके अलावा पीएम मोदी ने 297 किलोमीटर लंबे झांसी-खैरार रेल सेक्शन के विद्युतीकरण का भी उद्घाटन किया था। इससे इस सेक्शन पर रेलगाडि़यों का आवागमन तेज हो गया है और साथ ही कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आई है। प्रधानमंत्री ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश को निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई पश्चिमी-उत्तर अन्तर-क्षेत्रीय बिजली पारेषण लाइन राष्ट्र को समर्पित की थी। पीएम ने पहाड़ी बांध आधुनिकीकरण परियोजना का भी उद्घाटन किया था, जिसे धसान नदी पर बनाया गया है। प्रधानमंत्री ने झांसी-माणिकपुर और भीमसैन-खैरार सेक्शन पर 425 किलोमीटर लंबे रेलमार्ग के दोहरीकरण की परियोजना की आधारशिला भी रखी थी जिससे कि न सिर्फ रेलगाड़ियों की आवाजाही आसान होगी, बल्कि बुंदेलखंड क्षेत्र के सर्वांगीण विकास में भी मदद मिलेगी।
अन्य शहरों की तरह ही इस शहर का कायाकल्प करने में केंद्र एवं राज्य सरकारों की अहम भूमिका सामने आती है। झांसी देश के बुंदेलखंड क्षेत्र में आता है जो कि पूरे देश में अपने अविकसित होने की वजह से बदनाम है। पीएम मोदी पहले ही कह चुके हैं कि यदि देश को हमें विश्वगुरु बनाना है तो देश के सभी राज्यों एवं शहरों को अपने विकास का योगदान देना होगा। ऐसे में बुंदेलखंड जैसे पिछड़े क्षेत्र का विकास करना अपने आप में ही बेहद जरूरी हो जाता है, और अच्छी बात यह है कि मौजूदा सरकार ने इसके प्रति अपना सकारात्मक रुख दिखाया है, जिसके नतीजे में हमें झांसी में अभूतपूर्व विकास देखने को मिला है। ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी को इसका लाभ जरुर मिलेगा। साल 2014 में जिस तरह से सपा को पीछे छोड़ यहां बीजेपी ने जीत दर्ज की थी वो अब अपने किये गये कार्यों के बलपर जरुर ही एक बार फिर से अपने प्रदर्शन को दोहराने में सफल होगी।