पाकिस्तान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने किया हिंदी में ट्वीट तो कुमार विश्वास ने ली चुटकी

कुमार विश्वास पाकिस्तान पीटीआई

PC: Zee News

पाकिस्तान द्वारा भारत के पायलट विंग कमांडर अभिनंदन को छोड़े जाने के बाद पाकिस्तान में वहां के प्रधानमंत्री इमरान खान की काफ़ी तारीफ हो रही है। कुछ लोग तो उनको नोबेल शांति पुरस्कार देने की भी वकालत कर रहे हैं। ऐसे लोगों का मानना है कि भारतीय पायलट को वापस भारत को सौंपकर इमरान खान ने भारत और पाकिस्तान में पिछले 2 हफ्तों से चल रही तनातनी को कम करने का काम किया है। इसपर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इमरान खान ने खुद को नोबेल पुरस्कार के लायक नहीं बताया जिसे उनकी पार्टी ने ‘पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ’ (पीटीआई) ने हिंदी में ट्वीट किया। इसके बाद आम आदमी पार्टी के बागी नेता कुमार विश्वास ने इसपर चुटकी ली।

दरअसल, इमरान खान ने ऐसी अटकलों को विराम देते हुए ट्वीट किया कि वे ऐसे शांति पुरुस्कार के काबिल नहीं हैं। इस बात को इमरान खान ने अपने ट्विटर हैंडल पर इंग्लिश में लिखकर कही। जिसे पीटीआई  ने अपने आधिकारिक ट्विटर पेज से हिंदी में ट्वीट किया ट्वीट किया। पीटीआई ने लिखा,  ”मैं नोबेल शांति पुरस्कार के योग्य नहीं हूं। इस योग्य व्यक्ति वह होगा जो कश्मीरी लोगों की इच्छा के अनुसार कश्मीर विवाद का समाधान करता है और उपमहाद्वीप में शांति और मानव विकास का मार्ग प्रशस्त करता है”। ऐसा बहुत ही कम देखने को मिला है जब पाकिस्तानी राजनितिक दल ने हिंदी भाषा में ट्वीट कर सीधे भारतीयों से संवाद करने की कोशिश की हो। और वो भी तब जब दोनों देशों के बीच काफी तनाव चल रहा हो। अब पाकिस्तानी दल हिंदी में ट्वीट करे तो भारतियों के नजर से कैसे बच जाता। वहीं, आम आदमी पार्टी के बागी नेता कुमार विश्वास ने इसपर तंज कसते हुए कहा कि ”भारत ने “हिंदी  कर दी इनकी”!

सोशल एम्डिया पर यूजर्स ने भी इसपर मजे लेना शुरू कर दिया। ऐसे ही एक यूज़र ने लिखा ”भाई वाह! पैसे हैं ना ट्रांसलेशन वाले को देने के लिए? या चीन से मांगोगे?”

एक अन्य यूज़र ने इसे पाकिस्तान की मज़बूरी बताते हुए ट्वीट किया ”यही है अच्छे दिन, पाकिस्तान जो हिंदी से घृणा रखता है आज हिंदी में ट्वीट पेलने पर मजबूर हुआ, आप किसी ने ये कभी सपने में भी नही सोचा होगा के ये भी देख पाएंगे। मित्रो, ये मोदीजी का डर है और ये रहना भी चाहिए। मोदी है तो मुमकिन है”

आपको बतादें कि पाकिस्तान में बहुत सारे लोगों ने अपने प्रधानमंत्री इमरान ख़ान को शांति का नोबेल सम्मान दिलाने के लिए देशभर में ऑनलाइन पीटिशन पर हस्ताक्षर अभियान शुरू किया था, जिसपर लगभग 3 लाख लोग हस्ताक्षर भी कर चुके थे। पाकिस्तान के साथ-साथ ब्रिटेन में भी इंटरनेट पर अभियान चलाया गया। पाकिस्तान के सूचना मंत्री फव्वाद चौधरी ने पाकिस्तानी संसद में प्रस्ताव पारित कर उन्हें नोबेल शांति पुरुस्कार दिलाने की बात कही है, उन्होंने प्रस्ताव में लिखा कि इमरान खान ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने में अप्रत्याशित भूमिका अदा की है।

https://twitter.com/shahfaesal/status/1101831892150583296

वहीं, जम्मू-कश्मीर के पूर्व भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी शाह फैसल ने भी इस बात का समर्थन करते हुए कहा कि अगर इमरान खान को नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया तो वह दक्षिण एशिया में पाकिस्तान की कार्यशैली को ही बदल कर रख देगा। शाह फैसल ने लिखा, ‘इमरान खान को नोबेल पुरस्कार दिए जाने से दक्षिण एशियाई क्षेत्र में पाकिस्तान जिस तरह से ऑपरेट करता है, उसमें काफी बदलाव आएगा। इमरान खान ने क्षेत्र में नेतृत्व का स्तर काफी ऊंचा कर दिया है, ऐसे में ये पुरस्कार भारत-पाक संबंधों को बढ़ाने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करेगा। वह इस पुरस्कार के हकदार हैं।’

देश के सबसे बड़े दुश्मन के प्रति भारत में कुछ लोगों का ये नम्र रुख दर्शाता है कि पाक की नापाक हरकतों और भारत को तोड़ने के प्रयासों का वो समर्थन करते हैं। ये शर्मनाक है कि हमारे देश में ही पाकिस्तान के अनाधिकारिक प्रवक्ता और तरफदारी करने वाले लोग भरे पड़े हैं।

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