पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने पाकिस्तान की पोल खोलने का काम किया है। परवेज मुशर्रफ ने कहा है कि उनके राष्ट्रपति होने के दौरान पाकिस्तान की खुफिया एजेंसीयां ‘जैश-ए-मोहम्मद’ का इस्तेमाल भारत में हमले कराने में करती थीं। उन्होंने इस बात का भी ज़िक्र किया कि कश्मीर में अशांति फैलाने के केंद्र में भी यही ‘जैश’ रही है। आपको बता दें कि मुशर्रफ का यह बयान ऐसे समय में आया है जब पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने पाकिस्तान का ‘जैश-ए-मोहम्मद’ से कोई नाता नहीं होने की बात कही है। अब मुशर्रफ के इस बयान के बाद पाकिस्तान का झूठ एक बार फिर बेनकाब हुआ है।
एक पाकिस्तानी पत्रकार से फोन पर हुई बातचीत में मुशर्रफ ने कहा ”मैं इससे बहुत खुश हूं की सरकार इस संगठन पर कार्रवाई कर रही है, यह संगठन बेशक एक आतंकवादी संगठन है, इसने मुझ पर भी एक बार जानलेवा हमला किया था, सरकार को ये कदम बहुत पहले ले लेने चाहिए थे”। हालांकि, जब उस पत्रकार ने उन्हें यह पूछा कि अपने राष्ट्रपति रहने के दौरान उन्होंने जैश पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की, तो उन्होंने कहा की उस समय कुछ और बात थी। उन्होंने कहा ”उस समय हमारी खुफिया एजेंसियां भारत में हमला करने के लिए इन्हीं एजेंसियों का इस्तेमाल करती थी।“ परवेज मुशर्रफ के इस बयान से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के झूठ का भी पर्दाफाश हो गया है जिसमें वो जैश द्वारा किये गये पुलवामा में आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ न होने का दावा कर रहे थे। पाकिस्तान में आतंकी संगठन है और ये बात खुद वहां के पूर्व राष्ट्रपति ने स्वीकार किया है। फिर भी पाक सेना के प्रवक्ता और पाक पीएम का आतंक की उपस्थिति से इंकार करना उनके झूठ और दोहरे रुख को दर्शाता है।
भारत काफ़ी समय से यह कहता आया है कि पाकिस्तानी सेना के लिए ये सभी आतंकवादी गुट किसी ‘संपत्ति’ से कम नहीं हैं। पाकिस्तान अक्सर इन्हीं आतंकियों का इस्तेमाल अपने पड़ोसियों के खिलाफ अघोषित युद्ध छेड़ने के लिए करते आया है, फिर चाहे वह भारत के खिलाफ हो,ईरान के खिलाफ हो या फिर अफगानिस्तान के खिलाफ!
पाकिस्तान पहले ही आतंकियों पर उचित कार्रवाई न करने को लेकर वित्तीय कार्रवाई कार्यदल (FATF) की ग्रे लिस्ट में डाला जा चुका है। अब भारत की पूरी कोशिश है कि पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से ब्लैक लिस्ट में डाला जाए। मुशर्रफ के इस बयान के बाद भारत के पक्ष को मज़बूती मिलती है और भारत भी उनके दिए इस बयान को उचित मंच पर प्रकाशित करने की कोशिश करेगा।
आपको बतादें कि 14 फरवरी को पुलवामा में हुए हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान आधारित इसी संगठन ‘जैश-ए-मोहम्मद’ ने ली थी। इस संगठन पर कार्रवाई करने को लेकर भारत तब से ही पाकिस्तान पर दबाव बनाता आया है, जिसके बाद बीते मंगलवार को पाकिस्तानी सरकार ने जैश सरगना मसूद अज़हर के भाई व बेटे समेत 44 आतंकियों को गिरफ्तार भी किया था। हालांकि, भारत की मांग के अनुसार अब तक किसी भी आतंकी पर कोई एफआईआर तक दर्ज़ नहीं हुई है। पाकिस्तान पहले भी अपने आतंकियों को थोड़े समय के लिए नज़रबंद करके दुनिया भर से वाहवाही बटोरने की कोशिश करता आया है लेकिन इस बार वो दुनिया की आंखों में धूल झोंकने में कामयाब नहीं हो सकता। उसे इन आतंकियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने की जरूरत है ताकि यह पूरा क्षेत्र आतंकवाद से पूर्ण आज़ादी पा सके।