लोकसभा चुनाव पास है ऐसे में देश की सभी राजनीतिक पार्टियां जोर-शोर से चुनावी तैयारियों में जुट चुकी हैं। भारतीय जनता पार्टी भी इस बार अपनी तैयारियों में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। एक तरफ सभी विपक्षी दल एनडीए के खिलाफ एकजुट हो गए हैं वहीं एनडीए 2014 के लोकसभा चुनाव में मिली जीत को दोहराने के लिए प्रयासरत है। भारतीय जनता पार्टी को भरोसा है कि पिछले पांच सालों में केंद्र सरकार ने जो देश विकास के लिए काम किये हैं उससे उन्हें आगामी लोकसभा चुनाव में जरुर ही जीत मिलेगी। जनता तक सरकार के कार्यों को पहुंचाने और उन्हें जागरूक करने के लिए बीजेपी के कई बड़े नेता लगातार प्रयासरत हैं। केंद्र सरकार ने पिछले पांच सालों में जो काम किया है वो वाकई बोल भी रहा है। यही वजह है कि पिछले पांच सालों में अलग-अलग अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की रैकिंग में सुधार हुआ है।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किस तरह से भारत मजबूती के साथ ऊपर उठ रहा है ये ग्लोबल इंडेक्स में भारत की रैकिंग में हुए सुधार में साफ़ नजर भी आ रहा है।
ग्लोबल कंज्यूमर कॉन्फिडेंस सर्वे में पहले स्थान पर भारत
हाल ही में ‘ग्लोबल कंज्यूमर कॉन्फिडेंस सर्वे’ में भारत ने प्रथम स्थान हासिल किया है। भारत को 64 देशों की सूची में 133 अंकों के साथ पहला स्थान मिला है। दूसरे पायदान पर 131 अंकों के साथ फिलिपिंस और 127 अंकों के साथ इंडोनेशिया तीसरे पायदान पर है। भारत का प्रथम स्थान पर आने का मतलब है कि भारत के लोग महंगाई, स्टॉक मार्किट व देश में रोजगार की स्थिति से विश्व में सबसे ज्यादा संतुष्ट है। भारत के लोग बाज़ार में निवेश करने को लेकर आशावादी हैं और वो खर्च करने में कम हिचकिचा रहे हैं।
ग्लोबल कनेक्टिविटी इंडेक्स 2017
ग्लोबल कनेक्टिविटी इंडेक्स 2017 में भारत को 50 में से 43वां स्थान मिला है जो पहले 44 था।
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में 23 अंकों की छलांग लगाते हुए भारत 77 वें पायदान पर पहुंच गया। साल 2017 में भारत 100वें स्थान पर था और अब बुधवार को आई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस साल जीएसटी और इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड जैसे सुधारों की वजह से भारत की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में भारी सुधार आया। इसका मतलब है कि भारत में कारोबार करना आसान हो गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार पिछले चार सालों में भारत ने 65 देशों को पीछे छोड़ा है।
फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (एफडीआई) 2017
फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (एफडीआई) के मामले में भारत की रैंकिंग में सुधार हुआ। एटी कीर्नी फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (एफडीआई) कॉन्फिडेंस इंडेक्स में भारत 8वें स्थान पर काबिज हुआ जो पहले इस लिस्ट में देश नौवें नंबर पर था। फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (एफडीआई) की रैंकिंग में सुधार का मतलब है कि भारत में निवेश करने को लेकर दूसरे देशों का भरोसा बढ़ा है।
वैश्विक समृद्धि सूचकांक
अंतरराष्ट्रीय थिंक-टैंक लेगाटम इंस्टीट्यूट के 12 वें सालाना वैश्विक समृद्धि सूचकांक में भारत 19 पायदानों की लंबी छलांग लगाते हुए 94वें स्थान पर पहुंच गया है।
यात्रा व पर्यटन प्रतिस्पर्धा सूचकांक 2017(टीटीसीआई)
यात्रा व पर्यटन प्रतिस्पर्धा सूचकांक 2017(टीटीसीआई) 2017 में भारत जो पहले 130 देशों में 52 पर था वो आज 40 वें स्थान पर आ गया। भारत 2013 में 65वें स्थान पर था ऐसे में कुल मिलाकर देखें तो 2017 में भारत 25 पायदान ऊपर पहुंचा है। विश्व पर्यटकों के लिए आगमन की सुविधा की दृष्टि से भारत में सुधार को दर्शाता।
ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स 2018
ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स ने इनोवेटिव देशों की सूची में भारत को 57वां स्थान दिया। वहीं 2017 में 60वें नंबर पर था जिसका मतलब ये है कि एक साल के अंदर ही भारत ने तीन अंकों का सुधार किया। साल 2015 में यह 81वें स्थान पर था। ये साफ़ दर्शाता है कि पिछले सालों में किस तरह से भारत की रैंकिंग में सुधार हो रहा है। यही नहीं लोअर मिडिल इनकम ग्रुप के मामले में यह 5वें नंबर पर है।
वैश्विक भ्रष्टाचार सूचकांक
ग्लोबल वॉचडॉग ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा जारी किए गये वार्षिक सूचकांक में भारत 78वें पायदान पर है। इस तरह से भ्रष्टाचार के मामले में भारत के पायदान में 3 अंकों का सुधार हुआ है। ये वार्षिक सूचकांक एक भ्रष्टाचार-निरोधक संगठन द्वारा जारी किया जाता है। इस वार्षिक सूचकांक के मुताबिक इस सूची में भारत में चीन की अपेक्षा कम भ्रष्टाचार है।
ग्लोबल फायर पॉवर रैंकिंग
हाल ही में ग्लोबल फायर पॉवर रैंकिंग की तरफ से जारी सूची में भारत को चौथा स्थान मिला। ग्लोबल फायर पॉवर इंडेक्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और चीन के बाद चौथे स्थान पर रहा।
यही नहीं अब मोदी सरकार के नेतृत्व में भारत तेजी से आर्थिक क्षेत्र में भी बढ़ रहा है। जीडीपी के मामले में भारत ने 28 साल बाद पड़ोसी देश चीन को तो बड़ी मात दे ही दी है साथ ही हमारा देश 2019 में दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की सूची में से एक ब्रिटेन को पीछे छोड़ सकता है। वास्तव में पीएम मोदी के नेतृत्व में किस तरह भारत की रैंकिंग में सुधार हुआ है ये आंकड़े साफ़ बयां करते हैं।