जब प्रियंका ने लगाए योगी पर झूठे आरोप तो उन्होंने ऐसी ली क्लास कि प्रियंका के होश उड़ गए

प्रियंका योगी उत्तर प्रदेश

PC : Hindustan

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव प्रियंका गांधी के बीच कल जमकर वार-पलटवार हुआ। प्रियंका गांधी ने योगी सरकार पर आशाकर्मियों की अनदेखी का आरोप लगाया तो इसके जवाब में सीएम योगी द्वारा भी उन्हें मुँहतोड़ जवाब दिया गया। दरअसल, प्रियंका गांधी अपने चुनाव प्रचार के लिए ‘साँची बात’ नाम से अभियान चला रही हैं जिसके तहत वो अलग अलग क्षेत्र के लोगों से मिलकर अपने भाजपा-विरोधी एजेंडे को आगे बढाती हैं। इसी कड़ी में उन्होंने कल यानि रविवार को ट्वीट किया ”उत्तर प्रदेश की आशाकर्मी 9 महीनों के लिए एक गर्भवती महिला के स्वास्थ की जिम्मेदारी उठाती हैं जिसके लिए उन्हें मात्र 600 रु मिलते हैं। भाजपा सरकार ने कभी उनकी मानदेय में बढ़ोतरी की सुध नहीं ली। उन्हें जुमले नहीं, जवाब चाहिए।”

इसके बाद उन्होंने एक अन्य ट्वीट करते हुए भाजपा पर आरोप लगाया ”उत्तर प्रदेश की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएँ राज्य कर्मचारी का दर्जा माँग रही हैं। भाजपा सरकार ने उनकी पीड़ा सुनने के बजाय उनपर लाठियाँ चलवाईं। मेरी बहनों का संघर्ष, मेरा संघर्ष है।” आपको बता दें कि इससे पहले प्रियंका गांधी पीएम मोदी पर हमला बोलती आईं हैं लेकिन पिछले 2 दिनों से लगातार सीएम योगी उनके निशाने पर हैं।

मुख्यमंत्री योगी का इसपर थोड़ी ही देर में जवाब आया जिसका प्रियंका गांधी के पास कोई प्रतिउत्तर नहीं था। योगी ने पूछा ‘नींद खुल गई?” उन्होंने जवाब में ट्वीट किया ”कांग्रेस की डूबती नईया की नई खिवईया भ्रामक प्रचार से जनता को बरगलाने में लगी हैं, अब तक आशा बहनों की शुभ चिंतक कहाँ थी। नींद खुल गयी ? आशाओं को 600 रुपये JSY के तहत प्रसव पूर्व देखभाल और उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था के संस्थागत प्रसव के लिये उन्हें अतिरिक्त 300 रु. मिल रहे हैं।‘’

एक अन्य ट्वीट में योगी ने यह भी बताया कि उनकी सरकार ने हाल ही में आशाओं के प्रति माह भुगतान में 700 रुपयों की वृद्धि की है। उन्होंने बताया की पिछले साल आशाओं को होने वाला औसत भुगतान 2865 रु. महीना था जो केंद्र सरकार द्वारा 1000 रु. की वृद्धि के बाद पिछले 6 महीनों से लगभग 4000 है और राज्य सरकार की वर्तमान वृद्धि के साथ लगभग 5000 रु प्रति माह हो गया है।

इससे पहले प्रियंका गांधी ने गन्ना किसानों के लिए ट्वीट करते हुए लिखा था ”गन्ना किसानों के परिवार दिनरात मेहनत करते हैं। मगर उप्र सरकार उनके भुगतान का भी जिम्मा नहीं लेती। किसानों का 10000 करोड़ बकाया मतलब उनके बच्चों की शिक्षा, भोजन, स्वास्थ्य और अगली फसल सबकुछ ठप्प हो जाता है। यह चौकीदार सिर्फ अमीरों की ड्यूटी करते हैं, गरीबों की इन्हें परवाह नहीं”

जिसके जवाब में योगी ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए लिखा ”किसानों के ये ‘तथाकथित’ हितैषी तब कहाँ थे जब 2012 से 2017 तक किसान भुखमरी की कगार पर था। इनकी नींद अब क्यों खुली है? प्रदेश का गन्ना क्षेत्रफल अब 22 प्रतिशत बढ़कर 28 लाख हेक्टेयर हुआ है और बंद पड़ी कई चीनी मिलों को भी प्रदेश में दोबारा शुरू किया गया है। किसान अब खुशहाल हैं।”

लोकसभा चुनाव अब नज़दीक हैं और सभी राजनीतिक दल अपने विरोधियों पर हमला बोलने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते। हालाँकि प्रियंका गांधी द्वारा बेजान एवं आधारहीन मुद्दों को हवा देकर अपने पक्ष में हवा चलाने की कोशिश करना लोगों के साथ छलावा मात्र है। प्रियंका गांधी अपने पारिवारिक भ्रष्टाचार को लेकर सार्वजनिक तौर पर कुछ भी बोलने से डरती हैं लेकिन उत्तर प्रदेश की सरकार पर बिना जाँच-पड़ताल के आरोप लगाने में उन्हें ज़रा भी संकोच नहीं हुआ और उधर योगी आदित्यनाथ ने उनके हर झूठ का पर्दाफाश कर दिया।

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