लम्बे समय से भाजपा में रहकर पार्टी के राजनीतिक विरोधियों के साथ सुर में सुर मिलाने वाले शत्रुघ्न सिन्हा को अब पार्टी द्वारा जोर का झटका दिया गया है। दरअसल, विभिन्न राज्यों की सीटों पर उम्मीदवार के नामों को लेकर कल पीएम मोदी एवं पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के बीच करीब आठ घंटे तक बैठक चली थी। सूत्रों के मुताबिक भाजपा के पटना साहिब से मौजूदा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा का भाजपा ने टिकट काट दिया है। कहा जा रहा है कि सिन्हा की जगह अब केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को पटना साहिब से टिकट दिया जा सकता है।
आपको बता दें कि पिछले काफी समय से शत्रुघ्न सिन्हा अपनी ही पार्टी के ‘शत्रु’ बने हुए थे, और कईं मौकों पर पीएम मोदी की भी आलोचना कर चुके थे। उन्होंने कईं बार पार्टी लाइन से हटकर विपक्ष के कार्यकर्मों में भी भाग लिया था, उदाहरण के तौर पर इसी वर्ष फरवरी में सिन्हा पश्चिम बंगाल में हुई तथाकथित महागठबंधन की रैली में मंच साझा करते हुए दिखाई दिए थे, जिसको लेकर पहले से ही यह अटकलें लगाई जा रही थी की अब की बार भाजपा उनका टिकट काट सकती है।
अभी दो दिन पहले भी शत्रुघ्न सिन्हा लगातार ट्वीट्स करके पीएम मोदी के नेतृत्व पर सवाल उठा चुके हैं। उन्होंने अपने एक ट्वीट में लिखा ”श्रीमान, लोग आपका सम्मान करते हैं, लेकिन लोगों का आपके नेतृत्व पर से भरोसा उठ चुका है। नेतृत्व जो कह रहा है, या कर रहा है, लोगों का उस पर विश्वास है? शायद नहीं! वैसे भी अब तो काफी देर हो चुकी है।”
Sir, the Nation respects you, but the only thing the leadership lacks is credibility & trust factor. "Leadership jo kar rahi hai or jo kah rahi hai, kya log uspe vishwas kar rahein hain? Shayad nahin!" Any way it all seems to be too little and too late? Promises made in the
— Shatrughan Sinha (@ShatruganSinha) March 15, 2019
यहाँ हास्यास्पद बात तो यह है कि पीएम मोदी के जिस नेतृत्व का पूरी दुनिया में डंका बज रहा है, उस पर तो वे बड़े बेबाकी से प्रश्नचिह्न खड़ा कर रहे हैं, लेकिन जिस गठबंधन के साथ वे खुद अपनी गांठ बांधने जा रहे हैं, वह तो पूरी तरह ही नेतृत्वहीन है।
आपको यह भी बता दें कि शत्रुघ्न सिन्हा भाजपा से आउट होने के बाद अब समाजवादी पार्टी के टिकट पर पीएम मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़ सकते हैं। सपा के बड़े नेताओं का मानना है कि वाराणसी में मौजूद ‘कायस्थ’ समुदाय में वे काफी लोकप्रिय हैं और यहाँ से उनका गृह राज्य बिहार भी पास पड़ता है, इसलिए यहाँ वे पीएम मोदी को कड़ी टक्कर दे सकते हैं। इसी वर्ष जनवरी में बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने उनको कहा था कि अगर वे भाजपा में खुश नहीं है तो वे भाजपा छोड़ सकते हैं, जिसके जवाब में सिन्हा ने कहा था कि वे भी पार्टी छोड़ने के लिए तैयार हैं बशर्ते उन्हें पार्टी के आलाकमान के द्वारा ऐसा करने को कहा जाए। भाजपा द्वारा शत्रुघ्न सिन्हा पर अब तक कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की गई है।
अब चुनाव में मात्र 24 दिनों का ही समय बचा है। ऐसे में सभी पार्टियां जल्द से जल्द उमीदवारों की घोषणा कर चुनाव प्रचार अभियान को तेज़ करना चाहती हैं। इससे पहले भाजपा ने लोकसभा चुनावों के लिए खासकर पहले चरण के उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप देने के लिए शनिवार को लंबी चर्चा की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की उपस्थिति में भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में कई नामों पर चर्चा हुई। सूत्रों का कहना है कि बिहार, जम्मू कश्मीर, महाराष्ट्र, तेलंगाना, उत्तराखंड और पूर्वोत्तर के सात राज्यों की सीटों पर चर्चा हुई है। ऐसा माना जा रहा है कि, इसी में पटना साहिब से टिकट को लेकर भी फैसला लिया गया है। शत्रुघ्न कोई कदम उठा पाते उससे पहले ही बीजेपी ने उन्हें धीमे से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। पटना साहिब सीट से शत्रुघ्न का पत्ता करने पर सोशल मीडिया पर वे खूब ट्रोल हो रहे हैं।