कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने हिंदू धर्म में लगाये जाने वाले तिलक का उड़ाया मजाक

सिद्धारमैया तिलक हिंदू

PC: NDTV Khabar

कांग्रेस पार्टी में किस तरह से कुछ नेता हिंदुफोबिया से ग्रसित हैं इसका उदाहरण एक बार फिर से देखने को मिला है। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का एक विवादित बयान सामने आया है जिसने एक बार फिर से कांग्रेस पार्टी के ढोंग का खुलासा किया है। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने हिंदू धर्म में माथे पर लगाये जाने वाले तिलक पर टिप्पणी की जिस वजह से सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल किया जा रहा है।

कर्नाटक के बदामी विधानसभा सीट के विधायक सिद्धारमैया ने एक कार्यक्रम में कहा, “मुझे उन लोगों से डर लगता है जो कुमकुम या राख के साथ लंबा तिलक लगाते हैं।” इस बयान के सामने आते ही सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल किया जाने लगा। कुछ यूजर्स ने तो राहुल गांधी की तिलक वाली तस्वीर शेयर कर पार्टी की फजीहत की।

https://twitter.com/Shivam_h9/status/1103166380390662144

https://twitter.com/ShobhaBJP/status/1103205304840278016

https://twitter.com/Sowmi_gr/status/1103180392998219776

सिद्धारमैया का ये बयान उस समय सामने आया है जब इस पुरानी पार्टी का झुकाव हिंदू मतदाताओं को लुभाने के लिए ‘सॉफ्ट हिंदुत्व की ओर बढ़ा है। खुद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी हर चुनाव से पहले मंदिरों के चक्कर लगा रहे थे। उन्होंने हिंदू मतदाताओं को रिझाने के लिए मंदिरों में दर्शन एवं पूजा-पाठ तक किया था। हाल ही में वो धोती- कुर्ता में भी नजर आये थे। यही नहीं राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा में इस पुरानी पार्टी की जीत के पीछे के कारणों में से एक पार्टी का सॉफ्ट हिंदुत्व की ओर झुकाव भी था।

बता दें कि हिंदू धर्म में तिलक लगाने का काफी महत्व है। तिलक लगाना किसी भी व्यक्ति के भगवान में विशेष आस्था को दर्शाता है। यही नहीं तिलक को तेज बढ़ाने वाला भी माना जाता है। हिंदू धर्म में माथे पर तिलक सिंदूर, कुमकुम और चंदन आदि लगाना शुभ माना जाता है। यही नहीं वैज्ञानिक भी तिलक के महत्व से इंकार नहीं करते बल्कि उनके मतानुसार माथे पर दोनों आंखों के बीच में एक नस होती है। जब हम तिलक लगाते हैं तब इसके  दबाव से चेहरे की मांसपेशियों पर रक्त संचार अच्छी तरह से होता है जो सकारात्मक उर्जा का भी संचार करता है। हिंदू धर्म में माथे पर लगाये जाने वाला तिलक शुभ कार्यों में गिना जाता है लेकिन कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को इससे डर लगता है लेकिन इन्हें आतंकियों से डर नहीं लगता और न ही हिंदुओं का नरसंहार करने वाले टीपू सुल्तान जैसे क्रूर शासक की जयंती मनाने से डर लगता है। ये उनकी हिंदुओं के प्रति निम्न मानसिकता को भी दर्शाता है। ये बयान कांग्रेस के उस किये कराये पर पानी फेर सकता है जो हिंदू धर्म के सम्मान की बात कर रहे हैं और ‘सॉफ्ट हिंदुत्व’ की तरफ अपने झुकाव का दिखावा कर रहे हैं। हिंदू भावनाओं का मजाक उड़ाना कांग्रेस की पुरानी परंपरा रही है। वो एक विशेष समुदाय को लुभाने के लिए दूसरे समुदाय की भावनाओं को आहत करने से पहले जरा भी नहीं सोचती।

फ़िलहाल, सिद्धारमैया के इस बयान पर कांग्रेस की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है जबकि बीजेपी ने कांग्रेस पार्टी को इस तरह के बयान के लिए लताड़ लगाई है।

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