कांग्रेस की पहली लिस्ट जारी, सोनिया गांधी लड़ेंगी राय बरेली से चुनाव

सोनिया गांधी कांग्रेस मुस्लिम

PC: NDTV

आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र कांग्रेस ने अपने पहले 15 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। इसमें 11 उम्मीदवार उत्तर प्रदेश से हैं तो 4 उम्मीदवार गुजरात से हैं। रोचक बात तो यह है कि इस लिस्ट में राहुल गांधी, सोनिया गाँधी समेत सभी बड़े कांग्रेसी नेताओं के नाम शामिल है लेकिन प्रियंका गाँधी का नाम इस लिस्ट में नहीं है। कांग्रेस द्वारा जारी हुई लिस्ट में निर्मल खत्री, आरपीएन सिंह, सलमान खुर्शीद, इमरान मसूद, अनु टंडन और जितिन प्रसाद जैसे बड़े नेताओं के नाम शामिल हैं।

इससे पहले ऐसी अटकलें भी लगाई जा रही थी कि सोनिया गाँधी अब राजनीति से सन्यास ले सकती हैं और उनकी जगह प्रियंका गाँधी को मुख्य भूमिका दी जा सकती है, लेकिन इस लिस्ट के जारी होने के साथ ही ऐसी अटकलों पर पूर्ण विराम लग गया है। वहीं स्मृति ईरानी द्वारा अमेठी में लगातार जारी कांग्रेस विरोधी चुनाव अभियान के बाद ऐसा माना जा रहा था कि राहुल गांधी अमेठी सीट को छोड़ कहीं और से चुनाव लड़ेंगे, लेकिन इस बात पर भी अब पूर्ण विराम लग चुका है।

कांग्रेस ने इस लिस्ट को जारी कर यह भी जता दिया है कि सपा-बसपा के गठबंधन में अब वह शामिल नहीं होने वाली। इससे पहले अखिलेश-मायावती अपने गठबंधन में कांग्रेस को सिर्फ दो सीटें देने पर विचार कर रही थे, जो कि अमेठी और रायबरेली है। यह दोनों सीटें कांग्रेस का गढ़ मानी जाती हैं। हालांकि कांग्रेस दो सीटें मिलने से बिलकुल भी खुश नहीं थी। ऐसा भी हो सकता है कि इन 11 उम्मीदवारों की सूची जारी कर कांग्रेस सपा-बसपा पर दबाव बनाना चाहती हो! कांग्रेस ने अपनी मंशा जारी कर दी है कि 11 सीटों पर तो वह चुनाव लड़ेगी ही। इससे पहले कांग्रेस 28 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित करने वाली थी।

अब अगर कांग्रेस गठबंधन से अलग चुनाव लड़ने का मन बनाती है तो वह भाजपा के लिए फायदेमंद भी हो सकता है और नुकसानदायक भी! अगर कांग्रेस अगड़ी जातियों को लुभाने में कामयाब रहती है तो इससे भाजपा को झटका पहुँच सकता है वही अगर कांग्रेस को पिछड़ी जातियों से अच्छे-खासे वोट मिल जाते हैं तो वह अपने साथ-साथ गठबंधन की उम्मीदों पर पानी फेरने के लिए काफी होगा, क्योंकि पिछड़ी जातियों के वोटों बिना गठबंधन बेजान रहेगा और कांग्रेस फ़िलहाल इतनी मज़बूत नहीं कि वह अपने दम पर चुनाव जीत सके।

इसके अलावा सोनिया गांधी को फिर एक बार फिर मुख्य भूमिका देकर कांग्रेस अपनी छवि को मज़बूत करना चाहती है। दरअसल, कोई भी राजनीतिक दल राहुल गांधी की अध्यक्षता वाली कांग्रेस के साथ बातचीत करने में सहज महसूस नहीं करता। रायबरेली की कमान दोबारा सोनिया के हाथों में देने के पीछे कांग्रेस की मंशा है कि कम से कम कांग्रेस का गढ़ कही जाने वाली सीटों पर वह अच्छा परफॉर्म कर पाएं।

हाल ही में उत्तर प्रदेश कांग्रेस की सचिव बनी प्रियंका गाँधी का नाम इस लिस्ट में नहीं है, जो की इस बात की ओर इशारा करता है कि इस बार शायद वो चुनाव नहीं लड़ेंगी। इससे पहले उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस पार्टी द्वारा उनका काफी अनावरण किया गया लेकिन उसके बाद पुलवामा में हुए आतंकी हमले की खबरों ने उनके चकाचौंध को फीका कर दिया। अब शायद कांग्रेस पार्टी द्वारा उन्हें चुनाव प्रचार तथा पार्टी को जमीनी स्तर पर मज़बूत करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

Exit mobile version