एक बार फिर से बढ़ा लालू के बेटों में टकराव, तेज प्रताप ने दिया छात्र आरजेडी से इस्तीफा

तेज प्रताप लालू तेजस्वी

PC: BharatKhabar

बिहार की राजनीति के ‘मास्टर’ कहे जाने वाले लालू यादव के परिवार में एक बार फिर से अंदरूनी कलह सार्वजनिक तौर पर देखने को मिल रही है। दरअसल, लालू प्रसाद यादव की अनुपस्थिति में उनके दोनों बेटों के बीच अधिकारों को लेकर जंग छिड़ी हुई है। रेलवे में अवैध रूप से प्राइवेट कंपनियों को अनुबंध देने के मामले में राजद के अध्यक्ष लालू कुमार यादव अभी जेल में हैं जिसके बाद अब उनके छोटे बेटे तेजस्वी यादव पार्टी की कमान संभाल रहे हैं। लेकिन लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव भी अपने अधिकारों का उपयोग करने के लिए उत्सुक हैं जिसकी वजह से दोनों भाइयों में तकरार बढ़ गई है। हुआ यूं कि तेजप्रताप यादव ने बीते गुरुवार को दो सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़ा करने का ऐलान किया था, जिसको लेकर उन्होंने प्रैस वार्ता करने की भी घोषणा की थी, लेकिन बाद में ये खबर सामने आई कि तेजप्रताप यादव ने अपनी वह वार्ता रद्द कर दी है। उन्होंने प्रेस वार्ता रद्द करने से पहले एक ट्वीट भी किया जिसमें उन्होंने छात्र राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देने की घोषणा की। साथ ही उन्होंने यह भी लिखा कि “नादान हैं वो लोग जो मुझे नादान समझते हैं। कौन कितना पानी में है सबकी है खबर मुझे।“

https://twitter.com/TejYadav14/status/1111229882535694337

ख़बर है कि गुरुवार की दोपहर 2.30 बजे प्रेस कॉन्फ़्रेस करके वो अपने उम्मीदवारों का नाम घोषित करने वाले थे। वे शिवहर सीट से अपने करीबी अंगेश कुमार एवं जहानाबाद सीट से चंद्रप्रकाश यादव को टिकट दिलाना चाहते थे लेकिन पार्टी ने दोनों ही सीटों पर अन्य उम्मीदवारों के नाम तय किए हैं जिनका औपचारिक ऐलान होना बाक़ी है। इस बात की पार्टी के शीर्ष नेताओं को भनक लग गई और उन्होंने तेज प्रताप को ये कॉन्फ़्रेंस रद्द करने के लिए मनाया।  कहा जा रहा है कि उनकी मां राबड़ी देवी ने उन्हें ऐसा करने से रोकने में सबसे अहम भूमिका निभाई है।

अपनी प्रेस वार्ता रद्द करने के पीछे उन्होंने अपनी तरफ से कोई स्पष्टीकरण तो नहीं दिया लेकिन एक न्यूज़ चैनल को उन्होंने यह बताया कि उनके द्वारा सुझाए गए दोनों उम्मीदवार कर्मठ एवं युवा चेहरे हैं अथवा उन्हें पार्टी द्वारा टिकट मिलना ही चाहिए। उन्होंने कहा “मैं तेजस्वी यादव और लालू प्रसाद यादव सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से गुज़ारिश करता हूं कि वो युवा उम्मीदवारों को टिकट दें। युवा ही पार्टी को आगे ले जाएंगे। हाँ, मैं चाहता हूं कि मेरे दो लोगों को टिकट दिया जाए और इसमें कुछ ग़लत नहीं है। मैं तेज प्रताप, मीसा या तेजस्वी के लिए टिकट की बात नहीं कर रहा हूं।  हमारी पार्टी में नौजवानों को बेहतर मौक़े मिलने चाहिए।“

इससे पहले भी तेज प्रताप यादव की अपने परिवार में कलह की खबरे पहले भी सार्वजानिक तौर पर सामने आ चुकी हैं। वे राजद के नेता चन्द्रिका राय की बेटी ऐश्वर्या राय से अपनी शादी को लेकर भी यह आरोप लगा चुके हैं कि उन्होंने अपने परिवार के दबाव में आकर यह शादी की अथवा उन्हें कुछ लोगों द्वारा बलि का बकरा बनाया गया था। उन्होंने ऐश्वर्या से अपनी शादी को तोड़ने का ऐलान भी कर दिया था लेकिन बाद में नाटकीय ढंग से उससे मुकर भी गए। इसके अलावा पिछले वर्ष जुलाई में उन्होंने अपनी मां राबड़ी देवी के रवैये पर असंतोष जताते हुए हुए कहा था कि पार्टी के नेता ओमप्रकाश यादव और सुबोध कुमार उनके खिलाफ साजिश रच रहे हैं और उनके माता-पिता उन दोनों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। इससे तेज प्रताप यादव इतने आहत हुए थे कि उन्होंने फेसबुक पर एक पोस्ट लिखते हुए राजनीति छोड़ने की धमकी तक दे डाली थी, लेकिन विवाद बढ़ने पर उन्होंने उसे हटा लिया और भाजपा और आरएसएस पर उनके अकाउंट को हैक करने का आरोप लगा दिया था।

आम चुनावों से ठीक पहले लालू परिवार में कलह का सार्वजानिक तौर पर सामने आना उनकी पार्टी के लिए चिंता की बात है। अगर दोनों भाइयों में तकरार बढ़ती है तो विरोधी अवश्य ही इसका फायदा उठाने की कोशिश करेंगे। वहीं पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में चल रही लड़ाई से पार्टी के कार्यकर्ताओं का मनोबल भी कमज़ोर होगा। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस पारिवारिक कलह को यादव परिवार कितनी जल्दी एवं कितनी कुशलता से सुलझा पाता है।

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