पुलवामा आतंकी हमले को अपने ट्वीट में ‘एक दुर्घटना’ बताकर विवादों में आने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह को केंद्रीय पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री उमा भारती ने करारा जवाब दिया है। उमा भारती ने दिग्विजय सिंह पर हमला बोलते हुए कहा, उनको लगता है कि ऐसे बयान देकर वे देश के मुसलमानों को खुश कर सकते हैं। सरकारी इमारतों में संघ के कार्यक्रमों पर बैन लगाने की बात पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ को भी संघ की शाखाओं में शिरकत करनी चाहिए, ताकि उनका आतंकी प्रेम थोड़ा कम हो सके। एयर स्ट्राइक के सबूत के मांगने के मामले पर भी उमा भारती ने दिग्विजय सिंह को खरी-खरी सुनाई। उन्होंने कहा कि ‘दिग्विजय सिंह अपने भाषण में मुस्लिम वोटर को टारगेट करने की कोशिश करते हैं और कांग्रेस पार्टी हमेशा मुसलमानों की देशभक्ति पर संदेह करती आई है।‘
पुलवामा आतंकी हमले को लेकर दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया था ”पुलवामा आतंकी हमला हमारे लिये, सभी देशवासियों और विशेष तौर पर उस में शहीद हुए बहादुरों के परिवारों के लिए तो दुखद दुर्घटना थी। जो उसे दुखद दुर्घटना ना मानें तो यह उनका विवेक है।” विवादित ट्वीट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा केंद्रीय मंत्री वीके सिंह व रविशंकर प्रसाद भी भर्त्सना कर चुके हैं। पीएम मोदी ने उनके इस बयान पर तंज कसते हुए कहा था कि कांग्रेस पार्टी की इसी मानसिकता की वजह से पाकिस्तान को 26/11 हमले के बाद भी क्लीन चिट मिल गयी थी। वीके सिंह ने इस पर आपत्ति जताते हुए ट्वीट किया था कि ‘क्या दिग्विजय सिंह पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी की हत्या को भी मात्र दुर्घटना कहेंगे?’
ऐसा पहली बार नहीं है जब दिग्विजय सिंह अपने बयानों को लेकर विवादों में रहें हों। वर्ष 2013 में वह बाटला हॉउस एनकाउंटर की विश्वसनीयता पर सवाल उठाकर विवादों में आये थे। वर्ष 2013 में ही जब देश की सर्वोच्च अदालत ने सीबीआई को ‘पिंजरे में बंद तोता’ कहा था तो भी दिग्विजय सिंह सुप्रीम कोर्ट को खरी-खरी सुनाने से नहीं घबराए। तब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट पर ही देश की संस्थाओं को कमज़ोर करने का आरोप लगाया डाला था। दिग्विजय सिंह का आतंकी प्रेम भी किसी से छुपा नहीं है। वर्ष 2011 में अमेरिका द्वारा आतंकी ओसामा बिन लादेन को मारे जाने पर भी उन्होंने उनके लिए ‘ओसामा जी’ शब्द का उपयोग किया था। उन्होंने कहा था ‘ओसामा जी को अमेरिका द्वारा दफ़नाने दिया जाना चाहिए था’। यही नहीं, ‘भगवा आतंकवाद’ जैसे शब्दों के जनक भी दिग्विजय सिंह ही है। उन्होंने अपने दिए बयान में कहा था ”अब तक जितने भी हिन्दू आतंकवादी गिरफ्तार हुए हैं, उन सबका राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से कोई ना कोई संबंध रहा है”। बाद में इसपर सफाई देते हुए उन्होंने कहा था कि उन्हें हिन्दू आतंकवाद की जगह ‘संघी आतंकवाद’ शब्द का प्रयोग किया था।