आगामी लोकसभा चुनावों के चलते कुछ दिनों पहले एबीपी न्यूज़ ने पीएम मोदी का एक ‘एक्सक्लूसिव इंटरव्यू’ अपने चैनल पर चलाया था। इस इंटरव्यू को अगले दिन फिर एक बार चैनल पर चलाया गया, लेकिन दोबारा चलाए गए इस इंटरव्यू के सभी दर्शकों के मन में कुछ सवाल खड़े हुए जिनका जवाब उनको मिलना ही चाहिए। दोनों इंटरव्यू में दर्शकों को कुछ बदलाव नज़र आया। दरअसल, इस इंटरव्यू में एक जगह पर पीएम मोदी एबीपी न्यूज़ की संपादकीय नीति को लेकर कुछ सवाल खड़ा करते हैं, लेकिन दोबारा चलाए गए इंटरव्यू में, इंटरव्यू का यह हिस्सा काटा जा चुका था।
पीएम मोदी ने एबीपी न्यूज़ चैनल पर भाजपा के खिलाफ उनकी एजेंडावादी पत्रकारिता का पर्दाफाश किया था। पीएम मोदी ने इंटरव्यू ले रहे चैनल के दो बड़े पत्रकारों से पूछा था कि चैनल कांग्रेस परिवार के भ्रष्टाचार को पूरी दुनिया के सामने रखने में क्यों डरता है। पीएम मोदी ने चैनल की रफाल मामले पर की गई रिपोर्टिंग पर भी सवाल उठाए थे। उन्होंने पूछा था कि एबीपी न्यूज़ ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की अवमानना करते हुए, और फ्रांस सरकार की कही बात को नज़रअंदाज़ करते हुए गैर-जिम्मेदाराना रिपोर्टिंग क्यों की। पीएम मोदी ने पूछा ‘कहीं अगर सरकार के खिलाफ कोई झूठी खबर भी सामने आ जाए तो आपका चैनल 24 घंटे उसकी हैडलाइन बनाकर दिखाता है, लेकिन पिछले हफ्ते से एक ऑनलाइन मैगज़ीन ने सबूतों के सहित कांग्रेस परिवार के खिलाफ कई बातें सामने रखी हैं, उस पर आपका चैनल कोई रिपोर्टिंग नहीं करता, मैं आपके चैनल पर सीधा आरोप लगा रहा हूँ।‘
A new low for the Indian media. As PM Modi exposed ABP News' biased reporting in an interview, @abpnewshindi conveniently blacked it out. Here's the portion which these dishonest crooks did not play.pic.twitter.com/ADr2akHKm6
— Ajit Datta (@ajitdatta) April 6, 2019
हालांकि, पीएम मोदी द्वारा नसीहत मिलने के बाद भी यह चैनल नहीं सुधरा और बाद में एक नई थ्योरी के साथ मामले को घुमाने की कोशिश की। एबीपी न्यूज़ ने यह खबर चलाई कि पीएम मोदी रफाल पर सवाल पूछने के बाद तिलमिला गए और चैनल पर ही आरोप लगाने लगे। हालांकि, उनका यह जवाब दर्शकों को संतुष्ट करने के लिए काफी नहीं था। इसके बाद पीएम मोदी का इंटरव्यू लेने वाले एक पत्रकार सुमित अवस्थी ने ट्वीट कर सफाई दी ‘मित्रों,राफेल पर पीएम @narendramodi से पूछे सवाल को @abpnewshindi ने इवनिंग प्राइमटाइम में इंटरव्यू के रिटेलीकास्ट के लिये जान कर रोका था ताकि दर्शकों के लिये कुछ नया पेश किया जा सका.ये एडिटोरियल कॉल था ! @abpnewstv की वेबसाइट ने पूरे इंटरव्यू को टेलीकास्ट के बाद पोस्ट कर दिया।‘
https://twitter.com/awasthis/status/1114420463101517824
हालांकि, अब एबीपी न्यूज़ चाहे कुछ भी कहता रहे, लेकिन सच्चाई यही है कि एबीपी न्यूज़ ने एक संपादित इंटरव्यू को एयर करने की चाल चली और वह बुरी तरह पकड़ा गया। ना सिर्फ उसने पीएम मोदी का इंटरव्यू एडिट किया, बल्कि पीएम मोदी के अपना आपा खोने की भी झूठी खबरे चलाई, जिससे कि सोशल मीडिया पर भी लोगों ने जमकर इस चैनल को ट्रोल किया। लेकिन कुल मिलाकर यहां पीएम मोदी द्वारा उठाए गए सवालों पर भी गौर करना उतना ही महत्वपूर्ण है। भारत का मुख्यधारा मीडिया केंद्र सरकार के खिलाफ पिछले कई सालों से लगातार जहर उगलता आया है। देश का मीडिया जहां कांग्रेस की काली करतूतों पर पर्दा डालता आया है, तो वहीं केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर प्रोपेगैंडा फैलाता आया है। देश का मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ होता है, ऐसे में अगर देश का मीडिया ही अगर एकतरफा एजेंडा को बढ़ावा देने के काम में लग जाएगा, तो दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के लिए इससे बड़ा दुर्भाग्य भला और क्या हो सकता है?