अमर्त्य सेन और मनमोहन सिंह की बेटियां नालंदा विश्वविद्यालय को 5 स्टार होटल की तरह चलाती थीं

अमर्त्य सेन मनमोहन

(PC: BeAnInspirer)

टाइम्स ऑफ इंडिया की संपादक (आंतरिक सुरक्षा) भारती जैन ने अमर्त्य सेन पर बड़ा खुलासा करते हुए उन्हें आड़े हाथों लिया है। दरअसल, अमर्त्य सेन ने केंद्र सरकार पर एक बयान दिया था। इसमें उन्होंने बेरोजगारी को लेकर भाजपा पर निशाना साधा था। अमर्त्य सेन के इस बयान से लेकर उनके द्वारा वर्तमान सरकार पर लगाए गए तमाम आरोपों के बाद भारती जैन ने अब उनकी पोल खोलकर रख दी है। भारती ने मनमोहन सरकार के समय उन्हें मिले पद सहित वे सभी कारण गिना दिए हैं जिस वजह से अमर्त्य सेन मोदी सरकार के खिलाफ बयान दे रहे है।

गौरतलब है कि, अमर्त्य सेन को 2007 में नालंदा मेंटर ग्रुप का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था और 2012 में अमर्त्य सेन को तत्कालीन यूपीए सरकार द्वारा नालंदा विश्वविद्यालय का प्रथम कुलपति नियुक्त किया गया। इस पद पर उनका वेतन था पांच लाख रुपए प्रति महीना। भारती ने बताया कि इस पद पर रहते हुए अमर्त्य अधिकतर समय विदेश यात्राओँ पर ही रहे। अमर्त्य को सरकार द्वारा खूब विदेशी दौरे तो करवाए ही गए साथ ही उन्हें विश्वविद्यालय में सीधी भर्तियां करने का अधिकार भी दे दिया गया था। इस तरह उन्हें अपने 7 चेहतों की फैकल्टीज में नियुक्तियां भी करवा दीं। अमर्त्य ने इस पद पर 9 सालों तक राज किया और इस दौरान उन्होंने 2729 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च कर दिए। इतना खर्च करने के बाद भी वे विश्वविद्यालय में कोई काम नहीं कर रहे थे।

भारती जैन ने खुलासा किया कि, अमर्त्य सेन ने जिन चार महिला फैकल्टीज की नियुक्ती की उनके नाम हैं- डॉ गोपा सभरवाल, डॉक्टर अंजना शर्मा, नयनजोत लाहिरी और उपिंदर सिंह। यहां बता दें कि उपिंदर सिंह डॉ मनमोहन सिंह की बेटी है और जो बाकी तीनों फैकल्टीज हैं वे उनकी करीबी थीं। भारती ने बताया कि, इसके बाद डॉ दमन सिंह और डॉ अमृत सिंह नाम के दो अन्य फैकल्टीज की भी भर्ती की गई थी। बता दें कि ये दोनो ही मनमोहन सिंह की बेटियां हैं। बताया गया है कि, ये लोग विदेशों में बैठ कर विश्वविद्यालय चला रहे थे और फ्री की सैलरी उठा रहे थे। भारती जैन ने अपने ट्वीट्स के जरिए अमर्त्य की पोल खोलते हुए बताया कि. जब केंद्र में मोदी सरकार आई तो इसमें बदलाव आया और यही बदलाव अमर्त्य सेन को चुभ रहा है।


नरेंद्र मोदी की सरकार ने फ्री की सैलरी लेने वाले इन सभी लोगों को युनिवर्सिटी प्रशासन से बाहर का रास्ता दिखा दिया था और इसके बाद से ही अमर्त्य सेन ने पीएम मोदी के खिलाफ जहर उगलना शुरू कर दिया।

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