उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी बंटी सी नज़र आ रही है कारण है आजम खान के अभद्र भाषण। जहां सपा प्रमुख अखिलेश यादव आजम खान का बचाव करते नज़र आयें वहीं, घर की छोटी बहू अपर्णा यादव ने इसके खिलाफ एक्शन लेने की मांग की। अपर्णा ने कहा ‘अखिलेश भैया को इस पर कोई एक्शन लेना चाहिए।‘आजम खान की तरफ इशारा करते हुए अपर्णा ने कहा “पार्टी की एक छवि होती है और पार्टी के इतने बड़े नेता को ऐसे बयान नहीं देने चाहिए।“ हालांकि, समाजवादी पार्टी के सभी बड़े-बड़े नाम अभी तक इस पर मौन व्रत रखे हुए हैं लेकिन मुलायम सिंह यादव की बड़ी बहु और अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रहे हैं।
आपको बता दें कि रामपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए आजम खान ने रविवार को बीजेपी उम्मीदवार जया प्रदा पर निशाना साधते हुए आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इस रैली में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव भी मौजूद थे। उनके इस बयान पर बीजेपी ने सख्त ऐतराज जताते हुए माफी की मांग की थी लेकिन बड़े ही शर्मनाक तरीके से समाजवादी पार्टी के हाई कमान आजम खान का बचाव कर रहे हैं। यहां तक कि खुद एक महिला होते हुए भी डिंपल यादव ने मौन धारण किया हुआ है। उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। जबकि यादव परिवार की छोटी बहु अपर्णा यादव ने पार्टी और परिवार के खिलाफ़ जाकर सच का साथ देने कि हिम्मत दिखाई है। अखिलेश यादव कि पत्नी और सपा नेता ‘डिंपल यादव’ जो वैसे तो हमेशा अपना एक स्पष्ट मत रखती हैं, और औरतों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाती नज़र आती हैं वो भी अब तक मुंह पर ताला लगाए बैठी हैं। उन्होनें उत्तर प्रदेश की महिलाओं के लिए ‘समाजवादी वीमेन’ नाम से एक नई मुहिम भी शुरू की थी और उनकी परेशानियों को समझने और जानने की बात कही थी, लेकिन इस मामले पर उनकी चुप्पी ये साफ दिखाती है कि डिंपल यादव की ‘कथनी और करनी’ में बहुत फर्क है। हद तो तब हो गयी जब विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा टैग किये जाने के बाद भी डिंपल यादव की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई। सुषमा स्वराज ने अपने ट्वीट में मुलायम सिंह से इस मामले में सख्त एक्शन लेने के लिए कहा था। वहीं अपर्णा यादव अपनी ही पार्टी से आजम खान द्वारा एक महिला के सम्मान को तार-तार किये जाने से गुस्सा हैं।
कोई भी पार्टी किसी महिला के सम्मान से बड़ी नहीं होती। हमारे संस्कार और इतिहास दोनों ही महिलाओं का सम्मान करना सिखाते हैं, लेकिन समाजवादी पार्टी का इतिहास देखें तो ऐसा लगता है उन्हें सिर्फ सत्ता, और वोटबैंक से मतलब है चाहे इसके लिए कितने भी निम्न स्तर पर क्यों न जाना पड़े। डिंपल यादव भी अपनी चुप्पी से इसपर अपनी सहमति दे रही हैं जबकि अपर्णा अपनी पार्टी और परिवार से इतर एक अलग ही उदाहरण स्थापित कर रही हैं। वैसे भी सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव अक्सर परिवार से अलग अपनी राय रखने के लिए जानी भी जाती हैं। वो एक सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता हैं और महिलाओं के अधिकारों के लिए हमेशा खड़ी रहती हैं। जिस तरह से उन्होंने आजम खान के खिलाफ पार्टी को एक्शन लेने के लिए कहा वो सराहनीय है। हो सकता है कि अपर्णा के इस रुख से पार्टी में ये आवाज उठे कि वो पार्टी के खिलाफ हैं लेकिन अपर्णा यादव खुद भी एक महिला हैं और दूसरी महिला का अपमान होते हुए वो नहीं देख सकीं और कार्रवाई की मांग की।
अपर्णा की तरह ही अन्य महिला नेता को भी खासकर डिंपल यादव को अपनी देवरानी से कुछ सीखना चाहिए। हर महिला नेता को राजनीति को परे रखकर महिला के सम्मान पर ऊँगली उठाने वालों के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। एक ही परिवार की दो बहुओं के विचारों में फर्क साफ़ नजर आता है। एक सिर्फ दिखावा करती हैं लेकिन वक़्त आने पर चुप्पी साध लेती हैं, वहीं दूसरी बहू सही और सच का साथ दे रही है। परिवार में भले ही अपर्णा छोटी बहू है लेकिन विचारधारा और हिम्मत में वो डिंपल से कहीं आगे है।