आज़म खान के जया प्रदा पर आपत्तिजनक बयान के बाद उत्तर प्रदेश की सियासत में भूचाल आया हुआ है। एक तरफ जहां इस बयान के बाद भाजपा ने आज़म खान को आड़े हाथों लिया है, वहीं दूसरी तरफ पूरी लिबरल गैंग बड़ी बेशर्मी से आज़म खान के इस घटिया बयान के बचाव में उतर आई है। वामपंथी मीडिया पोर्टल ‘द वायर’ ने जहां इस खबर को तोड़-मरोड़ कर पेश किया तो वहीं उनकी पार्टी ने भी खुलकर आज़म खान का बचाव किया। सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बात तो यह है कि इस गैंग की महिला सदस्य भी आज़म खान के इस बयान का बचाव कर रहीं हैं। आज़म खान की हो रही चौतरफा निंदा के बाद इस बात की उम्मीद जगी थी कि अब उनपर कोई कार्रवाई की जा सकती है, लेकिन उनकी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को भी उनके इस बयान में कुछ आपत्तिजनक नज़र नहीं आता।
आपको बता दें कि हाल ही में एक चुनावी सभा में आज़म खान ने भाजपा नेता जया प्रदा पर निशाना साधते हुए कहा था ‘मैं उसे (जया प्रदा) रामपुर लेकर आया, यहां की सड़कों, गलियों से उसका परिचय कराया, किसी को उसे छूने तक नहीं दिया, इस बात को तो आप भी जानते होंगे। लेकिन मेरे में और आप में यह फर्क है कि आपको उसे समझने में 17 बरस लग गए जबकि मैं 17 दिनों में जान गया कि उनका नीचे का का जो अंडरवियर है, वह खाकी रंग का है’।
https://twitter.com/MukeshDBhatia1/status/1117797025368526849
सबसे पहले आज़म खान के इस बचाव में ‘द वायर’ सामने आया। द वायर की विवादित पत्रकार अरफा खानुम शेरवानी ने इसका बचाव करते हुए ट्वीट किया ‘आज़म खान के बयान पर लोगों का गुस्सा अपनी जगह है, लेकिन हमें इस प्रोपेगैंडा वॉर को भी समझना होगा। अपने इस बयान में आज़म खान जया प्रदा की नहीं बल्कि अमर सिंह की बात कर रहे हैं’। उनके इस शर्मनाक ट्वीट के बाद लोगों ने उन्हें इतना ट्रोल किया कि उन्हें थोड़ी देर में उस ट्वीट को डिलीट करना पड़ा।
मुलायम भाई – आप पितामह हैं समाजवादी पार्टी के. आपके सामने रामपुर में द्रौपदी का चीर हरण हो रहा हैं. आप भीष्म की तरह मौन साधने की गलती मत करिये. @yadavakhilesh Smt.Jaya Bhaduri, Mrs.Dimple Yadav.pic.twitter.com/FNO5fM4Hkc
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) April 15, 2019
उसके बाद आज़म खान की समाजवादी पार्टी उनके बचाव में आई। सबको यह आशा थी कि पार्टी हाइकमान और अध्यक्ष अखिलेश यादव उनपर कोई कार्रवाई कर सकते हैं। इससे पहले भाजपा नेता सुषमा स्वराज ने भी एक ट्वीट करके समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव से आज़म खान पर कार्रवाई करने का अनुरोध किया था। लेकिन अखिलेश यादव ने तब सबको निराश करने का काम किया जब उन्होंने यह कहा कि आज़म खान अपने बयान में जया प्रदा की बात कर ही नहीं रहे थे। उन्होंने कहा ‘वो किसी और के बारे में बात कर रहे थे। हम लोग समाजवादी हैं, हम किभी भी किसी महिला के खिलाफ गलत भाषा का इस्तेमाल नहीं करते हैं’।
हालांकि, अखिलेश यादव के इस बयान से कोई हैरानी भी नहीं होती क्योंकि महिला सशक्तिकरण को लेकर समाजवादी पार्टी का इतिहास बेहद निराश करने वाला रहा है। इससे पहले समाजवादी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव भी महिलाओं को लेकर एक अपमानजनक बयान दे चुके हैं जिसमें उन्होंने दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराध करने वाले दोषियों का बचाव करते हुए कहा था कि ‘लड़कों से गलती हो जाती है, इस लिए उन्हें मृत्युदंड देना उचित नहीं है’। इससे एक बात तो साफ है कि महिलाओं का अपमान करना समाजवादी पार्टी के डीएनए में ही मौजूद है। यही कारण है कि आज़म खान जैसे नेता बार-बार सार्वजनिक मंचों से महिलाओं का अपमान करने से नहीं घबराते और बिना कुछ सोचे-समझे जो मन में आए वह बक देते हैं, लेकिन इन लोकसभा चुनावों में अब देश की जनता के पास ऐसी मानसिकता वाले लोगों को सबक सिखाने का एक अच्छा मौका है।