वरिष्ठ पत्रकार ने आजम खान पर भारतीय सेना के काफिले पर पत्थर फेंकने का लगाया आरोप

आज़म खान

(PC: Patrika)

देश में जब पुलवामा हमला हुआ था तब पूरे देश में शोक की लहर थी और पाकिस्तान के खिलाफ आक्रोश था लेकिन सपा नेता आज़म खान तब भी अपनी गंदी राजनीति करने में व्यस्त थे। उस समय भी वो पीएम मोदी पर निशाना साधकर राजनीतिक अंक बंटोरने का काम कर रहे थे। समाजवादी पार्टी के नेता और रामपुर से पार्टी के उम्मीदवार आज़म खान अक्सर ही अपने विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं लेकिन एक बार फिर से उनसे जुड़े एक विवाद का खुलासा हुआ है। इस बार ये खुलासा वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ ने किया है। ये वीडियो इसी साल फरवरी की है। 

https://youtu.be/lZ2velRMY_U

लखनऊ के Amity Law School के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पत्रकार पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को लेकर एक बड़ा खुलासा किया। बता दें कि आज़म खान समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य हैं। वो रामपुर से 9 बार चुनाव जीते हैं। वर्तमान में वह रामपुर से विधायक हैं। पत्रकार पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ ने आरोप लगाया है कि जब 1965 में भारत-पाक के बीच युद्ध चल रहा था उस समय समाजवादी पार्टी के विवादित नेता आजम खान भी भारतीय सेना पर हमला करने में शामिल थे। उन्होंने आरोप लगाया कि आजम खान ने भारतीय सेना पर पत्थरबाजी की थी।

अपने भषण में उन्होंने कहा था, “जैसे इस्लाम के बारे में, कुरान के बारे में, हदीस के बारे में शरिया के बारे में बहुत कुछ नहीं बताया जाता और जानबूझकर छुपाया जाता है। कुछ लोगों के किरदार को जानबूझकर गलत तरीके से दिखाया जाता है। ऐसे ही आधुनिक भारत में तथाकथित आजादी के बाद भी बहुत सी चीजों के बारे आपको नहीं बताया गया है। जैसे सुभाष चन्द्र बोस, वीर सावरकर के बारे में आज की जनरेशन को नहीं बताया गया। कुछ लोगों को इस देश की सत्ता पर बैठाने के लिए क्या-क्या कुकर्म किये गये वो भी नहीं बताया गया। इससे पता चलता है कि अच्छे लोगों को इतिहास कैसे दफन कर देता है और चोर उच्चके, लुटेरों को किस तरह से महान बना देता है।”   

पत्रकार पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने अपने भाषण में आगे कहा था, “उत्तर प्रदेश में एक सरकार थी उस सरकार में एक मंत्री था इत्तेफाक से ये उसी यूनिवर्सिटी से पढ़ा था जिससे मैं पढ़ा था। मुलायम सिंह की सरकार में उस मंत्री का नाम था आजम खान।“

पत्रकार पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने अपने भाषण में उस वक्त की घटना पर कहा था, “रामपुर के अंदर एक शख्स अपने कॉलेज के दिनों में 50 लड़कों की एक टोली बनाता है, और रामपुर कैंटोनमेंट एरिया से जो फौजी सेना बॉर्डर पर जा रही थीं उनके खिलाफ सड़के खोदी जाती हैं और उनपर पथराव किया जाता है। इसी सिलसिले में उसे गिरफ्तार करके पिटाई की गयी और रामपुर के अस्पताल ले जाया जाता है तो उस वक्त के आईबी ऑफिसर उसे शहर छोड़ने के लिए कहते हैं। उस दिन से उस कायर आजम खान ने शहर छोड़ा और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में जाकर छुप जाता है। फिर वहां से निकलर हिन्दुस्तान का वो मंत्री बन जाता है। जिसने देश के सैनिकों पर पत्थर फेंके, हिंदुस्तान के खिलाफ पत्थर चलाये वो इस देश के अंदर एक राज्य का मंत्री बन जाता है।”

पत्रकार पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने कहा कि ये दुखद है कि हमारे इतिहास में कुछ चीजों को जानबूझकर दबा दिया जाता है या उसे सामने आने से रोक दिया जाता है। आज के समय में ये बहुत जरुरी हो गया है कि सच को बिना घुमाये या छुपाये आम जनता के सामने रखा जाये। पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने सही कहा भारत की राजनीति के इतिहास में कई ऐसे राज दफन है जिसे कभी सामने आने नहीं दिया गया बस अपने हित के लिए जानबूझकर झूठ और आधा सच दिखाया गया।

पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने आजम खान को लेकर जो खुलासा किया उससे ये तो साफ़ है कि हमारे देश की राजनीति में आजम खान जैसे नेता जो सेना के साथ इस तरह का व्यवहार करे और उनपर पत्थरबाजी करे उसे किसी भी संवैधानिक पद पर रहने का कोई अधिकार ही नहीं देना चाहिए।

ये किसी से छुपा नहीं है कि आजम खान विवादित बयान के लिए जाने जाते हैं और वो सेना विरोधी टिप्पणी भी कर चुके हैं। सेना का अपमान हो या विरोधी पार्टियों के नेताओं का अपमान हो या संवैधानिक पदों और अधिकारियों के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल हो, धर्म, जात के नाम पर वोट अपील करना हो या किसी महिला किसी वर्ग विशेष का अपमान हो, आजम खान चर्चा में बने रहते हैं। दुर्भाग्य तो ये है कि हमारे देश की जनता ऐसे लोगों के असली चेहरे को नहीं पहचान पाती और न ही इनका सच जान पाती है।

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