बिप्लब देब की पत्नी ने तलाक की खबरों को बताया झूठ

बिप्लब देब मीडिया

(PC: Janta ka Reporter)

मीडिया को किसी भी लोकतन्त्र का एक अहम हिस्सा माना जाता है। इसके माध्यम से लोग बाकी दुनिया के साथ अपने संवाद को बेहतर बनाते हैं, हालांकि जब वही मीडिया खबरों के नाम पर अपना एजेंडा आगे बढ़ाना शुरू कर दे, तो भला किसी देश के लिए उससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है। दरअसल, कल यानि 26 अप्रैल को CNBC TV -18 समेत कई वामपंथी मीडिया समूहों ने बड़ी प्रमुखता से यह खबर चलाई कि त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब की पत्नी ने अपने पति पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। खबर में यहां तक दावा किया गया कि उनकी पत्नी नीति देब ने घरेलू हिंसा को लेकर अपने पति पर कोर्ट में मुकदमा भी किया है। हालांकि बाद में जब खुद उनकी पत्नी नीति देब ने इस बात का खंडन किया तो इन लिबरल गैंग के होश फाखते हो गए।

हालांकि, जैसे ही यह झूठी खबर मुख्यधारा मीडिया में आई, देश का लिबरल गैंग तुरंत एक्टिव हो गया और अपने हित साधने के लिए इस खबर को प्रचारित करना शुरू कर दिया। क्रांतिकारी पत्रकार अभिसार शर्मा के साथ-साथ मनीकंट्रोल और ‘द क्विंट’ जैसे तथाकथित मीडिया समूहों ने भी इस खबर को खूब फैलाया। ‘द क्विंट’ ने तुरंत इस खबर को लपका और ट्वीट किया ‘त्रिपुरा के सीएम बिप्लब देब की पत्नी ने उनपर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं।

मनीकंट्रोल ने भी इस खबर को दोनों हाथों से स्वीकार किया और ट्वीट किया ‘त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब पर उनकी पत्नी ने घरेलू हिंसा के आरोप लगाए हैं, और दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में उनकी पत्नी ने तलाक की अर्ज़ी भी लगाई है।

हालांकि यह खबर पूरी तरह से फेक तब साबित हुई जब खुद बिप्लब देब की पत्नी नीति देब ने सामने आकर इस खबर का खंडन किया। उन्होंने अपनी एक फेसबुक पोस्ट में लिखकर बताया ‘अफवाहों का कोई मुंह नहीं होता, कुछ घटिया और गिरे हुए लोग कुछ सुर्खियां बंटोरने के लिए ऐसी झूठी खबरें फैलाते हैं। राजनीतिक दृष्टि से प्रभावशाली लोगों के खिलाफ फायदा उठाने के लिए ऐसी झूठी खबरें फैलाई जा रही हैं’। आखिर में उन्होंने लिखा ‘मैं आप सबसे गुजारिश करती हूं कि कुछ घटिया लोगों द्वारा फैलाई जा रही इस झूठी खबर की तरफ ध्यान ना दें।‘

यानि नीति देब ने इस पूरी लिबरल गैंग को मुंहतोड़ जवाब देने में कोई कसर नहीं छोड़ी, हालांकि इसके बाद इस पूरी लिबरल गैंग ने बड़ी चालाकी से इस खबर को अपने प्लेटफार्म से हटा लिया। लेकिन यह भी सच है कि चुनावों के दौर में मुद्दा विहीन विपक्ष को ऑक्सीजन देने के लिए वामपंथी गैंग आज कल ओवरटाइम कर रहा है। कभी पीएम मोदी के बारे में झूठी खबर फैलाई जाती है, तो कभी किसी भाजपा के नेता को किसी फेक न्यूज़ के जाल में घसीट लिया जाता है। लेकिन अब देश की जनता द्वारा ऐसी फेक न्यूज़ फैक्टरीज़ की पहचान कर इनका बहिष्कार करने की आवश्यकता है।

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