पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी एन चुनाव के मौके पर एक ऐसा कदम उठा दिया है कि, बंगाल इसके लिए इस पार्टी को कभी माफ नहीं करेगा। दरअसल, पश्चिम बंगाल में टीएमसी कार्यकर्ताओं की गुंडागर्दी एक बार फिर देखने को मिली है और इस बार इस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने ऐसे व्यक्ति पर जानलेवा हमला कर दिया कि अब प. बंगाल टीएमसी के हाथों से छिटकता दिखाई दे रहा है। बंगाल में राजनीति को जंगलराज तक पहुंचाने वाली ममता बनर्जी का यह डराने वाला रूप सामने आया है। दरअसल, भाजपा सांसद और सुभाष चंद्र बोस के पोते चंद्र कुमार बोस पर टीएमसी कार्यकर्ताओं ने जानलेवा हमला करने की कोशिश की। ये कोशिश तब की गयी जब चंद्र कुमार बोस नामांकन दाखिल करने के लिए अपने पार्टी के लोगों के साथ चुनाव आयोग के दफ्तर जा रहे थे।
बता दें कि भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के उपाध्यक्ष चंद्र कुमार बोस इस बार दक्षिण कोलकाता लोकसभा सीट से उम्मीदवार हैं। चंद्र कुमार बोस भारत के स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस के पोते है। चंद्र कुमार बोस ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उन्हें नामांकन दाखिल करने दफ्तर तक हेलमेट पहन कर आना पड़ा क्योंकि उन्हें अपना माथा बचाना था। उन्होंने बताया कि रास्ते में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी का आवास पड़ता है जिसके बाहर उन्हें टीएमसी के कार्यकर्ताओं के द्वारा घेर लिया गया।
चंद्र कुमार बोस ने कहा, ‘ममता बनर्जी ने योजनाबद्ध तरीके से मेरी हत्या कराने की कोशिश की थी। इसलिए जब मैं नामांकन करने के लिए जा रहा था तब टीएमसी गुंडों को सजाकर रखा गया था, उनके हाथ में टीएमसी के झंडे, बैनर और लाठी-डंडे थे।’ बोस ने आगे बताया कि टीएमसी कार्यकर्ताओं ने उनके काफिले को घेर लिया और धक्का मुक्की करने लगे। उन्होंने कहा कि, अगर भाजपा कार्यकर्ता मेरे साथ नहीं होते तो मेरी जान से मार दिया गया होता। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी का ऐसा ही शासन है कि विपक्ष के उम्मीदवारों को जान से मार दो। बोस ने दावा किया, ‘तृणमूल की उम्मीदवार माला राय ने लोगों को भेजकर मुझ पर जानलेवा हमला कराया है। अगर भाजपा के कार्यकर्ता मेरी जान नहीं बचाते तो आज मेरी हत्या हो जाती।’ उन्होंने कहा, ‘ममता बनर्जी के शासन ने चारों तरफ कानून व्यवस्था को पूरी तरह से लचर कर दिया है। वारदात के मौके पर कोलकाता पुलिस मौजूद थी लेकिन बस तमाशबीन बनकर तमाशा देख रही।’
वैसे ये पहली बार नही है जब ममता का खौफ बंगाल में देखने को मिला हो इससे पहले भी कई बार बंगाल की मुख्यमंत्री अपनी राजनीतिक शक्तियों का गलत प्रयोग करती नज़र आ चुकी हैं। इसका उदाहरण हाल ही में तब देखने को मिला जब हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजे खटखटाने के बावजूद ममता बनर्जी सरकार ने भाजपा को पश्चिम बंगाल में रथयात्रा की अनुमति नहीं दी।
ऐसी घटनाओं से ये साफ पता चलता है कि बंगाल कि राजनीति अब जंगलराज बन चुकी है और बंगाल में किसी के लिए कोई सम्मान नही बचा है। यही वजह है कि, आज बंगाल की शान समझे जाने वाले भारत की आज़ादी के नायक सुभाष चंद्र बोस के परिवार के साथ भी इस तरह का व्यवहार हो रहा है। वो सुभाष चंद्र बोस जिनकी बंगाल के हर घर में भगवान की तरह पूजा की जाती है। वो सुभाष चंद्र बोस जिनकी फोटो पश्चिम बंगाल के हर घर में आपको मिल जाएगी। ममता के कार्यकर्ताओं का यह हमला सिर्फ बोस पर ही नहीं बल्कि एक तरह से बंगाली अस्मिता और बंगालियत पर भी हमला है। सुभाष चंद्र बोस बंगालियों की रग-रग में बसे हैं और उनके पड़पोते पर हमला वे लोग कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे। टीएमसी ने यह हरकत कर बहुत बड़ी गलती कर दी है, यहां तक कि इससे अब उसके बंगाल खोने तक की नौबत आ जाएगी।