अब साध्वी से लड़ाई जीतने के लिए महागठबंधन से बैर कर कन्हैया कुमार की शरण गए दिग्विजय सिंह

दिग्विजय सिंह कन्हैया कुमार महागठबंधन

PC : swadeshnews

टुकड़े-टुकड़े गैंग के प्रमुख सदस्य और देशद्रोह का मुकदमा झेल रहे कन्हैया कुमार को अब कांग्रेस पार्टी का भरपूर समर्थन मिल चुका है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कन्हैया कुमार का समर्थन करते हुए यह तक कह डाला कि उन्होंने कभी देश के खिलाफ नारे नहीं लगाए। बिहार में महागठबंधन के कन्हैया कुमार के खिलाफ लड़ने पर दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी में कन्हैया को लेकर कन्फ्यूजन था इसलिए ऐसा हुआ। लेकिन, वह कन्हैया कुमार का समर्थन करते हैं और उन्हें भोपाल में प्रचार करने के लिए आमंत्रित भी किया गया है। उन्होंने कहा कि कन्हैया ने कभी देश विरोधी नारे नहीं लगाए थे और उनको लेकर केवल झूठ फैलाया जा रहा था।

आपको बता दें कि दिग्विजय सिंह का यह बयान इसलिए हैरान करने वाला है कि क्योंकि कांग्रेस और आरजेडी के गठबंधन ने कन्हैया कुमार के खिलाफ अपना उम्मीदवार उतारा है। जिस बेगूसराय सीट से कन्हैया चुनाव लड़ रहे हैं, उस सीट से गठबंधन ने तनवीर हसन को मैदान में उतारा है। एक तरफ तो कांग्रेस बेगूसराय में कन्हैया के खिलाफ लड़ रही है, वहीं दूसरी तरफ बताया जा रहा है कि कन्हैया कुमार को भोपाल में दिग्विजय सिंह ने प्रचार के लिए आमंत्रित किया है और अब कन्हैया कुमार 8-9 मई को भोपाल में उनके लिए प्रचार कर सकते हैं। ऐसे में कांग्रेस द्वारा कन्हैया का समर्थन करना बिहार में आरजेडी हाइकमान को नाराज कर सकता है, जिसकी आंच गठबंधन पर भी पड़ सकती है।

आपको बता दें कि, कांग्रेस पार्टी के दिग्विजय सिंह भोपाल से साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं जहां उनकी स्थिति को बेहद कमजोर मानी जा रही है। यही कारण है कि अब उनको अपने वामपंथी गुट का सहारा लेना पड रहा है। इसके लिए उन्होंने इस गैंग के सबसे विवादित चेहरे कन्हैया कुमार को चुना है। वहीं दूसरी तरफ कन्हैया कुमार बिहार के बेगूसराय से चुनाव लड़ रहे हैं, जिनके सामने भाजपा की ओर से केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह मैदान में हैं, तो वहीं महागठबंधन की ओर से राजद नेता तनवीर हसन की किस्मत दांव पर लगी है, जिसके बाद अब इस सीट पर त्रिकोणीय मुक़ाबला होने जा रहा है। कन्हैया कुमार को वामपंथी गैंग के सदस्यों का पूरा समर्थन हासिल है, फिर चाहे वे सीपीआई के नेता हों या स्वरा भास्कर जैसे बॉलीवुड के अभिनेता। हालांकि, इस पूरी लिबरल गैंग के समर्पित समर्थन के बावजूद इस बार कन्हैया की नैया पार लगते नहीं दिखाई दे रही, क्योंकि उनके विपक्ष में दो बड़े मजबूत जनाधार वाले नेता मैदान में हैं।

यहां आपके लिए यह भी जानना जरूरी है कि जेएनयू विवाद केस में दिल्ली पुलिस ने कन्हैया कुमार के खिलाफ अपनी चार्जशीट में राजद्रोह का मुकदमा दर्ज़ किया हुआ है। पहले वे बेगूसराय से महागठबंधन के उम्मीदवार तय होने वाले थे लेकिन उनके इसी राजद्रोह के केस की वजह से राजद नेता तेजस्वी यादव ने उनको अपनी पार्टी से दूर रखना बेहतर समझा और वहां से अपने उम्मीदवार तनवीर हसन को मैदान में उतार दिया। अब वे सीपीआई के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन इस पार्टी का बेगूसराय सीट पर कोई खास प्रभाव नहीं है, जिसकी वजह से अब वे झूठ और फरेब की राजनीति कर अपनी जमानत जब्त होने के बचाव के उपाय खोज रहे हैं। हालांकि, जो व्यक्ति खुद अपनी जमानत जब्त होने से बचाने के लिए कड़ी मशक्कत कर रहा हो, उस व्यक्ति को अपने चुनाव प्रचार में बुलाकर कांग्रेस खुद अपना ही मज़ाक बना रही है। देशद्रोह का मुकदमा झेल रहे एक शख्स को देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी द्वारा उसके प्रचार में बुलाया जाना घोर निंदनीय है।

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