कश्मीर के लिए अलग PM की मांग पर गौतम गंभीर ने उधेड़ कर रख दी उमर अब्दुल्ला की बखिया

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PC : PunjabKesari

अपने क्रिकेट करियर में बेस्ट ओपनर माने जाने वाले गौतम गंभीर ने राजनीति में भी धमाकेदार ओपनिंग की है। हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए गंभीर ने आज अपनी राजनीतिक पारी का पहला सिक्सर जड़ दिया है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक पार्टी नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला को ऐसा जवाब दिया है कि, अब्दुल्ला की बखिया उधड़ गई।

उमर अब्दुल्ला ने कल देश को तोड़ने वाला एक बयान दिया था जिससे नेशनल कांफ्रेंस का देश विरोधी चेहरा साफ-साफ दिखाई दे रहा था। उमर अब्दुल्ला ने अपनी एक चुनावी सभा में यह कहा कि अगर यूपीए की सरकार दोबारा सत्ता में आती है तो जम्मू-कश्मीर का अलग प्रधानमंत्री बना दिया जाएगा। साथ ही उमर अब्दुल्ला ने देश के अन्य राज्यों का अपमान करते हुए कहा कि कश्मीर की तुलना यूपी, बिहार जैसे राज्यों से नहीं की जानी चाहिए। कश्मीर के बांदीपोरा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि, ‘आज हमारे ऊपर तरह-तरह के हमले हो रहे हैं और तरह-तरह की साजिशें रची जा रही हैं। जम्मू-कश्मीर की पहचान को मिटाने के लिए बड़ी- बड़ी ताकतें लगी हुई हैं। बाकी रियासत बिना शर्त के देश में मिले, पर हमने कहा कि हमारी अपनी पहचान होगी, अपना संविधान होगा। हमने उस वक्त अपने “सदर-ए-रियासत” और “वजीर-ए-आजम” भी रखा था, इंशाअल्लाह उसको भी हम वापस ले आएंगे।’ उमर अब्दुल्ला के इस बयान के बाद देशभर के लोगों आक्रोश है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी लेकिन नेशनल कांफ्रेंस की सहयोगी कांग्रेस एवं अन्य किसी विपक्षी दल ने इसपर अब तक कुछ नहीं बोला।

बीजेपी लीडर गौतम गंभीर ने उमर के इस देशविरोधी बयान पर उनकी तगड़ी खिंचाई की है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘उमर अब्दुल्ला जम्मू कश्मीर के लिए अलग प्रधानमंत्री चाहते हैं तो मैं महासागरों पर चलना चाहता हूं! उमर अब्दुल्ला जम्मू कश्मीर के लिए अलग प्रधानमंत्री चाहते हैं तो मैं चाहता हूं कि सूअर हवा में उड़ें! एक अलग प्रधानमंत्री से ज्यादा उमर अब्दुल्ला को एक स्ट्रांग कॉफी पीकर अच्छी नींद लेने की जरूरत है! और यदि उसके बाद भी उनकी बुद्दि ठिकाने नहीं आए तो एक हरे रंग का पाकिस्तानी पासपोर्ट…।’ इस तरह गंभीर ने अब्दुल्ला के बयान की धज्जियां ही उड़ा कर रख दी है।

गौतम गंभीर का यह ट्वीट तेजी से ट्विटर पर वायरल हो रहा है। लोग गौतम के इस ट्वीट की तारीफ कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, ‘वाह चैंप! अब्दुल्ला को क्या करारा तमाचा मारा है।’ एक अन्य ने यूजर ने लिखा- ‘भाग भाग भाग शेर आया शेर।’ गंभीर ने जिस तरह से इस ट्वीट में उमर अब्दुल्ला की अलग प्रधानमंत्री की मांग का मजाक उड़ाया है, वह सोशल मीडिया यूजर्स को खूब पसंद आ रहा है।

गंभीर ने अपने ट्वीटर अकाउंट से एक और ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा, ‘आपकी क्रिकेट की नॉलेज तो बहुत बुरी है लेकिन अगर आप एक दो बार अगर स्वार्थ को परे रखकर सोचोगे तो पाओगे कि बाकी देश की तरह कश्मीरियों को भी अच्छा शासन मिलेगा। वैसे इतिहास हमेशा सुसंगत होता है लेकिन दृष्टिकोण व्यक्तिपरक होता है। आपको अपना देखने का नजरिया बदलना चाहिए।’

गौतम के इस ट्वीट का उमर अब्दुल्ला ने भी जवाब दिया लेकिन वे गौतम का किसी भी स्तर पर मुकाबला नहीं कर पाए। उमर अब्दुल्ला ने गौतम गंभीर के ट्वीट पर पलटवार किया और उनका ट्वीट शेयर करते हुए लिखा, ‘गौतम, मैंने कभी ज्यादा क्रिकेट नहीं खेला, क्योंकि मैं जानता था कि इसमें अच्छा नहीं हूं। आप जम्मू-कश्मीर, उसके इतिहास के बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं और जम्मू कश्मीर को बनाने में नेशनल कॉन्फ्रेंस का क्या योगदान रहा है, यह भी आप नहीं जानते हैं। आप जो जानते हैं वही करें और आईपीएल को लेकर ट्वीट करें।’

बता दें कि देश के प्रधानमंत्री मोदी ने उमर अब्दुल्ला के इस वक्तव्य को दुस्साहस करार दिया है और लोगों को आश्वस्त किया है कि उनके होते हुए कोई देश को बांटने की साजिश में कामयाब नहीं हो सकता। पीएम मोदी ने कांग्रेस पर भी हमला बोला और कहा कि उनकी सहयोगी पार्टी की हिम्मत कैसे हुई कि वे भारत को बांटने की सोच भी कैसे सकते हैं। अपनी जनसभा के दौरान पीएम मोदी ने कहा “ वो कहते हैं हम घड़ी की सूई को पीछे ले जायेंगे और राज्य में 1953 की स्थिति को पैदा करेंगे और, देश में दो प्रधानमंत्री होंगे, कश्मीर का प्रधानमंत्री अलग होगा। मैं जरा जानना चाहता हूं ,जवाब कांग्रेस को देना पड़ेगा, महागठबंधन के सभी पार्टनर्स को जवाब देना पड़ेगा, क्या कारण है कि उनके सहयोगी दल ऐसी बात कहने की हिम्मत कर रहा है, लेकिन कांग्रेस पार्टी इसपर चुप बैठी है।“ साथ ही पीएम मोदी ने पूछा कि क्या गठबंधन के अन्य नेता जैसे ममता बनर्जी, चन्द्रबाबू नायडू, एच डी देवगौड़ा और शरद पवार भी अपनी सहयोगी पार्टी की इस मांग को जायज ठहराते हैं?

वहीं गौतम गंभीर ने तो उमर अब्दुल्ला पर व्यंग कस तीखी चोट पहुंचाई है। देश को तोड़ने वाले बयान देने वाले नेताओं के लिए यह आवश्यक भी था।

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