चीन के सरकारी मीडिया ने की भविष्यवाणी, फिर से पीएम मोदी सत्ता में लौटेंगे

ग्लोबल टाइम्स मोदी

PC: Zeenews

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सियासी कद के आगे फिलहाल भारत का कोई नेता टिक नहीं पा रहा, बीजेपी का संगठन विपक्ष से कहीं बेहतर है… जी हां ये हम नहीं बल्कि भारत का एक मजबूत पड़ोसी देश ‘चीन’ कह रहा है। और जब चीन भी आपकी ताकत का लोहा मानने लगे तो इससे बड़ी गर्व की बात भला और क्या होगी? ये करिश्मा करके दिखाया है हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने।

दरअसल, जी न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार चीन के एक सरकारी अख़बार ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने कहा है कि पीएम मोदी की फिर से सत्ता में वापसी होगी। सरकार समर्थित अखबार ग्लोबल टाइम्स ने शिन्हुआ विश्वविद्यालय के रिसर्च फेलो लु यांग का एक लेख छापा है। इसमें लिखा गया है कि, ‘भारत में 11 अप्रैल से चुनाव हो रहे हैं और सबकी निगाहें 23 मई यानी नतीजों के दिन पर टिकी हुई हैं। चुनाव में इस बात की पूरी उम्‍मीद है कि पीएम नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी संसद में सबसे बड़ा दल बनकर उभरेगी।“ ग्लोबल टाइम्स के इस आर्टिकल में आगे लिखा गया है कि, “पीएम नरेंद्र मोदी के सियासी कद जैसा कोई नेता नहीं है। बीजेपी की फंडिंग शक्ति और संगठन की ताकत विपक्ष से बेहतर है। ऐसे में लगता है कि पीएम मोदी के दोबारा सत्‍ता में वापसी की संभावना है।” इस आर्टिकल का शीर्षक था, ‘मोदी की कूटनीतिक विरासत जारी रहनी चाहिए, चुनाव नतीजे चाहें जो हों’। इसके साथ ही ग्लोबल टाइम्स ने पीएम मोदी के दुनिया के देशों के साथ किए गए कूटनीतिक प्रयासों की भी सराहना की है।

इसके साथ ही आर्टिकल में पीएम मोदी को एक व्यावहारिक नेता बताते हुए सार्क और चीन के साथ संबंधों को मजबूत करने के प्रयासों के लिए भी उनकी सराहना की गयी है। यही नहीं, इसमें पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की पिछले साल में हुई मुलाकातों के बारे में भी लिखा गया है। आर्टिकल में कहा गया कि ‘चुनावी नतीजे चाहे जो भी हों लेकिन भारत और चीन के बीच राजनीतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक संबंध मजबूत होने चाहिए।‘

यही नहीं, चीन ने तो प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिंपिंग के बीच अगली ‘अनौपचारिक मीटिंग’ की तैयारियों की घोषणा तक कर दी। ये बैठक पिछले साल चीन के वुहान शहर में हुई बैठक के तर्ज पर होगी। ये घोषणा खुद चीनी विदेश मंत्री द्वारा की गयी है। चीन इस बात को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है कि आएंगे तो मोदी ही। वैसे चीन की इस भविष्यवाणी के पीछे की वजह एक और भी है वो ये कि चीन भी भारत में कमजोर गठबंधन वाली सरकार नहीं चाहता है क्योंकि अगर ऐसा होता है तो इसका असर विदेशी निवेश के प्रस्तावों पर पड़ेगा। चूंकि चीनी निवेशक भारतीय बाजार को ग्रोथ के प्रमुख क्षेत्र के तौर पर देखता है इसीलिए चीन चाहता है कि पीएम मोदी एक बार फिर से प्रधानमंत्री बनें और वो विदेशी निवेश के प्रस्तावों पर तेजी से फैसला लेने भी समर्थ हैं।

गौरतलब है कि भारत और चीन दोनों ही विकासशील देश हैं और पड़ोसी भी है जिस वजह से दोनों देशों के बीच सहयोग और प्रतिस्पर्धा की स्थिति हमेशा बनी रहती है। हालांकि, मोदी के शासन में चीन के रुखों में काफी बदलाव भी देखने को मिले हैं, चाहे वो डोकलाम विवाद से चीन का अपना अकदम पीछे खींचना हो या चीन या मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने को लेकर चीन के रुख का विरोध करना हो, भारत ने चीन के हर कदम का कड़ा जवाब दिया है। इन नीतियों की वजह से ही चीन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से काफी प्रभावित भी रहा है। यही वजह भी है कि विवादों को परे रख कर चीन को भारत से सहयोग की नीति पर ज्यादा ज़ोर देना पड़ रहा है।   

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यकीनन वैश्विक स्तर पर भारत को अलग पहचान दिलाई है उनके मजबूत इरादों और सटीक फैसलों ने देश की रूपरेखा को मजबूत बनाने का काम किया है। कभी भारत को युद्ध  की धमकियां देने वाला चीन आज भारत के प्रधानमंत्री की तारीफों के पुल बांध रहा है। वजह बस एक है नरेंद्र मोदी। तभी तो भारत की धमक आज सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी और पड़ोसी चीन में भी सुनाई दे रही है।

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