हार्दिक पटेल को थप्पड़ मारने के पीछे का कारण आया सामने, सालों की खुंदक आज निकली बाहर

हार्दिक पटेल तरुण गज्जर

PC: Times Now Hindi

कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल को अज शर्मनाक स्थिति का सामना करना पड़ा जब उन्हें एक अज्ञात शख्स ने मंच पर जोरदार थप्पड़ जड़ दिया। अब इस शख्स ने हार्दिक पटेल को थप्पड़ मारने के पीछे की वजह बताई है। शुक्रवार को कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल गुजरात के सुरेंद्रनगर में जन आक्रोश रैली को संबोधित कर रहे थे तभी एक शख्स ने उन्हें थप्पड़ जड़ दिया। हार्दिक की पिटाई करने वाले शख्स का नाम तरुण गज्जर है और वो मेहसाणा जिले के रहने वाले हैं। अब इस शख्स ने हार्दिक पटेल को थप्पड़ मारने के पीछे की वजह बताई है। वहीं इस मामले पर सुरेंद्रनगर के एसपी महेंद्र बागडिया के मताबिक ‘तरुण गुज्जर नाम का यह शख्स किसी पार्टी से नहीं जुड़ा है वह एक आम आदमी है और उसने किसी पार्टी या व्यक्ति के दबाव में आकर हार्दिक पटेल को नहीं मारा है। यह उसका खुद का फैसला था। पुलिस उस पर कानूनी कार्यवाही कर रही है।‘

हार्दिक पटेल को थप्पड़ मारने के बाद भीड़ ने तरुण गज्जर की पिटाई कर दी जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल में मीडिया से बातचीत में इस शख्स ने हार्दिक पटेल को थप्पड़ मारने के पीछे की वजह बताई। एएनआई न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक, तरुण गज्जर ने कहा, “जब पाटीदार आंदोलन चल रहा था उस वक्त मेरी पत्नी गर्भवती थीं। अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था, उस दौरान मुझे तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। तभी मैंने तय कर लिया था कि इस आदमी की जरूर पिटाई करूंगा। मुझे उसे किसी भी तरह सबक सिखाना था।’

यही नहीं ये शख्स हार्दिक पटेल द्वारा गुजरात बंद करवाए जाने से भी नाराजगी थी क्योंकि इस वजह से तरुण गज्जर के परिवार को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। तरुण ने अपने बयान में कहा, ‘फिर जब अहमदाबाद में इसकी रैली हुई मैं अपने बच्‍चे के लिए दवा का इंतजाम करने गया था। लेकिन सबकुछ बंद था। वह (हार्दिक पटेल) सड़कें बंद करवा देता है, वह जब चाहे गुजरात बंद करवा देता है, क्‍या है? गुजरात का हिटलर?’ इस शख्स ने अपने बयान में जो कहा उससे उसकी वो भड़ास सामने आई है जो वो काफी समय से अपने अंदर दबाकर बैठा था।

बता दें कि साला 2015 में गुजरात में पाटीदार आंदोलन चरम पर था और हार्दिक पटेल इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे थे। अगस्त 2015 में आरक्षण की मांग को लेकर शुरू हुए आंदोलन में निरोधात्मक कार्रवाई के दौरान 14 बच्चों की मौत हो गई थी। इस आंदोलन में निरोधात्मक कार्रवाई के दौरान मारे गए 14 बच्चों की आत्मा की शांति को गंगा में दीपदान भी किया था लेकिन उन्हें अभी भी इसका एहसास नहीं है कि उन मासूमों के परिवार वालों पर क्या गुजरी होगी। जिस तरह से हार्दिक पटेल ने अपनी पब्लिसिटी और राजनीति के लिए आन्दोलन किया था उसमें कई मासूमों की जान गयी थी ऐसे में इन मासूमों के परिवारवालों के दर्द को नहीं समझ सकते और आज उसी दर्द के थप्पड़ का हार्दिक पटेल शिकार हुए हैं।

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