पीएम मोदी का जादू: क्या कश्मीर भारत को वापस सौंपने की तैयारी में हैं इमरान ?

मोदी इमरान खान कश्मीर

PC : Times Now

प्रधानमंत्री मोदी की कूटनीति से पाकिस्तान आज उस चक्रव्यूह में फंस चुका है कि, अब उसके पास भारत के आगे समर्पण करने के अलावा कोई चारा नहीं है। भारत ने हर मोर्चे पर पाकिस्तान पर शिकंजा कसा है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आज पाकिस्तान इस कदर बेनकाब हो चुका है कि, कोई देश उसकी कंगाली मिटाने के लिए कर्ज देने को तैयार नहीं है। पुलवामा हमले के बाद बालाकोट में भारतीय वायुसेना का पराक्रम तो पूरी दुनिया को पता ही है। पाकिस्तान भारत से किस कदर डरा हुआ है उसका एक नमूना तो कुछ दिन पहले पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने दिया ही है। पाक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने मुल्तान में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था कि, भारत उन पर हमला कर सकता है। उन्होंने दावा किया था कि पाक सरकार के पास विश्वसनीय सूचना है कि भारत एक नई योजना तैयार कर रहा है जिसमें पाकिस्तान के खिलाफ एक और हमले की तैयारी की जा रही। उन्होंने तारीख बताते हुए कहा था कि, 16 से 20 अप्रैल के बीच यह हमला हो सकता है। इसके बाद, अब यह भारत का डर ही है कि, जिस कश्मीर मुद्दे को लेकर बीजेपी और मोदी सरकार की कभी वह जमकर आलोचना करता था, उसी कश्मीर मुद्दे के लिए आज वह मोदी सरकार की तारीफ करता नजर आ रहा है।

भारत में लोकसभा चुनाव अभी शुरु ही हुए हैं कि, पाकिस्तान ने चुनावों में पीएम मोदी की वापसी होने पर कश्मीर मुद्दे के सुलझने की संभावना जता दी है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि अगर भारत में हो रहे लोकसभा चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी की पार्टी बीजेपी जीत दर्ज करती है तो दोनों देशों के लिए शांति पर बातचीत शुरू होने के बेहतर मौके होंगे। इमरान खान ने यह भी कहा कि अगर अगली सरकार कांग्रेस के नेतृत्व में बनती है तो हो सकता है कि वे कई मुद्दों पर बातचीत करने में डरें। उन्होंने कहा, ‘अगर बीजेपी जीतती है तो कश्मीर मुद्दे पर किसी तरह के समाधान पर पहुंच सकते हैं।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने भारत द्वारा हमला किये जाने की पूरी संभावना जताई थी और उसके तीन दिन बाद ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री द्वारा कही गई इन बातों ने हर किसी को आश्चर्य में डाल दिया। पाक पीएम ने भारत से शांति की पहल करते हुए यह भी कहा कि उनका देश अपने यहां स्थित सभी आतंकी ठिकानों को खत्म करने को लेकर प्रतिबद्ध है और सरकार इस मामले में पाकिस्तानी सेना को पूरा समर्थन दे रही है।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का कश्मीर मुद्दे पर बेहद नर्म रुख दिखाई दिया है। इमरान खान ने कहा है कि कश्मीर दोनों देशों के बीच राजनीतिक मुद्दा है और इसका कोई सैनिक समाधान नहीं हो सकता है। यदि हथियारबंद आतंकवादी भारत से लगने वाली पाकिस्तान सीमा तक पहुँच जाएँगे तो कश्मीरियों की तक़लीफ़ बढेगी क्योंकि उस हालत में भारतीय सुरक्षा बल कार्रवाई करेंगे।

जो पाकिस्तान जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने की बात का वर्षों से पुरजोर विरोध करता रहा था वह आज बीजेपी की कश्मीर नीति के समर्थन में बातें बोल रहा है। भाजपा द्वारा अपने घोषणा पत्र में जम्मू कश्मीर से धारा 370 और 35-ए हटाने का वादा करने के बाद भी पाकिस्तान बीजेपी की कश्मीर नीति के समर्थन में है।

भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में इस विवादित अनुच्छेद के बारे में लिखा है, ‘हम राज्य से उन सभी बाधाओं को दूर करने के लिए प्रतिबद्द हैं जो राज्य में पर्याप्त वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता नहीं होने का कारण बनती है। हम जनसंघ के समय से अनुच्छेद 370 के प्रति अपने दृष्टिकोण को दोहराते हैं’। घोषणापत्र में यह भी लिखा है कि, ‘हम कश्मीर से धारा 35 ए को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारा मानना है कि यह धारा कश्मीर में रह रहे गैर-कश्मीरियों और महिलाओं के खिलाफ भेदभावपूर्ण है। यह धारा राज्य के विकास में भी एक बड़ी बाधा है।’ इसके अलावा इस घोषणपत्र में भाजपा ने कश्मीरी पंडितों को दोबारा कश्मीर में बसाने के लिए जरूरी कदम उठाने की भी बात कही है।

अब बीजेपी के इस संकल्प पत्र के आने के बाद पाक पीएम का कश्मीर मुद्दे पर बीजेपी की तरफदारी करना बताता है कि, वे भी नहीं चाहते कि कश्मीर में धारा 370 और 35-ए रहे। कश्मीरी अलगाववादियों, कट्टरपंथियों और आतंकी संगठनों की विचारधारा के विपरीत पाकिस्तान का यह रुख स्पष्ट संकेत देता है कि पाकिस्तान अब कश्मीर मुद्दे को छोड़ देना चाहता है और पूरे कश्मीर के भारत में ही रहने के समर्थन में है। ऐसा लग रहा है कि, इमरान खान कश्मीर को वापस भारत को सौंपने की तैयारी में हैं। इस तरह पाकिस्तान का यह संकेत ऐतिहासिक है और पीएम मोदी की कूटनीति की बड़ी जीत।

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