लोकसभा चुनाव 2019 की में नेताओं का एकदूसरे पर टीका टिप्पणियां करना तो आम बात है जो अक्सर ही देखने को मिल जाता है। लेकिन कभी कभी ये नेता कुछ ऐसा बोल जाते हैं जिसे सुनकर शायद बाद में इन्हें भी दुख होता होगा। कुछ ऐसा ही बोल गईं पश्चिम बंगाल कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी ।
टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री मोदी को लेकर एक विवादित बयान दिया है। ममता ने मोदी जी के लिए कहा कि ‘मोदी पहले कभी बंगाल नही आए। अब चुनावों में उन्हें बंगाल से वोट चाहिए।‘ हम मोदी को बंगाल का रसगुल्ला देंगे, ‘हम मिट्टी से मिठाइयाँ बनाएँगे और उसमें कंकड़ दलेंगें जैसे लड्डू में काजू और किशमिश का इस्तेमाल होता है। इससे दांत टूट जाएंगे।‘ मामत बनर्जी ने ये बयान आसनसोल में एक चुनावी रैली के दौरान कहे।
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभिनेता अक्षय कुमार को हाल ही में दिये अपने एक गैर राजनीतिक इंटरव्यू में ये बताया कि ममता दीदी उन्हें साल में कुर्ता जरूर भेजती है। इसके जवाब में ममता बनर्जी ने कहा था कि वह मोदी जी को कुर्ते उपहार के तौर पर भेजती हैं। यह राजनीति से अलग है। ममता ने बीरभूमि जिले में गुरुवार को अपनी चुनावी रैली में कहा था कि ‘मोदी बाबू कहते हैं कि मैं तोहफे के तौर पर उन्हें कुर्ते भेजती हूं, मैं पूछती हूं इसमें क्या गलत है।‘ मैं सिर्फ मोदी को ही कुर्ते नहीं भेजती बल्कि कई दूसरे लोगों को भी उपहार भेजती हूं।‘ ममता ने ये भी कहा कि ‘हम पीएम को रसगुल्ले ज़रूर देंगे लेकिन एक भी वोट नही देंगे।‘ हम इस बारे में बात नहीं करते हैं क्योंकि यह हमारी संस्कृति नहीं है। यह हमारा शिष्टाचार है। ममता बनर्जी का कहना था कि मोदी इस टिप्पणी के जरिए अपनी इमेज को साफ करने कि कोशिश कर रहे हैं।
पीएम मोदी ने इस पर कहा कि वो एक गैर राजनीतिक इंटरव्यू था जिसमें कोई भी राजनीति नही छुपी हुई थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होनें ममता बनर्जी पर कोई तंज़ नही कसा था। मोदी ने बस ममता दीदी का आभार जताने के तौर पर ये कहा और बदले में दीदी भड़क गईं। जहां एक तरफ पीएम मोदी ने अपने बयान से एक शिष्टाचार की भावना को बढ़ावा दिया वहीं दूसरी और ममता ने इसे गलत तरीके से लेते हुए गलत भाषा में जवाब दिया।
अब ममता बनर्जी ने फिर मोदी पर निशाना साधा है और ये तक कह डाला है कि पश्चिम बंगाल की जनता उनको वोट की जगह मिट्टी से बनी कंकड़, पत्थर वाली मिठाई देगी, जिसे खाने से उनके दांत टूट जाएंगे। जहां प्रधानमंत्री मोदी ने एक कुशल नीति का परिचय दिया तो वहीं दूसरी और ममता बनर्जी के इस के बयान ने साफ कर दिया कि विपक्ष किसी भी तरह की सराहना के लायक नही। प्रधानमंत्री के आभार और प्यार के बदले दीदी का ये व्यवहार कुछ शोभा नही देता।