पीएम मोदी के मजबूत जनाधार से विपक्ष इतना बौखलाया हुआ है कि वह उनके खिलाफ प्रोपेगंडा चलाने के लिए अब अपनी ही फैलाई फेक न्यूज़ का सहारा ले रहा है। दरअसल, 24 अप्रैल की शाम को टाइम्स नाऊ और रिपब्लिक मीडिया जैसे मीडिया समूहों को एक पत्र मिला जिसमें यह बात लिखी हुई थी कि पीएम मोदी 26 अप्रैल को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एक प्रेस वार्ता करेंगे। इसी पत्र के आधार पर इन मीडिया समूहों ने इस खबर को बड़ी प्रमुखता से अपने चैनल पर चलाया, हालांकि जब भाजपा कार्यालय ने इस खबर का खंडन कर दिया तब ये खबर पूरी तरह से फेक साबित हुई। अब यह सवाल उठाए जा रहे हैं कि इस गलत जानकारी वाले पत्र को आखिर किसके द्वारा फैलाया गया और इसके पीछे उनका क्या मकसद था?
#Breaking | PM @narendramodi to address a press conference on 26th April at 12:30 PM in Varanasi. | #May23WithTimesNow pic.twitter.com/c30PS4YQD4
— TIMES NOW (@TimesNow) April 24, 2019
दरअसल, देश का वामपंथी मीडिया और लिबरल गैंग अक्सर प्रेस वार्ता ना करने को लेकर पीएम मोदी के खिलाफ हमलावर रहा है। ठीक चुनावों के समय उनसे संबंधित ऐसी फेक न्यूज़ फैलाकर विपक्ष द्वारा पॉलिटिकल स्कोरिंग करने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता। इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि जब भाजपा कार्यालय द्वारा इस खबर का खंडन किया गया तो कांग्रेस समेत वामपंथी मीडिया की यह गैंग तुरंत सक्रिय हो गयी और पीएम मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का उपयोग करना शुरू कर दिया गया।
सबसे पहले कांग्रेस ने एक ट्वीट करते हुए पीएम को घेरने की कोशिश की ‘तुमसे ना हो पाएगा’ फेकू मोदी’।
"Tum se na ho payega" #FekuModi https://t.co/zW7S6tzME4
— Congress (@INCIndia) April 24, 2019
इस पूरे प्रकरण को देखकर ऐसा लगता है कि ये एक सोची समझी रणनीति के तहत प्लान किया गया था। दरअसल, जिस दिन यह फेक न्यूज़ फैलाई गई, ठीक उसी दिन पीएम मोदी और अक्षय कुमार का इंटरव्यू रिलीज़ हुआ था। उस इंटरव्यू के आने के बाद वामपंथी मीडिया ने पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए उनके द्वारा प्रेस वार्ता ना करने का मुद्दा उठाया था। इसके तुरंत बाद वह गलत जानकारी वाला पत्र सोशल मीडिया पर वायरल करा दिया गया, जिसके बाद यह पूरी भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई।
हालांकि लिबरल गैंग के इस तथ्य में कोई सच्चाई नहीं है कि पीएम मोदी कोई प्रेस वार्ता करने से घबराते हैं। पिछले कुछ दिनों में ही वे अलग-अलग न्यूज़ चैनल को कई इंटरव्यू दे चुके हैं। इसके अलावा इसी वर्ष 1 जनवरी को उन्होंने एएनआई को भी एक इंटरव्यू दिया था जिसमें उन्होंने राफेल डील से लेकर रोजगार तक तमाम मुद्दों पर पत्रकार स्मिता प्रकाश के सभी सवालों का जवाब दिया था। यह लिबरल गैंग इस बात को स्वीकार करने से घबराता है कि पीएम मोदी ने पिछले 5 सालों में वाराणसी की सूरत बदलने का काम किया है। सड़कों से लेकर, रेलवे स्टेशन तक, और सफाई से लेकर केंद्र सरकार की तमाम योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू करने तक, हर क्षेत्र में वे अपना शत प्रतिशत देने में कामयाब रहे हैं। यही कारण है कि अब की बार उनकी स्थिति पहले के मुक़ाबले और ज़्यादा मजबूत मानी जा रही है, जिसके कारण यह वामपंथी गुट उनके खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाने में जुटा है।