आम चुनावों के नतीजे भले ही 23 मार्च को घोषित हों लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभी से ही नई सरकार के एजेंडे पर काम करना शुरू कर दिया है। जहां एक तरफ विपक्षी नेता इस चुनावी समय में तुष्टिकरण की राजनीति करने और अपने विरोधियों पर कीचड़ उछालने में व्यस्त हैं वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने नई सरकार के पहले 100 दिनों के एजेंडे की तैयारी भी कर ली है। प्रधानमंत्री पूरी तरह आश्वस्त हैं कि, जनता इन चुनावों में भी देश का दायित्व उन्हीं की सरकार को सौंपेगीं। यही कारण है कि, प्रधानमंत्री मोदी पीएमओ, नीति आयोग और प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर से नई सरकार के 100 दिन का एजेंडा तैयार करने के लिए कह चुके हैं।
प्रधानमंत्री के इस 100 दिन के एजेंडे का प्रमुख लक्ष्य अगले पांच वर्षों में जीडीपी वृद्दि दर को दोहरे अंकों पर लाना है। मोदी सरकार के तीन शीर्ष अधिकारियों के अनुसार, व्यस्त चुनाव प्रचार के बीच पीएम मोदी ने पीएमओ, नीति आयोग के वाइस चेयरमैन और प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर (PSA) प्रो के विजयराघवन को व्यापक आर्थिक और नौकरशाही सुधारों का एक एजेंडा तैयार करने का काम सौंपा है।
जिस समय देश लोकसभा चुनावों में व्यस्त हैं, वहीं नीति आयोग, पीएमओ और प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर के ऑफिसों में बैठकों के दौर चल रहे है। यहां जनता से जुड़े अहम मुद्दों का एजेंडा तैयार किया जा रहा है। तीन अधिकारियों ने नाम ना छापने की शर्त पर मीडिया को बताया है कि पीएम मोदी के 100 दिन के एजेंडे में तेल व गैस, खनिज, बुनियादी ढांचे व शिक्षा को लाल फीताशाही से मुक्त करना भी है ताकि 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने की नींव रखी जा सके। इन अधिकारियों ने बताया कि, विभिन्न मुख्य क्षेत्रों में लालफीताशाही को दूर करके जीडीपी वृद्धि को 2.5% तक आसानी से बढ़ाया जा सकता है। यही नहीं, देश के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य मिशन को व्यापक करने पर भी काम हो रहा है ताकि लोगों को इसका लाभ मिल सके।
बता दें कि, 100 दिनों का यह एजेंडा उच्च विकास, रोजगार सृजन और अधिगम के क्षेत्रों पर केंद्रित है। खनन, कोयला, बिजली और ऊर्जा उच्च विकास क्षेत्रों में शामिल की गई हैं। पर्यटन और एमएसएमई रोजगार सृजन के क्षेत्रों में शामिल है वहीं अधिगम के क्षेत्रों में शिक्षा और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद हैं। इसके साथ ही अधिकारियों ने बताया कि, नई सरकार आने पर पीने का पानी और नदियों को आपस में जोड़ना पीएम मोदी की सबसे बड़ी प्राथमिकताओं में से एक होगा। अधिकारियों ने यह भी बताया कि, प्रधानमंत्री मोदी दक्षिण भारत और विशेषकर तमिलनाडु को पानी पहुंचाने के लिए नदियों को आपस में जोड़ने के एकमात्र तरीके पर काम कर रहे हैं। अधिकारियों न बताया कि इस एजेंडे में यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि, मानसून के वर्षा जल को समुद्र में ना बहने दिया जाए और ऊपरी क्षेत्रों में पानी के भंडारण के लिए बांधों का निर्माण किया जाए।मीडिया को नाम ना छापने की शर्त पर नीति आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि, एजेंडे की प्राथमिकताओं में पूरे देश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सड़कें, हवाई अड्डे और बंदरगाह जैसे बुनियादी ढांचे को तैयार करना भी शामिल है।
इस तरह इस चुनावी समय में भी प्रधानमंत्री मोदी देश के विकास के लिए हरसंभव प्रयास करने में व्यस्त हैं। जिस समय विपक्षी पार्टियों के नेता अपने विरोधियों पर कीचड़ उछालने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे उसी समय में हमारे प्रधानमंत्री एक चौकीदार की तरह देश के लिए काम कर रहे हैं।