प्रियंका चतुर्वेदी ने कांग्रेस के सभी पदों से दिया इस्तीफा

प्रियंका चतुर्वेदी प्रवक्ता

PC: सत्याग्रह

लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस पार्टी को एक बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने पार्टी के सभी पदो से इस्तीफा दे दिया है और अब ये अटकलें लगाई जा रही हैं कि वो शिवसेना में शामिल हो सकती हैं। बुधवार को अपने एक ट्वीट में प्रियंका चतुर्वेदी ने पार्टी द्वारा कुछ अमर्यादित कार्यकर्ताओं को तरजीह दिए जाने पर अपना गुस्सा जाहिर किया था लेकिन अब उन्होंने अपनी पार्टी से ही इस्तीफा दे दिया है। यही नहीं प्रियंका ने अपने ट्विटर अकाउंट से कांग्रेस प्रवक्ता का बायो भी हटा दिया है।  

बता दें कि बुधवार कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ कड़ी नाराजगी जाहिर की थी लेकिन उनकी बातों पर पार्टी द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया। इसके बाद उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। दरअसल, कुछ दिनों पहले कांग्रेस पार्टी ने प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी से बदसलूकी करने के मामले में कुछ अमर्यादित कार्यकर्ताओं को पार्टी से निष्काषित कर दिया था। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने इन सभी कार्यकर्ताओं को बाहर कर दिया था। हालांकि इस ‘कार्रवाई’ के मात्र कुछ दिनों के बाद ही इन कार्यकर्ताओं को दोबारा पार्टी में शामिल कर लिया गया। इसके बाद प्रियंका चतुर्वेदी ने एक ट्वीट कर कांग्रेस पार्टी को अपना विरोध जताया है।

प्रियंका चतुर्वेदी ने अपने एक ट्वीट के माध्यम से उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के इस फैसले पर अपनी आपत्ति जताई। उन्होंने लिखा था, ‘मुझे यह जानकर दुख हुआ कि पार्टी के अपना खून-पसीना बहाने वाले कार्यकर्ताओं से पहले कांग्रेस पार्टी में कुछ अमर्यादित गुंडों को प्राथमिकता मिलती है। अपने विरोधियों की तरफ से तो मुझे अक्सर ही गालियां खाने को मिलती रहती है लेकिन अपनी ही पार्टी के जिन लोगों ने मुझे धमकी दी, वो आज बिना किसी परेशानी के वापस पार्टी में आ रहे हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।’ उन्होंने कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा ऐसे गंभीर मुद्दे पर अपने निराशाजनक रुख अपनाने को लेकर अपनी चिंताएं जाहिर की थी।

हालांकि यह एकमात्र कारण नहीं है कि प्रियंका चतुर्वेदी आजकल कांग्रेस पार्टी से नाराज़ चल रही हैं। जैसा कि खुद उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि वे कांग्रेस पार्टी की एक कर्मठ और समर्पित कार्यकर्ता रहीं हैं, लेकिन उनको कभी भी इसका इनाम नहीं दिया गया। लेकिन इसके उलट जो कार्यकर्ता पार्टी के नाम को खराब करने  का काम करते हैं, उन्हें पार्टी में तुरंत बड़े पदों पर बैठा दिया जाता है। इस बात का एक उदाहरण हमें यही देखने को मिलता है जब प्रियंका चतुर्वेदी को लोकसभा सीट टिकट देने से कांग्रेस हाइकमान ने साफ मना कर दिया। कांग्रेस पार्टी के इस व्यवहार से आहत प्रियंका चतुर्वेदी ने आखिरकार पार्टी से ही अलग होने का फैसला कर लिया।

https://twitter.com/AankhiGM/status/1116595566824177664

अपने महिला कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न के मामलों से निपटने में कांग्रेस पार्टी का इतिहास कुछ खास नहीं रहा है। पिछले वर्ष जब कांग्रेस आईटी सेल में काम करने वाली एक लड़की से एक युवक द्वारा छेड़खानी का मामला सामने आया था तो भी आईटी सेल की अध्यक्ष दिव्य स्पंदना ने उस युवक को बचाने के लिए एक पूरा अभियान छेड़ दिया था। एक तरफ जहां प्रियंका चतुर्वेदी जैसी कार्यकर्ताओं को नज़रअंदाज़ कर अमर्यादित कार्यकर्ताओं को पार्टी में जगह दी जाती है, तो वहीं दूसरी तरफ पार्टी द्वारा समर्पित कार्यकर्ताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने में भी देर नहीं लगाई जाती। कांग्रेस नेता अल्पेश ठाकुर का पार्टी से बाहर जाना इसी बात का एक उदाहरण है। कांग्रेस पार्टी ने जहां पहले उनके खिलाफ कार्रवाई की, और बाद में पार्टी से बाहर कर दिया। अल्पेश ठाकुर की जगह एक अन्य शख्स अजय कपूर को बिहार कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बना दिया गया जिसपर कई गंभीर मुकदमे चल रहे हैं।

 

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