राहुल की रैली में एक बार फिर हुई पत्रकार के साथ दुर्घटना, स्ट्रैचर पकड़े थे राहुल वहीं जूते पकड़े दिखीं प्रियंका

राहुल गांधी पत्रकार

PC : chauthiduniya

कुछ दिनों पहले आपने सोशल मीडिया पर एक वीडियो देखी होगी जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से एक बंद कार में एक पत्रकार अपना माथा पुछवाता नजर आ रहा था। इस वीडियो से कांग्रेस अध्यक्ष का थिएटर कौशल पूरी दुनिया के सामने बेपर्दा हो गया था। दरअसल, राजेंद्र व्यास नामक एक पत्रकार का हुमांयू रोड पर एक्सीडेंट हुआ और उसी वक्त राहुल गांधी का काफिला वहाँ से गुजर रहा था। इसके बाद सोशल मीडिया पर उनकी एक वीडियो खूब वायरल हुई जिसमें राहुल गांधी उस ‘घायल’ पत्रकार के माथे को पौंछते हुए नज़र आ रहे हैं। इस विडियो में ट्विस्ट जब आया तब वह ‘घायल’ पत्रकार दोबारा राहुल गांधी को उनका माथा पौंछने का अनुरोध करते हुए कहता है कि वे उनकी इस वीडियो को अपने अन्य पत्रकार साथियों के साथ साझा करेंगे, जिसके बाद राहुल गांधी और ज़्यादा शिद्दत के साथ उनके माथे को साफ करने लगते हैं। हालांकि दिलचस्प बात यह थी कि वीडियो में कहीं पर भी उस पत्रकार के माथे पर चोट या खून का कोई निशान नहीं दिखाई दिया। एक्सिडेंट के बाद इस पत्रकार की दो विडियो वायरल हुई थी जिनमें से पहली में पत्रकार के माथे पर कहीं कोई चोट नजर नहीं आ रही थी लेकिन दूसरी वीडियो में वह एक मोटी पट्टी सिर पर बांधे नजर आया और उस वीडियो में उसने राहुल गांधी की दयालुता का पूरा बखान किया।

अब बात कल की घटना की करते हैं। कल गुरुवार को राहुल गांधी केरल की वायनाड सीट पर अपना नामांकन दाखिल करने गए थे। इस मौके पर उन्होंने इस मुस्लिम बहुल सीट में अपनी ताकत दिखाने की पूरी कोशिश की। बड़ा सा रोड़ शो किया गया।

अब हुआ यह कि राहुल गांधी के इस रोड़ शो में राहुल के दिव्य और भव्य चेहरे से इतना तेज टपका कि रोड़ शो कवर करने पहुंचे पत्रकारों का एक बार फिर एक्सिडेंट हो गया। हालांकि, इस बार के एक्सिडेंट में हुमायु रोड़ जैसी नाटकियता नहीं थी लेकिन हैरत की बात है कि, राहुल गांधी इस बार भी सबसे आगे थे। वे खुद घायलों को एंबुलेंस तक ले गए। वहीं इस बार प्रियंका गांधी भी उनके साथ रहीं। जब स्ट्रैचर पर घायल को ले जाया जा रहा था तो प्रियंका हाथों में जूते पकड़े हुए थीं। बताया जा रहा है कि, रोड शो के दौरान बैरिकेडिंग टूटने से 3 पत्रकार घायल हो गए थे। एक पत्रकार तो ट्रक से नीचे आ गिरा था। रिपोर्ट के अनुसार पत्रकारों को हल्की-फुल्की चोटें आईं हैं।

अब सवाल यह है कि, राहुल की रैली में ही पत्रकारों के साथ क्यों दुर्घटनाएं हो रही हैं और उससे भी बड़ा सवाल यह की दुर्घटना के जो फोटो और वीडियोज वायरल होते हैं उनमें राहुल ही फोकस पर क्यों रहते हैं। सवाल रोड़ शो के प्रबंधन पर भी उठता है। कैसे बैरिकेडिंग टूट गई। बता दें कि पहले राहुल को इस रोड़ शो की इजाजत नहीं दी गई थी, उन्हें यह इजाजत ऐन वक्त पर मिली। सवाल कई हैं जो पूछे जाने चाहिए। इन सब के बीच कयास तो ऐसे भी लग रहे हैं कि हुमायूं रोड़ वाली घटना की तरह इस बार भी कोई दूसरी वीडियो और ना आ जाए। भई कुछ भी हो सकता है आखिर रोड शो किसका था….।

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