सात चरणों में होने वाले 2019 के लोकसभा चुनावों का आगाज कल से होने जा रहा है। चुनावी माहौल की बात करें तो कांग्रेस वोटिंग से पहले ही स्पष्ट तौर पर हारती हुई नजर आ रही है। उसके स्टार प्रचारकों की रैलियों में जनता द्वारा लगने वाले मोदी-मोदी के नारे इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। इसी बीच अब राजस्थान से कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है। गुर्जरों के लिए आरक्षण की मांग को लेकर समय-समय पर आंदोलन कर सत्ताधारी पार्टी की नाक में दम करने वाले नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने आम चुनाव से पहले एक बड़ा कदम उठाया है। वे बीजेपी में शामिल हो गए हैं। कर्लन बैंसला ने अकेले ही बीजेपी का दामन नहीं थामा बल्कि उनके बेटे विजय बैंसला ने भी बीजेपी की सदस्यता ली है। गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संरक्षक बैंसला दिल्ली में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडे़कर की मौजदूगी में बीजेपी में शामिल हुए हैं।
Gurjar leader Kirori Singh Bainsla to join Bharatiya Janata Party today. pic.twitter.com/fMcwpcEOMs
— ANI (@ANI) April 10, 2019
बैंसला का जन्म राजस्थान के करौली जिले के मुंडिया गांव में हुआ है। करियर के शुरुआती दिनों में बैंसला ने कुछ दिनों तक शिक्षक की भूमिका भी निभाई थी। उनके पिता फौज में थे इसलिए उनका झुकाव भी फौज की तरफ हुआ और वे भी सिपाही के रुप में सेना में भर्ती हो गए। सेना की राजपूताना राइफल्स में शामिल हुए किरोड़ी सिंह ने 1962 के भारत-चीन और 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में हिस्सा लिया था और देश के लिए लड़ाई लड़ी थी
भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बाद कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने कहा कि वे गुर्जर आरक्षण आंदोलन से पिछले 14 सालों से जुड़े हुए हैं और इस दौरान उन्होंने कांग्रेस और भाजपा के मुख्यमंत्रियों को नजदीक से अनुभव किया है और दोनों दलों की कार्यशैली व विचारधारा परखी है। उन्होंने कहा कि वे भाजपा में इसलिए शामिल हो रहे हैं क्योंकि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित हैं, जो साधारण से साधारण आदमी का सुख-दुख समझते हैं। किरोड़ी सिंह बैंसला ने कहा कि उन्हें पद का लालच नहीं है और वे चाहते हैं कि न्याय से वंचित लोगों को उनका हक मिले। बता दें कि, विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद से ही कर्नल बैंसला अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ मुखर नजर आ रहे थे। हाल ही में उन्होंने गुर्जर आरक्षण की मांग में आंदोलन भी किया है।
राजस्थान की सियासत की बात करें तो यहां गुर्जर समाज काफी अहम माना जाता है। गुर्जर समाज का राजस्थान में करीब 5 फीसदी वोटबैंक है। सेना के सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल बैंसला के बीजेपी के साथ आने से राज्य का यह बड़ा वोट बैंक अब बीजेपी के पाले में आ गया है। इससे पहले चर्चाएं भी आईं थीं कि, गुर्जर वोटों को साथ लाने के लिए बीजेपी और गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला के बीच बात चल रही थी। कहा जा रहा था कि अगर कोई ठोस आश्वासन मिलता है या फिर कहीं से टिकट मिलने की बात हो जाती है तो बैंसला भाजपा में आ जाएंगे। शायद इसी कारण से भारतीय जनता पार्टी ने राज्य की कुछ सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा में भी देरी की। अब जब बैंसला बीजेपी में आ गए हैं तो शेष सीटों पर भी बीजेपी जल्द ही उम्मीदवरों के नाम की घोषणा कर सकती है।
राजस्थान में कुछ दिनों पहले ही जाट नेता हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी एनडीए में शामिल हुई है। जाटों का राज्य की करीब 9 लोकसभा सीटों पर असर है। बेनीवाल के एनडीए में शामिल होने से जाट वोट बैंक भी बीजेपी के खाते में आ गए हैं। हनुमान बेनीवाल खुद नागौर से चुनाव लड़ने वाले हैं वहीं उनकी पार्टी राजस्थान की सभी लोकसभा सीटों के साथ ही उत्तर भारत के अन्य कई राज्यों में भी बीजेपी के लिए प्रचार करेगी। जाट नेता के बाद अब गुर्जर नेता बैंसला का बीजेपी में शामिल होना पार्टी के लिए राज्य में एक बड़ी खुशखबरी है और कांग्रेस के लिए करारा झटका।