श्रीलंका में हुए सीरियल ब्लास्ट्स में अब एक बड़ा खुलासा हुआ है। इन बम धमाकों के मास्टरमाइंड मौलवी ज़हरान हाशिम और मुस्लिम उपदेशक जाकिर नाइक के बीच कनेक्शन का पता चला है। आपको बता दें कि श्रीलंका में ईस्टर के दिन लगातार आठ बम धमाकों में करीबन 250 लोगो की मौत हो गयी थी और 500 से अधिक लोग घायल हो गए थे। चरमपंथी मौलवी हाशिम श्रीलंका में एक व्याख्याता और वक्ता था। वो नेशनल तौहीद जमात (NTJ) संगठन के साथ इमाम के तौर पर काम करता था। जानकारी मिली है कि वह डॉ. जाकिर नाईक से प्रेरित था जो भारत में पहले ही मोस्ट वांटेड है। भारत में जाकिर नाइक का नाम जाना-पहचाना है वह भारत के ‘इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन’ का अध्यक्ष था और अपने व्याख्यानों और संदेशों से नफरत फैलाने के लिए बदनाम था। जाकिर यूट्यूब पर भी मुस्लिमों को भड़काने और बरगलाने का काम करता रहा है। आपको बता दें कि, भारत में बैन के बाद जाकिर नाईक को कनाडा और ब्रिटेन में भी बैन किया जा चुका है।
श्रीलंका ब्लास्ट्स का मास्टरमाइंड आतंकी मौलवी जहरान हाशिम भी नस्लवाद और इस्लामी वर्चस्व की विचारधारा को मानने वाला था। यूट्यूब वीडियोज के जरिए वह लोगों को भड़काता था। इमाम मौलवी ज़हरान हाशिम ने यूट्यूब पर कई ऐसे वीडियो भी पोस्ट किए थे, जिसमें उसे भड़काने वाली बातों का प्रचार प्रसार करते देखा गया था। ऐसे ही अपने एक वीडियो में कट्टरपंथी मौलवी ज़हरान हाशिम कहता दिख रहा है कि ज़ाकिर नाइक के लिए श्रीलंकाई मुसलमान क्या कर सकते हैं? इस वीडियो के बाद यह स्पष्ट हो चुका है कि, ढाका में हुई गोलीबारी की घटना के बाद अब श्रीलंका ब्लास्ट्स में भी जाकिर नाइक का कनेक्शन है। ऐसा माना जा रहा है कि, आतंकी ज़हरान हाशिम ने जाकिर नाइक का नाम लेकर श्रीलंका के कुछ मुस्लिमों को बरगलाया और फिर उनके साथ मिलकर इस बड़े हमले को अंजाम दिया। बता दें कि, ज़हरान हाशिम कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायोग पर हमला करने की फिराक में भी था लेकिन इस कोशिश को नाकाम कर दिया गया।
गौरतलब है कि बांग्लादेश की राजधानी ढाका में 1 जुलाई 2016 को एक रेस्तरां में हुई गोलीबारी में 22 लोगों की हत्या हो गई थी। इस हमले में भी जाकिर नाइक पर आतंकवादियों को भड़काने का आरोप लगा था। जिसके बाद से ही नाइक के खिलाफ भारत और बांग्लादेश में जांच जारी है। ढाका हमले के बाद भारत सरकार ने उस पर शिकंजा कसा था लेकिन वो बच कर मलेशिया में जा छुपा। विदेश मंत्रालय ने नाइक का पासपोर्ट रद्द करने के बाद मलेशिया से उसे भारत प्रत्यर्पित करने को कहा है। भारत में जाकिर नाइक की नागरिकता भी रद्द कर दी गई थी।
आपको बता दें कि, यह वही जाकिर नाइक है जिसकी कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह ने तारीफ करते हुए कहा था कि ‘जाकिर नाइक शांति के दूत है, और हिन्दू मुस्लिम के बीच की खाई पर पुल बनाने का काम कर कर सकते हैं। यही नहीं, जब मोदी सरकार द्वारा जाकिर नाइक पर शिकंजा कसा जा रहा था, तो कई वामपंथी पत्रकार और राजनीति से जुड़े लोगों ने इस पर सवाल उठाए थे। यह बताता है कि, कांग्रेस और कुछ वामपंथी पत्रकार किस हद तक इंसानियत के दुश्मनों का पक्ष ले रहे थे।
जाकिर नाईक जैसे लोग भी दुनिया में होने वाली आतंकी घटनाओं के लिए उतने ही ज़िम्मेदार है जितना की हमला करने वाले आतंकी। ये वही लोग है जो सीधे साधे लोगों को भड़काने का काम करते है और फिर धर्म के नाम पर इंसानियत को शर्मसार करने वाले बम धमाके करवाते है।