पश्चिम बंगाल के कूचबिहार में गुरुवार को मतदान सम्पन्न हुए इसी बीच ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के एक नेता का ऑडियो सामने आया है जिसमें वो मतदान केंद्र पर पार्टी के पक्ष में 100 प्रतिशत वोट सुनिश्चित करने का निर्देश दे रहे। पार्टी के लिए अधिक से अधिक वोट जुटाना पार्टी कार्यकर्ताओं का काम होता है लेकिन ये तरीका कुछ ठीक नहीं है। इस नेता का नाम ‘खोकों मियां’ बताया जा रहा है, इतना ही नहीं वो मतदाताओं को भी खुली चेतावनी देते सुनाई दे रहे हैं कि वो किसी और दूसरी पार्टी को वोट न दें। इस ऑडियो के सामने आने से ये साफ हो जाता है कि पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र का कितना खस्ता हाल है।
ये ऑडियो सामने आने के बाद भाजपा नेता ‘उत्पल कुमार देव’ ने टीएमसी पर निशाना साधा और इसे ममता सरकार की गुंडागर्दी बताया है। बीजेपी ने इस विडियो क्लिप के सामने आने के बाद चुनाव आयोग को ये वीडियो क्लिप सौंपते हुए कड़ी कार्यवाई की मांग की है। ममता बनर्जी की टीएमसी सरकार में गुंडागर्दी , बूथ कैप्चरिंग , धमकी, हत्या जैसी घटनाएँ आम बात है। पश्चिम बंगाल में दीदी का शासन खुलेआम लोगो में डर पैदा करता है और अपना नेता खुद अपनी पसंद से चुनने के अधिकार का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देता। वोट मांगने के लिए नेताओं को गली-गली घूमते सभी ने देखा होगा लेकिन इस तरह का रवैया देश के गणतन्त्र होने की सत्यता पर प्रश्न ज़रूर खड़ा कर देता है
एक तरफ़ लोकतंत्र का रोना दूसरी तरफ़ उसी लोकतंत्र की हत्या करते ममता बनर्जी के पार्टी के सदस्य। तो क्या ये सब ममता बनर्जी की जानकारी के बिना होता है? और ये कोई पहली बार नहीं है जब इस तरह का माहौल पश्चिम बंगाल में देखने को मिला है। ममता की तानाशाही और उनके दबंग कार्यकर्ताओं की गुंडागर्दी अक्सर सामने आती रहती हैं। ममता के शासन में दूसरी पार्टियों के कार्यकर्ताओं और समर्थकों का जीवन हमेशा खतरे में रहता है ये भी वजह है की पश्चिम बंगाल में अन्य पार्टियां अपनी पकड़ मज़बूत करने में असफल रही है। हालांकि, बीजेपी ममता के तानाशाही शासन के बावजूद राज्य में अपनी पकड़ को मजबूत करने में कामयाब रही है जिससे ममता का डर और ज्यादा बढ़ गया है। ये भी वजह है कि पश्चिम बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या होती है।
2018 में हुए पंचायत चुनाव के नतीजे आने के बाद पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा का दौर शुरू हो गया था जो अब तक थमने का नाम नही ले रहा। टीएमसी की बंगाल में इतनी गुंडागर्दी है की कोई भी पार्टी या नेता अगर उसके सामने चुनाव में खड़े होने की हिम्मत दिखाता है तो पहले उन्हें पैसो से खरीदने की कोशिश की जाती है इससे बात नही बनती तो उनके घर को आग लगा दी जाती है या हत्या करवा दी जाती है, अगर चुनाव में कोई प्रतिद्वंदी होगा ही नहीं तो मुक़ाबला होगा ही नहीं। ये दर्शाता है कि ममता बनर्जी को कुर्सी से इतना प्यार है की उसे बचाने के लिए वो किसी भी हद तक जा सकती। बीजेपी और मोदी को लोकतंत्र के लिए खतरा बताने वाली ममता बनर्जी अपने ही राज्य में लोकतंत्र का स्तर इतना कमजोर करने के पक्ष में क्यों हैं ? लोकतंत्र में वोट पाने के लिए इतनी गुंडागर्दी, इतनी ज़बरदस्ती, ये कहाँ का लोकतंत्र है ?