चुनाव आयोग द्वारा बैन करने के बाद भी योगी कर रहे समय का सही इस्तेमाल

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बीते सोमवार को चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चुनाव प्रचार करने पर 72 घंटों की रोक लगा दी थी। लेकिन लगता है कि योगी आदित्यनाथ ने चुनाव आयोग के इस प्रतिबंध का एक लाजवाब तोड़ निकाल लिया है। दरअसल, जबसे उनपर यह बैन लगा है, तभी से वो उत्तर प्रदेश के अलग-अलग मंदिरों में दर्शन और पूजा-पाठ के लिए भ्रमण कर रहे हैं। इस तरह वे चुनाव आयोग के प्रतिबंध के बिना किसी उल्लंघन के बखूबी सुर्खियों में बने हुए हैं। मंदिरों का भ्रमण कर जहां वे अपनी हिंदुवादी छवि को और ज़्यादा मजबूत कर रहे हैं, तो वहीं हिन्दू वोटर्स को लुभाने की कोशिश करने में भी वे सफल होते नज़र आ रहे हैं।

दरअसल, सीएम योगी मंगलवार से ही अपने मंदिर भ्रमण पर निकले हुए हैं। बैन लगने के एक दिन बाद ही वे लखनऊ कूच कर गए जहां के हनुमान सेतु मंदिर में उन्होंने हनुमान चालीसा का जाप किया। इस खबर के आने के बाद मुख्यधारा मीडिया ने उन्हें जमकर प्रचारित किया। इसके बाद आज बुधवार को भी वे पूरा दिन मंदिरों के दर्शन करने में व्यस्त रहेंगे। आज दोपहर वे अयोध्या पहुंचे जहां उन्होंने निर्माणाधीन राम मंदिर में रामलला के दर्शन किए। वे विश्व हिन्दू परिषद के नेताओं से भी मुलाक़ात करेंगे। इसके अलावा वे हनुमानगढ़ी मंदिर के भी दर्शन करेंगे। शाम को वे बलरामपुर जिले के देवीपाटन मंदिर भी जाएंगे और रात को वहीं रुकेंगे।

मुख्यधारा मीडिया भी बड़ी प्रमुखता से सीएम योगी के इन दौरों को कवर कर रहा है जिससे कि वे लगातार खबरों में बने हुए हैं। बैन के बावजूद पिछले दो दिनों में योगी को इतनी मीडिया कवरेज मिल चुकी है कि वे लगातार अपने फोलोवर्स के साथ जुड़े हुए हैं। आपको बता दें कि चुनाव आयोग ने योगी आदित्यनाथ के साथ-साथ बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा के विवादित नेता आजम खान पर भी प्रतिबंध लगाया था, लेकिन प्रतिबंध लगने के बाद मीडिया में इन नेताओं का नाम दूर-दूर तक नहीं है। इसके उलट वे चुनाव आयोग पर ही बेबुनियाद आरोप लगाकर अपने आप को पीड़ित दिखाने की कोशिश में जुटे हैं।

चुनाव आयोग ने मायावती पर 48 घंटे का प्रतिबंध लगाया गया था, जिससे पार्टी के लिए नई मुश्किलें खड़ी हो गयी हैं। दरअसल, बहुजन समाज पार्टी में मायावती के बाद नंबर 2 का कोई नेता ही नज़र नहीं आता, जिसके कारण बसपा के चुनाव प्रचार अभियान के पूरी तरह ठप होंने का खतरा अब बढ़ गया है। दूसरे चरण के चुनावों से ठीक पहले मायावती पर 48 घंटो के बैन के बाद जहां एक तरफ पार्टी को बड़ा नुकसान हो सकता है, वहीं महागठबंधन को भी इससे गहरा झटका पहुंचना तय है। दूसरी तरफ आजम खान पर भी चुनाव आयोग ने 72 घंटो तक का प्रतिबंध लगाया हुआ है, उन्होंने भाजपा नेता जया प्रदा पर एक बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था ‘मैं उसे (जया प्रदा) रामपुर लेकर आया, यहां की सड़कों, गलियों से उसका परिचय कराया, किसी को उसे छूने तक नहीं दिया, इस बात को तो आप भी जानते होंगे। लेकिन मेरे में और आप में यह फर्क है कि आपको उसे समझने में 17 बरस लग गए जबकि मैं 17 दिनों में जान गया कि उनका नीचे का का जो अंडरवियर है, वह खाकी रंग का है’।

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