सरकारें तो आती-जाती रहती हैं लेकिन ऐसा बहुत ही कम देखने को मिलता है कि कोई सरकार अपने राज्य की तस्वीर ही बदल कर रख दे। ऐसा ही कुछ हुआ है उत्तर प्रदेश में। एक समय था जब सबसे ज्यादा गुंडागर्दी इसी राज्य में होती थी। गुंडागर्दी भी इस दर्जे की कि वो कानून की धज्जियां उड़ा देते हैं। उत्तर प्रदेश भी उन्हीं राज्यों में से एक था जहां गुंडागर्दी और माफियाओं का राज हुआ करता था जो पूरे देश में अपराध और माफियाओं की वजह से चर्चा में रहा करता था। लेकिन प्रदेश की ये सूरत साल 2017 से बदलनी शुरू हुई। साल 2017 योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनाये गये और सत्ता की बाग्द्दोर संभालते ही उन्होंने प्रदेश में माफियाओं और दबंगों पर लगाम लगाना शुरू कर दिया। योगी सरकार ने आते ही सबको सही राह दिखानी शुरू कर दी। ऐसे फैसले भी लिए गए जिनका जमकर विरोध हुआ लेकिन अगर डॉक्टर की दी हुई कड़वी दवाई से अगर मरीज लेने से इंकार कर दे तो बीमारी का इलाज़ कैसे होगा?
"For the first time in perhaps four decades, criminals are taking a backseat in the #LokSabhaElections2019 in #UttarPradesh and it is the Yogi Adityanath Government that deserves credit for this."#MyUP @Uppolice https://t.co/VwQvDNyTgd
— Kanchan Gupta (Hindu Bengali Refugee)🇮🇳 (@KanchanGupta) April 19, 2019
दरअसल, एक वरिष्ठ पत्रकार कंचन गुप्ता ने अपने सोश्ल मीडिया अकाउंट से ट्वीट शेर करते हुए का की चार दशको में ये पहली बार हुआ जब उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव हो रहे है और माफियाओं का दबदबा नज़र नही आ रहा और इसका श्रेय यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को जाता है।
बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा भी कि योगी सरकार द्वारा अपराधियों पर नकेल कसी गयी और उसी का नतीजा है कि यूपी में न सिर्फ अपराध दर घटा है बल्कि अपराधी अपने बिलों में छुप गये हैं। पिछली सरकारों द्वारा उन्हें बढ़ावा मिलता था जो अब उन्हें नहीं मिलता है। भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा: ‘यह मुख्य रूप से योगी सरकार के कारण है कि अपराधी वापस अपने बिलों में छुप गये हैं। यदि वे पहले राजनीति में सक्रिय इसलिए थे क्योंकि तत्कालीन सरकारें उन्हें प्रोत्साहित कर रही थीं।’ ये सीएम योगी के एक सफल नेतृत्व की सरकार की वजह से ही है कि इस बार के लोकसभा चुनाव में माफियाओं का प्रभाव नहीं दिखाई दे रहा।
बड़े पदों पर आसीन अधिकारियों ने भी अपने मुख्यमंत्री की तारीफ खुद पूर्व पुलिस महानिदेशक रहे ओपी सिंह भी कर चुके हैं। ओपी सिंह ने बताया था कि “ पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकाल के मुक़ाबले मौजूदा सरकार के समय अपराध दर कम हुआ है।” सिंह ने ये भी कहा कि पुलिस के आंकड़ों के अनुसार अब डायल 100 पर भी कम मामले दर्ज़ हुए। उन्होनें इस बात को भी स्वीकारा था कि योगी सरकार के आने से राज्य में हुए ताबड़तोड़ एनकाउंटर्स के कारण वो विपक्ष के निशाने पर ही रही लेकिन अपराध में गिरावट कहीं न कहीं एंकाउंटर को लेकर अपराधियों में बने खौफ़ के कारण ही आई है।
ये तो सभी ने देखा था कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनते ही कई बड़े और अहम फैसले लिए । अपराधियों पर बिना किसी झिझक के कार्रवाई करना उनका एनकाउंटर करना या नकलविहीन परीक्षा कराना हो या अवैध बूचड़खाने बंद करने जैसे फैसले इसका उदाहरण है।
सीएम योगी ने एक के बाद एक ताबड़तोड़ फैसलों ने उत्तर प्रदेश की छवि ही साफ कर दी है और इन लोकसभा चुनाव में माफियाओं के प्रभाव न का होना उनके सफल शासन का एक और बेहतरीन उदाहरण है। ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि जो पिछली सरकारें दशकों में न कर सकीं वो योगी आदित्यनाथ ने सिर्फ दो सालों में कर दिखाया है।