पीएम मोदी पिछले पांच सालों में लगभग सभी विश्वसनीय मीडिया समूहों को अपना इंटरव्यू दे चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस पीएम मोदी पर मीडिया से दूर भागने का आरोप लगाती रहती है। 17 मई को प्रचार अवधि समाप्त होने के बाद जब पीएम मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने शाम को प्रेस वार्ता का आयोजन किया, तो उसके बाद भी कांग्रेस ने पीएम मोदी पर पत्रकारों के सवालों का उत्तर ना देने का आरोप लगाया। इसी मुद्दे पर जब आजतक चैनल पर बहस चल रही थी, तो कांग्रेस के प्रवक्ता संजय झा काफी आक्रामक हो गए, और उन्होंने बिना रुके चिल्लाना शुरू कर दिया, लेकिन पत्रकार अंजना ओम कश्यप ने उनको ऐसा जवाब दिया जिसने संजय झा के साथ-साथ अब राहुल गांधी की भी मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
संजय झा ने अंजना ओम कश्यप से सवाल पूछा कि क्या उनको इस बात का अफसोस नहीं होता कि प्रधानमंत्री उन्हें सवाल पूछने का मौका नहीं देते। उनकी इस बात पर अंजना ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की प्रेस वार्ता को लेकर संजय झा को ऐसा लपेटा कि उनके पास गुस्से में झल्लाने के अलावा कोई और चारा नहीं बचा। अंजना ने कहा ‘आदरणीय संजय झा जी, आपकी पार्टी ने तो इतना मौका भी नहीं दिया कि किसी प्रेस वार्ता में बैठ सकें या सीधा इंटरव्यू करके राहुल गांधी ने सवाल पूछ सके। हमने पीएम के साथ इंटरव्यू भी किया, साध्वी प्रज्ञा पर ठोककर सवाल पूछा और उन्होंने जवाब भी दिया। कांग्रेस पार्टी की प्रेस वार्ता में चुनिंदा पत्रकारों को बुलाया जाता है’।
इसके बाद वे राहुल गांधी पर हमला करते हुए कहती हैं ‘जब राहुल गांधी हमारे वाले पत्रकारों को भी प्रेस वार्ता में बुलाये जाने की बात कहते हैं, तो उनको बताना चाहिए कि ये हमारे वाले और आपके वाले पत्रकार क्या होता है?’ आगे वे कहती हैं ‘सवाल सीधा है, अगर राहुल गांधी राजीव गांधी के सुपुत्र ना होते, तो क्या उन्हें पार्टी का अध्यक्ष बनाया जाता? इस सवाल का जिस दिन वो सामना कर लेंगे, उसके बाद चर्चा को आगे लेके चलेंगे’।
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आपको बता दें कि जिस वक्त प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे, ठीक उसी वक्त कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी एक प्रेस वार्ता बुलाई थी। हालांकि, अपनी प्रेस वार्ता में राहुल गांधी ने कुछ ऐसा कहा जिसने कांग्रेस पार्टी और बिकाऊ पत्रकारों के बीच का अनैतिक गठबंधन का सबके सामने पर्दाफाश कर दिया। राहुल गांधी ने पीएम मोदी की प्रेस वार्ता पर हमला बोलते हुए कहा था ‘जो पत्रकार कॉन्फ्रेंस के अंदर घुसना चाहते थे, उनको भी अंदर घुसने नहीं दिया गया, ब्लॉक कर दिया। मैंने कहा एक दो जर्नलिस्ट भेज दीजिये वहां पर, हमारी तरफ से!’ स्पष्ट था कि राहुल गांधी उन्हीं बिकाऊ पत्रकारों की बात कर रहे थे, जो हर दिन चाटुकार पत्रकारिता को नया आयाम देते हैं।
यहां गौर करने वाली बात यह है कि जैसे ही अंजना ओम कश्यप की यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई, ये चाटुकार पत्रकार तुरंत एक्टिव हो गए और उनपर ही दलाल मीडिया का हिस्सा होने का आरोप लगाने लगे। अभिसार शर्मा ने अपने कार्यक्रम ‘सुनिए सरकार’ के माध्यम से अंजना को नसीहत दे डाली। उन्होंने कहा ‘ तुम मज़लूम नहीं हो तुम एक पत्रकार हो और पत्रकार का काम है सत्ता से तीखे सवाल पूछना है और आप कह रही हैं कि आप की इजाज़त हो तो में एक सवाल करूं, शर्म करो! आपको बता दें कि अभिसार उसी स्क्वाड का हिस्सा हैं जो बात-बात पर लोकतन्त्र का हवाला देकर अपना सत्ता-विरोधी जहर फैलाने का काम करते रहते हैं। क्रांतिकारी पत्रकारों की इस पीड़ा को देख यह साफ हो गया है कि कांग्रेस को अंजना के इस जवाब ने राहुल गांधी के साथ-साथ ऐसे चाटुकार पत्रकारों को आईना दिखाने का काम किया है।