पार्टी को अपनी रणनीति से 2019 के लोकसभा चुनाव में 303 सीटों पर ऐतिहासिक जीत दिलाने वाले अध्यक्ष अमित शाह अब पद पर आसीन नहीं रह सकेंगे। गौरतलब है कि, अमित शाह की अध्यक्षता में पार्टी ने हर स्तर पर मजबूती हासिल की है। साथ ही जनता के बीच अपनी एक खास पकड़ बनाई है। लेकिन इन सबके इतर बीजेपी की कार्यप्रणाली के अनुसार एक व्यक्ति को दो बार से अधिक अध्यक्ष पद की ज़िम्मेदारी नहीं दी जाती है। ऐसे में पार्टी में किसी अन्य दिग्गज को यह ज़िम्मेदारी दी जाएगी। आपको बता दें कि, अमित शाह ने जुलाई 2014 में राजनाथ सिंह के बाद अध्यक्ष पद संभाला था। वहीं 2019 जनवरी में बतौर अध्यक्ष उनका कार्यकाल खत्म हो गया था। लेकिन मिशन 2019 को देखते हुए कुछ समय के लिए उनका कार्यकाल बढ़ाया गया और पार्टी को महाविजय मिली।
वहीं अब अध्यक्ष पद के लिए कई नाम सामने आ रहे हैं, लेकिन कुछ ऐसे नाम हैं जिन्हें इस पद के लिए प्रबल दावेदार माना जा रहा है..उनमें राजनाथ सिंह, स्मृति ईरानी और जेपी नड्डा का नाम शामिल है।
स्मृति ईरानी
2019 के लोकसभा चुनाव में सबसे चर्चित और बड़ा चहरा स्मृति ईरानी रहीं। गौरतलब है कि, स्मृति ईरानी ने 2019 लोकसभा चुनाव में उत्तरप्रदेश की सबसे हॉट सीट अमेठी लोकसभा सीट पर ऐतिहासिक जीत दर्ज कर अपना दमखम, मेहनत और जनता के बीच खास पकड़ और पहुंच को दर्शाया है। स्मृति ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अमेठी में भारी मतों से मात दी है। जाहिर है स्मृति ईरानी की यह जीत काफी बड़ी और तख़्ता पलट करने वाली है। 2014 के बाद से वो लगातार अमेठी की जनता के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने में लगी रहीं और आखिरकार उन्होंने 2019 के चुनाव में वो कामयाब भी रहीं। स्मृति ईरानी ने अमेठी की जनता के बीच जा जाकर लोगों का दुख-दर्द जाना जिससे जनता ने उनपर भरोसा जताया। राजनीतिक समझ, पॉलिटिकल एक्सपीरियंस और जनता के बीच पकड़ बनाए रखने वालों मे स्मृति ईरानी काफी सक्षम हैं। मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में स्मृति ईरानी ने कई अहम मंत्रालयों की ज़िम्मेदारी भी संभाली है। ऐसे में पार्टी अध्यक्ष पद के लिए वो एक योग्य उम्मीदवार हैं।
राजनाथ सिंह
बीजेपी पार्टी के वरिष्ठ नेता और मोदी सरकार में गृह मंत्री रहे राजनाथ सिंह भी अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदरों में से एक हैं। राजनाथ सिंह ने लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक बार फिर भारी मतों से जीत दर्ज की है। जनता के बीच उनकी शानदार और बेदाग छवि उन्हें सबसे लोकप्रिय नेता बनाती है। वह पार्टी के उन दिग्गज नेताओं में से एक हैं जिसने पार्टी को मजबूत करने मे हर पल साथ दिया है। अगर उनके राजनैतिक करियर की बात करें तो वह बेहद सफल रहे हैं। खास बात यह है कि, वह खुद पार्टी की अध्यक्षता संभाल चुके हैं। 2005 से 2009 और 2013 से 2014 तक वह पार्टी के अध्यक्ष पर रहे हैं। राजनाथ सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे हैं। ऐसे में उनके इस राजनीतिक सफर और शानदार कार्यकाल को देखते हुए उनको अध्यक्ष पद की ज़िम्मेदारी दी जा सकती है।
जेपी नड्डा
जेपी नड्डा को 2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया था और प्रदेश में उनकी रणनीति की वजह से पार्टी का प्रदर्शन भी शानदार रहा था। इस जीत के बाद पार्टी में उनका कद और अधिक बढ़ गया है। मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में उन्होंने स्वास्थ्य मंत्रालय की जिम्मेदारी अच्छे से निभाई थी. आयुष्मान भारत योजना के तहत सभी योग्य मरीजों को लाभ मिले इसके लिए भी उन्होंने भरपूर कोशिश की थी। यही वजह है कि सिर्फ 200 दिनों में ही सरकार ने 20 लाख मरीजों को इलाज उपलब्ध कराने का कीर्तिमान रचा था। कुल मिलाकर उनका कार्यकाल बेहद सफल रहा है और उन्होंने इस पद की ज़िम्मेदारी उठाते हुए अच्छा काम किया है। मोदी सरकार की नई हेल्थ पॉलिसी को लेकर वो खुद आम जनता को जागरूक करने का एक भी मौका नहीं छोड़ते हैं।
जिस तरह से उन्होंने अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाहन किया है उसे देखते हुए ये कहना गलत नहीं होगा कि पार्टी अध्यक्ष पद के लिए वो एक योग्य उम्मीदवार हैं।
गौरतलब है कि, भाजपा अब देश की सबसे मजबूत पार्टी बन चुकी है। अब उनको इसमे निरंतरता बनाए रखने का लक्ष्य है। पार्टी राज्य स्तर से लेकर बूथ तक जबरदस्त मजबूत है। ऐसे में अब जो भी इस नई जिम्मेदारी को संभालेगा उसको आने वाले विधानसभा चुनावों में अच्छी रणनीति तैयार करनी होगी। ऐसे में अब देखना दिलचस्प होगा कि, आखिर पार्टी में अध्यक्ष पद की ज़िम्मेदारी किसको दी जाती है।