हाल ही में सम्पन्न लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने अपना जनाधार मजबूत करते हुए एक बार फिर सत्ता में अपनी वापसी की है। अपने दम पर 303 सीटों पर और साथी दलों के साथ मिलके 353 सीटों का अप्रत्याशित आंकड़ा पार कर भाजपा अपना कार्यकाल पूरा कर एक बार फिर सत्ता वापसी करने वाली पहली गैर कांग्रेसी पार्टी भी बन चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जनता का भरपूर समर्थन मिला है, और इसी का परिणाम है कि 30 मई को वे एक बार फिर भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे।
जहां इस शपथ ग्रहण समारोह में देश दुनिया के बड़े बड़े नेताओं के आगमन की सभी को प्रतीक्षा है, वहीं निमंत्रित मेहमानों में एक ऐसा भी वर्ग है, जिसके आगमन की किसी को भी अपेक्षा नहीं थी। हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में लगभग 51 ऐसे पार्टी कार्यकर्ता थे, जिन्हें पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र की रक्षा में अपने प्राणो की आहुति भी देनी पड़ी थी। इन्हीं हुतात्मा कार्यकर्ताओं के परिवारजनों को भाजपा ने प्रधानमंत्री के शपथ समारोह में शामिल होने का निमंत्रण भेजा है।
जी हां, आपने सही सुना। पश्चिम बंगाल में हुतात्मा 51 पार्टी कार्यकर्ताओं के परिवारजनों को भाजपा ने प्रधानमंत्री के आगामी शपथ ग्रहण समारोह के लिए विशेष निमंत्रण भेजा है। उक्त परिजनों के साथ पश्चिम बंगाल के भाजपा इकाई के वरिष्ठ पार्टी पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे, जिन्हें उनकी देख-रेख के लिए लगाया गया है। ये परिवार बैरकपुर, कृष्णानगर नदिया, पुरुलिया, माल्दा, बांकुरा, पश्चिमी मेदिनीपुर, झारग्राम, दक्षिण 24 परगना, बर्धमान, राणाघाट, बीरभूम और कूचबिहार से हैं। कुछ पारिवारिक सदस्य हाल ही में बीजेपी मुख्यालय भी आये और अपने डर की कहानी को बयां किया था।
बता दें कि हाल ही में सम्पन्न लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिम बंगाल में भी अपनी सशक्त मौजूदगी दर्ज़ कराई है। तमाम धमकियों, हमलों और हत्याओं के बावजूद भाजपा ने न केवल सत्तारूढ़ टीएमसी को नाकों चने चबवा दिए, बल्कि 42 में 18 सीटों पर जीत दर्ज कर बंगाल में प्रमुख विपक्ष होने का दर्जा भी हासिल कर लिया। हुतात्मा हुए 51 पार्टी कार्यकर्ताओं में से 5 इसी लोकसभा चुनाव, जबकि बाकी पिछले वर्ष सम्पन्न हुए पंचायत चुनाव के दौरान मारे गए थे।
इन परिवारों की देखरेख में लगे एक भाजपा नेता के अनुसार, ‘पूरे राज्य से लोगों का समर्थन मिल रहा है और हमें उन परिवारों से सांत्वना है जिन्होंने अपने करीबी और प्रियजनों को सियासी हिंसा में खो दिया है। हमें अपने कैडरों को एक संदेश भेजना होगा कि उन्हें भयभीत महसूस करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि पार्टी और उसके नेता मजबूती से उनके साथ खड़े हैं।’
इस निर्णय से भारतीय जनता पार्टी ने एक अहम संदेश भेजा है। न केवल वे पार्टी के विकास के लिए प्रतिबद्ध है, बल्कि वे हर पार्टी कार्यकर्ता के साथ उनके सुख दुख में खड़े हैं। पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा के दौरान हुतात्मा हुये 51 कार्यकर्ताओं को निमंत्रण भेजकर भाजपा ने न सिर्फ पार्टी एकता का परिचय दिया, बल्कि शपथ ग्रहण में आने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी एक कड़ा संदेश भेजा : अब डर का नहीं, लोकतंत्र का राज होगा।