मसूद अज़हर के ग्लोबल टेररिस्ट घोषित होने पर कांग्रेस पार्टी अपनी पीठ थपथपा रही है

भारत पिछले कई वर्षों से आतंकी मसूद अज़हर को एक ग्लोबल आतंकी घोषित करवाने की कोशिशें करता आ रहा था। हालांकि बुधवार को संयुक्त राष्ट्र से भारत के लिए खुशखबरी तब आई, जब चीन ने मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकी घोषित करने वाले प्रस्ताव से अपना ‘टेक्निकल होल्ड’ हटा लिया जिसके साथ ही मसूद अज़हर एक ग्लोबल आतंकी घोषित हो गया। इसे देश की एक बड़ी कूटनीतिक कामयाबी के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि, इस संवेदनशील मुद्दे पर देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस पार्टी का रवैया बड़ा ही दुर्भाग्यपूर्ण रहा। जैसे ही संयुक्त राष्ट्र द्वारा मसूद अज़हर को प्रतिबंधित करने की खबर सामने आई, तुरंत कांग्रेस पार्टी ने सक्रिय होकर अपनी पीठ थपथपाना शुरू कर दिया। इतना ही नहीं, कांग्रेस ने मोदी सरकार पर मसूद अज़हर मामले पर कूटनीतिक प्रक्रिया को धीमा करने का भी आरोप लगाया।  

कांग्रेस ने पहले एक ट्वीट के माध्यम से इस मामले पर अपनी घटिया राजनीति का प्रदर्शन किया। कांग्रेस पार्टी ने लिखा ‘वर्ष 1999 में एनडीए सरकार द्वारा मसूद अज़हर को छोड़े जाने के बाद वर्ष 2009 से भारत सरकार उसके खिलाफ लड़ाई लड़ रही थी, और यूपीए सरकार ने इस लड़ाई को शुरू किया था। हम यूएन द्वारा मसूद अज़हर पर प्रतिबंध लगाए जाने का समर्थन करते हैं और आशा करते हैं कि आज आतंकी हमलों के पीड़ित लोगों को न्याय मिल गया होगा’।

इस ट्वीट के अलावा यूपीए सरकार में गृह मंत्री रह चुके पी चिदम्बरम ने भी इस मामले पर कांग्रेस की तारीफ की और कहा ‘यूपीए सरकार के समय वर्ष 2009 में इस प्रक्रिया को शुरू किया गया था, लेकिन मुझे खुशी है कि 10 साल बाद अब जाकर हमें सफलता मिली है’। इसी के साथ कांग्रेस ने देर शाम जारी किए एक प्रेस रिलीज़ में यह कहा कि यूपीए सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को अलग-थलग किया था जिसके बाद ही यह संभव हो पाया है। यानि कुल मिलाकर कांग्रेस पार्टी ने मसूद अज़हर को ग्लोबल आतंकी घोषित किए जाने का सारा श्रेय अपने आप को दे दिया।

हालांकि, आतंकवाद के मुद्दे पर कांग्रेस के नर्म रवैये को देश नहीं भूला है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी तो आतंकी मसूद अज़हर को ‘जी’ कहकर संबोधित कर चुके हैं। इसके अलावा जब इसी वर्ष पाकिस्तानी आतंकियों द्वारा पुलवामा में हमला किया गया था, तो भी कांग्रेस के नेताओं ने इस हमले की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए शहीद जवानों का अपमान किया था। इतना ही नहीं, जब जेएनयू के कुछ भारत-विरोधी तत्व देश के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे, तो भी वे राहुल गांधी ही थे जिन्होंने जेएनयू पहुंचकर उनके साथ संवेदनाएं प्रकट की थी।

मसूद अज़हर के ग्लोबल आतंकी घोषित होने के बाद आज कांग्रेस चाहे अपने आप को कितना भी श्रेय क्यों ना दे, लेकिन सच्चाई यह है कि पुलवामा हमले के बाद जिस तरह भारत ने कूटनीतिक तत्परता दिखाई, आज उसी का नतीजा निकला है कि दुनिया कि सभी सुपरपावर्स मसूद अज़हर को बैन करने के मामले पर भारत के साथ खड़े हैं। जिस कूटनीति को लेकर कांग्रेस पीएम मोदी पर आज हमलावर हो रही है, उसी कूटनीति का यह नतीजा निकला है कि पाकिस्तान का ऑल वेदर फ्रेंड माना जाने वाला चीन भी अब भारत का साथ दे रहा है। कांग्रेस को पीएम मोदी पर आधारहीन आरोप लगाने की बजाय इतिहास में की गई अपनी गल्तियों को सुधारने की तरफ ध्यान देना चाहिए।

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