चुनाव आयोग ने पीएम मोदी को पांच मामलों दी क्लीन चिट

पीएम मोदी चुनाव आयोग

PC: NDTV Khabar

आंचार संहिता के उल्लंघन के दो मामलों में शुक्रवार को निर्वाचन आयोग ने पीएम नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दे दी। इसी के साथ पीएम मोदी को अब तक कुल 5 मामलों में आयोग द्वारा क्लीन चिट दिया जा चुका है। एक मामले में पुलवामा हमले के बाद आतंकियों के खिलाफ दिये एक बयान को लेकर पीएम मोदी पर आंचार संहिता के उल्लंघन के आरोप लगे थे। जबकि एक अन्य मामले में पीएम मोदी ने राहुल गांधी के वायनाड सीट से चुनाव लड़ने को लेकर नांदेड़ में एक बयान दिया था, जिसको लेकर भी चुनाव आयोग ने पीएम मोदी को क्लीन चिट दे दी है।

शुक्रवार को चुनाव आयोग की बैठक में यह फैसला लिया गया। चुनाव आयोग ने इसके साथ ही भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के उस बयान में भी कुछ आपत्तीजनक नहीं लगा जिसमें उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी ने एयर फोर्स को पाकिस्तान में भेजा था। इसके अलावा उनके 9 अप्रैल को दिये एक बयान को भी चुनाव आयोग ने सही ठहराया जिसमें उन्होंने कहा था कि यह बताना मुश्किल है कि वायनाड भारत में है या पाकिस्तान में।

आपको बता दें कि बीती 25 अप्रैल को वाराणसी में अपनी रैली के दौरान पीएम मोदी ने कहा था ‘उन्होंने हमारे 40 जवानों क शहीद किया, और अब हमने उनके 42 आतंकियों को मार डाला है’। इस बयान के खिलाफ कांग्रेस अपनी शिकायत लेकर चुनाव आयोग के पास गयी थी। इसके अलावा पीएम मोदी ने नांदेड़ में 6 अप्रैल को दिये एक बयान में कहा था ‘कांग्रेस ने माइक्रोस्कोप का इस्तेमाल करके एक ऐसी सीट को ढूंढा जहां देश की बहुसंख्यक आबादी अल्पसंख्यक है’।

गौरतलब है कि पिछले दिनों चुनाव आयोग ने पीएम मोदी के वर्धा जिले में दिये एक बयान को भी क्लीन चिट दी थी जिसमें उन्होंने ‘हिन्दू आतंकवाद’ शब्द का उपयोग करने सहित कई मुद्दों पर कांग्रेस को जमकर घेरा था। जिसके जवाब में कांग्रेस ने चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया था और पीएम मोदी पर अंचार साहिता के उल्लंघन को लेकर कार्रवाई करने का अनुरोध किया था। लेकिन, इसके बाद भी चुनाव आयोग ने साफ कर दिया था कि पीएम मोदी ने अपने भाषण में कोई नियम नहीं तोड़ा है।

हालांकि, पीएम मोदी को क्लीन चिट दिये जाने के फैसले के बाद कांग्रेस पार्टी ने चुनाव आयोग को ही कटघरे में खड़ा कर दिया था। कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने ट्वीट करते हुए लिखा था ‘पीएम मोदी को क्लीन चिट दिये जाना इस बात का सबूत है कि निष्पक्ष चुनाव आयोजित करवाने की बजाय चुनाव आयोग भाजपा के 12वें खिलाड़ी के तौर पर काम कर रहा है’। 

हैरानी की बात तो यह है कि जब यही चुनाव आयोग भाजपा के नमो टीवी और पीएम मोदी की बायोपिक पर बैन लगाने का फैसला लेता है तो किसी के मुंह से कोई शब्द नहीं निकलता। कांग्रेस देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी है और कांग्रेस से सभी को एक सभ्य और तर्कसंगत बयान की आशा रहती है, लेकिन दुर्भाग्य से पिछले कुछ वर्षों में देश में गिरते राजनीतिक स्तर में कांग्रेस पार्टी की ही सबसे बड़ी भूमिका रही है। आज जब कांग्रेस को चुनाव आयोग से फटकार मिली है, ऐसे में कांग्रेस ने अपने आप को पीड़ित दिखाने का एक नया ढोंग रचना शुरू कर दिया है, ताकि उसे जनता की सहानुभूति प्राप्त हो सके।

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