दुनिया का सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक पर्व रविवार शाम समाप्त हो गया। लगभग 90 करोड़ वोटर्स इस पर्व का हिस्सा बनने के योग्य थे, जिनमें से 65 प्रतिशत से ज्यादा लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। हालांकि, अब लोगों के मन में यही सवाल है कि वोटिंग के नतीजों में कौन-किसपर भारी पड़ेगा और पीएम पद की कुर्सी पर कौन विराजमान होगा? केंद्र की सत्ता तक पहुँचने के लिए किसी भी राजनीतिक दल को हिन्दी बेल्ट पर अच्छा परफ़ोर्म करना अनिवार्य है। हिन्दी बेल्ट में देश के आठ राज्य आते हैं जिनमें हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मध्य प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, बिहार और राजस्थान जैसे राज्य शामिल हैं। इन राज्यों में कुल मिलाकर 216 सीटें हैं जिनमें से वर्ष 2014 में एनडीए ने 191 सीटें जीती थी, जबकि यूपीए को सिर्फ 14 सीटें। इस बार के एग्जिट पोल के आंकडें क्या कहते हैं चलिए एक नजर डाल लेते हैं:
अलग-अलग न्यूज़ एजेंसियों के एग्जिट पोल के नतीजों से यह साफ हो गया है कि हिन्दी बेल्ट में भाजपा और एनडीए का दबदबा रह सकता है। बिहार में कांग्रेस और आरजेडी के गठबंधन को गहरा झटका लग सकता है, तो वहीं उत्तर प्रदेश में भाजपा को पिछली बार के मुक़ाबले कम सीटें मिल सकती हैं। हरियाणा में भाजपा अच्छी स्थ्ती में हैं जहां वह 8 से 10 सीटों पर कब्जा कर सकती है। राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी भाजपा का प्रदर्शन अच्छा रह सकता है। दिल्ली की लगभग सभी सातों सीटों पर भाजपा अपना कमल खिलाने में सफल हो सकती है। इसके अलावा झारखंड और छतीसगढ़ में भी एनडीए मजबूत स्थिति में दिखाई दे रही है। वर्ष 2014 की बात करें तो इन राज्यों में भाजपा ने एकतरफा जीत हासिल की थी, और केंद्र में वह बड़ी आसानी से सरकार बनाने में सफल हुई थी। इस बार भी कुछ ऐसा ही होता दिखाई दे रहा है। फिर भी एग्जिट पोल के ये आंकड़े कितने सटीक साबित होते हैं ये तो 23 मई को नतीजे आने के बाद ही पता चल पायेगा।