महाराष्ट्र, गुजरात और गोवा सहित पश्चिमी भारत में कुल 76 लोकसभा सीटें हैं। साल 2014 के आम चुनावों में भाजपा ने कुल 76 सीटों में से 69 पर जीत दर्ज की थी। इस साल के आम चुनावों में भी कुछ इसी तरह के रुझान देखने को मिल रहे हैं। बीजेपी ने साल 2017 के विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज कर सत्ता में वापसी की थी, वहीं गोवा में भी वो सरकार बनाने में कामयाब रही थी जबकि महाराष्ट्र में बीजेपी ने भारी जीत दर्ज की थी।
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र की कुल 48 लोकसभा सीटें केंद्र में सत्ता की स्थापना के लिए किसी भी पार्टी के लिए काफी महत्वपूर्ण होती है। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 24 सीटों पर चुनाव लड़ा और 23 सीटों पर जीत दर्ज की थी और उसकी सहयोगी पार्टी शिवसेना ने 22 सीटों पर चुनाव लड़कर 18 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और एनसीपी जैसे भाजपा के मुख्य विपक्षी दलों को सिर्फ 2 और 4 सीटें ही मिलीं थीं जो की पहले की तुलना में काफी कम थी।
साल 2019 के लोकसभा चुनावों में भी हमें एनडीए के पक्ष में ही नतीजे देखने को मिल सकते हैं। एनसीपी के शरद पवार और कांग्रेस के पृथ्वीराज चव्हाण जैसे कई वरिष्ठ नेताओं ने तो पहले ही चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था जिसने विपक्ष के कमजोर आत्मविश्वास को जगजाहिर कर दिया था। इन नेताओं के इस कदम से विपक्षी दल एक मजबूत नेतृत्व की कमी से जूझने लगा था। इससे इन पार्टियों के पतन की संभावना भी बढ़ गयी थी। अब रिपोर्ट्स की मानें तो पहले ही अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे विपक्षी दलों को चुनावों में भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। कई प्री-पोल सर्वे की मानें तो एनडीए ने बीते समय में अपनी पकड़ को राज्य में काफी मजबूत किया है।
जैसे ही 2019 के लोकसभा चुनाव का आखिरी चरण समाप्त हुआ वैसे ही विभिन्न संगठनों के प्री पोल सर्वे सामने आने लगे और लगभग सभी ने जो भविष्यवाणी की वो एनडीए के पक्ष में रही।
गुजरात
साल 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने गुजरात की 26 सीटों पर जीत दर्ज की थी। यहां कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत सकी थी जिसने साल 2009 में 11 सीटें जीती थीं।
बीजेपी 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव में सत्ता को बचाने में कामयाब रही थी। अब 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए सामने आये विभिन्न संगठनों के प्री पोल सर्वे के मुताबिक बीजेपी को फिर से बढ़त मिलने के संकेत हैं। इन रिपोर्टस के मुताबिक बीजेपी 2014 में मिली जीत को दोहराएगी।
गोवा
इस बार के गोवा के लोकसभा चुनाव के समय की स्थिति अन्य राज्यों की तुलना में काफी अलग है क्योंकि यहां दिवंगत वरिष्ठ नेता मनोहर पर्रिकर की अनुपस्थिति में पार्टी अपनी जीत को बरकरार रखना चाहेगी। जिस तरह से साल 2014 में पार्टी ने यहां कि दोनों सीटों पर जीत दर्ज की थी। इस बार के प्री पोल्स के आंकड़ों की मानें तो इस बार भी स्थिति भाजपा के पक्ष में नजर आ रही है।
जैसे ही लोकसभा चुनाव का आखिरी चरण समाप्त हुआ वैसे ही सभी एग्जिट पोल्स के नतीजे समाने आने लगे और लगभग सभी ने यही भविष्यवाणी की कि इस बार भी स्थिति वही रहेगी जो साल 2014 में थी।
महाराष्ट्र, गुजरात और गोवा के लोकसभा चुनावों को लेकर जो एग्जिट पोल्स सामने आये हैं उसमें 2014 जैसी ही झलक है। हालांकि, ये नतीजे कितने हद तक सही साबित होंगे ये देखना दिलचस्प होगा।