भारत की अर्थव्यवस्था चीन और जापान के बाद एशिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। इतना ही नहीं, इंटरनेशनल मोनेटरी फंड ने इस साल भारत की ग्रोथ रेट 7 प्रतिशत से ज़्यादा रहने का अनुमान जताया है। ऐसे में वित्त मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारियां और ज़्यादा बढ़ जाती हैं। मोदी सरकार के पांच सालों के दौरान अरुण जेटली ने इस मंत्रालय का पदाभार संभाला, लेकिन उनकी लगातार खराब होती सेहत की वजह से मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में उनका वित्त मंत्री बनना अब संदेह के घेरे में है। हालांकि, अरुण जेटली के विकल्प के तौर पर भाजपा के पास कई ऐसे नेता है जिनको पार्टी द्वारा वित्त मंत्रालय का पदाभार सौंपा जा सकता है।
इस सूची में सबसे पहला नाम मोदी सरकार में रेलवे और ऊर्जा मंत्री रहे भाजपा के नेता पीयूष गोयल का आता है। पीयूष गोयल ने रेलवे मंत्रालय के साथ-साथ कुछ समय के लिए वित्त मंत्रालय को भी बड़े शानदार तरीके से संभाला। देश की संसद में इस साल का बजट भी पीयूष गोयल ने ही पेश किया था जिसको लेकर उनकी काफी सराहना हुई थी। इसके अलावा पीयूष गोयल पेशे से वकील और चार्टर्ड अकाउंटेंट भी हैं। पीयूष गोयल स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ बड़ौदा जैसे बड़े बैंकों के बोर्ड के सदस्य भी रह चुके हैं, जिसके कारण वित्त से जुड़े मामलों की उन्हें काफी समझ है। यही कारण है कि अगले वित्त मंत्री के तौर पर पीयूष गोयल को ही प्रोजेक्ट किया जा रहा है।
पीयूष गोयल के अलावा सुरेश प्रभु को भी अगले वित्त मंत्री होने का योग्य उम्मीदवार माना जा रहा है। पीयूष गोयल की तरह ही वे भी पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं और इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया यानि आईसीएआई के सदस्य भी हैं। मोदी सरकार के शुरुआती सालों में उन्होंने रेलवे मंत्रालय का पदभार संभाला और रेलवे के आधुनिकीकरण को नया आयाम दिया। इससे पूर्व अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान भी वे अलग-अलग मंत्रालय का पदाभार संभाल चुके हैं और काफी अनुभवी नेता हैं। यही कारण है कि सुरेश प्रभु को देश के अगले वित्त मंत्री के तौर पर नियुक्त किया जा सकता है।
इन दो बड़े नामों के अलावा एक नाम ऐसा भी है जिसे बेशक काफी लोग ना जानते हों, लेकिन उन्हें वित्त मंत्रालय के पदाभार का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। सूची में अगला नाम अर्थशास्त्री और लेखक सुरजीत एस भल्ला का है। वे प्रधानमंत्री मोदी द्वारा निर्मित इकनॉमिक एडवाइज़री कमेटी के सदस्य भी रह चुके हैं और अर्थव्यवस्था की गहरी समझ रखते हैं। वे दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में पढ़ा चुके हैं प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में पीएचडी हैं। एस भल्ला के पास पब्लिक और इंटरनेशनल रिलेशन्स के क्षेत्र में प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के वुडरो विल्सन स्कूल से मास्टर्स डिग्री भी है। उनके इसी अनुभव और शैक्षणिक योग्यता के कारण उन्हें वित्त मंत्रालय का पदाभार सौंपा जा सकता है।
जैसा हमने आपको बताया, वित्त मंत्रालय एक महत्वपूर्ण मंत्रालय है और इस विभाग का पदाभार एक योग्य शख्स को ही सौंपा जाना चाहिए। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में वित्त मंत्री किसे बनाया जाता है, इसके जवाब के लिए इंतजार के बाद ही मिलेगा, लेकिन इतना साफ है कि जिस भी व्यक्ति को यह मंत्रालय सौंपा जाता है, उससे तमाम देशवासियों को अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद रहेगी, ताकि देश की अर्थव्यवस्था इसी गति से विकास के नए आयाम छूती रहे।