भारत की उपलब्धियों में एक और उपलब्धि जुड़ गयी है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बुधवार को रडार इमेजिंग निगरानी उपग्रह “आरआईसैट-2 बी” का पृथ्वी की निचली कक्षा में सफल प्रक्षेपण कर दिया। आरआईसैट-2 बी के सफल प्रक्षेपण के साथ ही भारत अब बेहद खराब मौसम में भी देश की सीमाओं की निगरानी के साथ साथ अपने दुश्मन देशों पर भी पैनी नज़र रख सकेगा। इतना ही नही भारत अब बालाकोट एयर स्ट्राइक जैसे अभियानों की आसानी से तस्वीर ले सकेगा। जिससे एयर स्ट्राइक जैसे अभियानों के सबूत मांगने वालों को करारा जवाब दिया जा सकेगा। साथ ही पाकिस्तान भारत की हर कार्रवाई पर सबूत मांगता है उसके भी दोहरे रुख को सामने रखने में आसानी होगी।
इसरो के अनुसार ,पीएसएलवी-सी46 रॉकेट के 48वें मिशन के जरिए सुबह साढ़े पांच बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से आरआईसैट-2 बी को प्रक्षेपित किया गया। विशेषज्ञों के मुताबिक आरआईसैट-2 बी उपग्रह आसानी से पृथ्वी की बेहद साफ तस्वीरें ले सकेगा। इसके कैमरे की नजर से कुछ भी बच नहीं सकेगा। इस सैटलाइट में एक्टिव सेंसर लगे हैं जिसके कारण खराब से खराब मौसम,बादलों के होते हुए या अंधेरे में भी साफ तस्वीरें ली जा सकेंगी। यह उपग्रह खुफिया निगरानी, कृषि, वन और आपदा प्रबंधन सहयोग जैसे क्षेत्रों में भी मदद करेगा। इस उपग्रह का भार 615 किलोग्राम है और इसे प्रक्षेपण के करीब 15 मिनट बाद पृथ्वी की निचली कक्षा में छोड़ा गया।
आपको बता दें कि करीब सात साल के लंबे अंतराल के बाद भारत ने इस तरह के निगरानी सैटलाइट का प्रक्षेपण किया है। 2008 में मुंबई आतंकी हमले के बाद आरआईसैट-1 लॉन्च को प्राथमिकता दी गयी थी और आरआईसैट-2 बी के लॉंच को टाल दिया गया था। लेकिन अब इसे लांच कर दिया गया है जो देश की तीसरी आंख की तरह काम करेगा। आरआईसैट-2 बी से देश की सीमा पर आतंकियों के खात्मे के लिए फायदेमंद है ही साथ ही इस निगरानी उपग्रह की मदद से देश में बाढ़ और तूफान में हुए नुकसान का अनुमान भी लगाया जा सकेगा। इससे भारतीय सेना को आतंकियों के खात्मे और उनके ठिकानों को पता लगाने में भी मदद मिलेगी।
आरआईसैट-2 बी के प्रक्षेपण के बाद अब इसरो निगरानी उपग्रहों की एक पूरी फौज तैयार करने जा रहा है। इसके तहत इसरो आने वाले समय में RISAT-2BR1, 2BR2, RISAT-1A, 1B, 2A समेत कई उपग्रह प्रक्षेपित करेगा। इसरो ने वर्ष 2009 और 2012 में इस श्रेणी के दो उपग्रह लॉन्च किए थे। इसके बाद अब वर्ष 2019 में ही इसरो की चार से पांच निगरानी उपग्रह प्रक्षेपित करने की योजना है। भारत के बढ़ते इस दमखम से एक बात तो साफ है कि अब पड़ोसी देशों को और खासकर उन देशों को जो भारत के अहित का सोचते है को बड़ा झटका लगा है।