लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस को एक के बाद एक झटका लगा रहा है या यूं कहे कि इस पार्टी का समय कुछ ठीक नहीं चल रहा है। मध्य प्रदेश में किसानों के कर्ज को माफ़ करने के वादे के साथ सत्ता में आई कांग्रेस पार्टी के लिए ये वादा ही मुश्किलों का सबब बन गया है जो पार्टी के लिए शुभ संकेत नहीं है। जहां एक तरफ कांग्रेस अध्यक्ष आमसभा में मध्य प्रदेश योजना में किसानों के लाभान्वित होने का दावा कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ पार्टी के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधियां के सामने ही एक किसान ने कर्जमाफ़ी योजना की पोल खोलने का काम किया है।
Farmer confronts Congress’ Jyotiraditya Scindia on farm loan waiver issue. Farmer claims that the 2 lakh loan waiver promise was a farce.
@govindtimes with the details. | #May23WithTimesNow pic.twitter.com/0EL8ZHa3gh
— TIMES NOW (@TimesNow) May 11, 2019
दरअसल, ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्य प्रदेश के गुना जिले में रैली के लिए गये थे और इस रैली में किसानों के कर्जमाफ़ी की योजना को लेकर खूब वाहवाही लूटी जा रही थी लेकिन तभी किसानों ने ही इसका विरोध करना शुरू कर दिया। इससे जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रहा है। इस वीडियो में साफ़ देखा जा सकता है कि दो लाख कर्जमाफ़ी की योजना को लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया दावे कर रहे थे, उसी बीच किसानों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया और जब कार्यकर्ताओं ने डांट कर उन्हें शांत कराने की कोशिश की तो भी वो नहीं मानें। पीड़ित किसान बार-बार अपने कर्जे को लेकर सवाल कर रहे हैं उनका दर्द साफ़ झलक रहा है। किसानों का कहना था कि ‘सरकार दावा कर रही है कि किसानों का कर्ज माफ़ किया गया है लेकिन सच ये है कि अब भी उसपर भारी कर्जा है। कर्जा इतना है कि पुलिस उसके घर तक पहुंच गयी।‘ इसके बाद विरोध कर रहे एक किसान को ज्योतिरादित्य सिंधिया के पास ले जाया गया लेकिन सिंधिया ने भी उन्हें शांत रहने की सलाह दी और पीछे हटने को कहा। सिंधिया ने कहा कि ‘जब बोलने का मौका दिया जाए तब बोले, तब तक चुप रहे।‘
इससे पहले मध्य प्रदेश के मुखिया कमलनाथ भी अपने वादों को ना निभाने का ठीकरा चुनावों पर फोड़ते भी नज़र आए थे। उन्होंने बहाना बनाया कि चुनावों की वजह से कर्जमाफ़ी प्रक्रिया में बाधा पड़ गई और अब चुनावों के बाद ही इस प्रक्रिया को दोबारा शुरू किया जा सकेगा। इसका मतलब साफ़ है कि कमलनाथ ने अपनी सरकार की विफलता को मान लिया है, तो इससे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की पाखंडता का भी पर्दाफाश होता है। दरअसल, मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के मात्र 2 दिनों के अंदर ट्वीट किया था ‘हो गया, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छतीसगढ़ में किसानों का कर्ज़ माफ कर दिया गया है। हमने 10 दिनों का समय मांगा था, लेकिन 2 दिनों में ही हमने करके दिखा दिखाया।
इन लोकसभा चुनावों में राहुल गांधी भी मध्य प्रदेश सरकार की इस ‘उपलब्धि’ पर जमकर छाती ठोकते नज़र आ रहे हैं। हालांकि अब उनके मुख्यमंत्री ने खुद अपनी सरकार की नाकामी को जाहिर कर दिया और अब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी अपने व्यवहार से सच को सामने रख दिया है। ऐसे में हमें लगता है कि राहुल गांधी को भी देश के किसानों से माफी मांग लेनी चाहिए। वास्तव में कांग्रेस ने देश के किसानों के कर्जमाफ़ी के नाम पर राजनीति को जमकर की लेकिन, उनकी समस्याओं को हल करने की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया। देश के गरीब किसान एक बार फिर कांग्रेस की झूठ की राजनीति के पीड़ित बने हैं, हालांकि, देश में लोकसभा चुनाव जारी है और उनके पास उन्हें ठगने वाली पार्टी को मुंहतोड़ जवाब देने का एक सुनहरा मौका है।