अभिनेता से नेता बने कमल हासन पर बुधवार शाम चप्पल फेंकी गई है। यह वाकया उस समय हुआ जब वे मदुरई के तिरुप्पारनकुंद्रन विधानसभा क्षेत्र में प्रचार कर रहे थे। कमल हासन पर यह हमला उनके उस विवादित बयान के तीन दिन बाद हुआ जिसमें उन्होंने कहा था कि, आजाद भारत का पहला आतंकवादी हिंदू है। साउथ के सुपरस्टार और तमिलनाडु की क्षेत्रीय पार्टी एमएनएम के संस्थापक कमल हासन ने शर्मनाक बयान तमिलनाडु के अरावाकुरुची विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार के दौरान दिया था। कमल हासन का यह बयान थोड़ी ही देर में देश भर में फैल गया और इस बयान को लेकर कमल हासन की खूब थू-थू हो रही है।
दरअसल तिरुप्पारनकुंद्रन विधानसभा क्षेत्र में हो रही कमल हासन की सभा में कुछ लोग कमल हासन के बयान का विरोध करते हुए भारत माता की जय के नारे लगा रहे थे। इसी बीच भीड़ में से एक शख्स ने कमल हासन की तरफ चप्पल फेंक दी। बताया जा रहा है कि भारत माता की जय के नारे लगा रहे लोग हिंदूवादी संगठन हिंदू मक्कल कच्ची संगठन से थे और चप्पल फेंकने वाला शख्स भी इसी संगठन से था। हालांकि, पुलिस ने बाद में 11 लोगों को हिरासत में ले लिया।
इससे पहले बुधवार को कमल हासन ने कहा था कि, उन्होंने वही कहा है जो एक ऐतिहासिक सच था। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अरवाकुरिचि में जो कुछ कहा, उससे वे नाराज हो गये। मैंने जो कुछ कहा है वह ऐतिहासिक सच है। मैं किसी को झगड़े के लिए नहीं उकसाता।’’ वास्तव में कमल हासन का यह बयान पूरी तरह तुष्टिकरण की राजनीति से प्रेरित दिखाई देता है। उन्होंने जिस विधानसभा क्षेत्र में यह बयान दिया, वह अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्र है। स्पष्ट है कि, हिंदूविरोधी बयान देकर वे एक समुदाय विशेष को ही खुश करने की कोशिश कर रहे थे। रविवार को दिये उनके इस बयान के चलते हासन पर अदालत और पुलिस में मामले दर्ज किये गये हैं। उनके खिलाफ धार्मिक भावना आहत करने और दो समूहों के बीच शत्रुता बढ़ाने के आरोपों के लिए आईपीसी की धारा 153ए और 295ए के तहत मामला दर्ज किया गया है।
कलम हासन के इस शर्मनाक बयान के बाद पीएम मोदी की बॉयोपिक में मुख्य किरदार निभाने वाले विवेक ओबेरॉय ने उन्हें बेहद करारा जवाब दिया था। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा था, “सर, एक छोटे कलाकार का बड़े कलाकार से निवेदन है, कृपया देश को न बांटे, हम सभी एक हैं, जय हिन्द।” विवेक यहीं नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा, “प्रिय कमल सर, आप एक बड़े कलाकार हैं। जिस तरह कला का कोई धर्म नहीं है उसी तरह आतंकवाद का भी कोई धर्म नहीं है। आप कह सकते हैं कि नाथूराम गोडसे आतंकवादी थे, लेकिन हिन्दू को क्यों चित्रित कर रहे हैं। क्या इसलिए क्योंकि आप एक मुस्लिम बहुल इलाके में वोट मांगने के लिए गए थे।”
तमिलनाडु भाजपा की अध्यक्ष तमिलसाईं सुंदरराजन ने भी कमल हासन पर पलटवार करते हुए ट्वीट किया था, ‘हम कमल हासन के चुनाव प्रचार के दौरान हिंदू अतिवादी के बारे में बात करने की निंदा करते हैं। वह ऐसी जगह सांप्रदायिक हिंसा भड़का रहे हैं, जहां बहुत सारे अल्पसंख्यक हैं। चुनाव आयोग को इस भाषण के लिए कमल हासन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।’ तमिलनाडु के मंत्री केटी राजेंद्र भालाजी ने भी हासन के बयान पर सोमवार को प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि उनकी जीभ काट देनी चाहिए। भालाजी ने कहा, ‘चरमपंथ का कोई धर्म नहीं होता है। वो न हिंदू होता है न मुसलमान और न ईसाई।’ वहीं हासन की पार्टी ने मांग की है कि मंत्री को उनके बयान के लिए पद से हटा देना चाहिए।
जहां सब और कमल हासन के बयान की आलोचना हो रही थी तो देश में एक ऐसा नेता भी था जो उनके बयान का समर्थन करता हुआ दिखाई दिया। वह थे एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी, जो खुद मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति करने के लिए कुख्यात हैं। उन्होंने कमल हासन के हिंदु आतंकवादी वाले बयान पर फोकस करने की बजाय नाथूराम गोडसे पर अपनी प्रतिक्रिया केंद्रित रखी। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘जिसने महात्मा गांधी की हत्या की उसे हम महात्मा कहें या राक्षस? आंतकी कहें या हत्यारा? औवैसी ने कपूर कमीशन की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि इस रिपोर्ट में जिसकी भूमिका साजिशकर्ता की साबित हुई है, उसे आप महापुरुष कहेंगे या फिर नीच कहेंगे? हम उसे आतंकवादी कहेंगे।’
कमल हासन पर चुनाव आयोग से भी जल्द ही शिकंजा कसा जा सकता है। दिल्ली हाई कोर्ट ने निर्वाचन आयोग से कहा है कि वह कमल हासन की हालिया टिप्पणी के मामले में तेजी से फैसला ले।