आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में रैली की। रैली में बहुत ही कम संख्या में लोग जुड़े जिसके बाद ये अनुमान लगाया जा सकता है कि 2015 में दिल्ली की राजनीति में सुनामी की तरह उभरी आम आदमी पार्टी के लिए अब दिल्ली भी बहुत दूर हो गयी है। आम आदमी पार्टी वैसे भी देश के गिने चुने राज्यों में सांस ले रही है, लेकिन अब जहां कि जनता ने आम आदमी पार्टी को वजूद दिया अगर वहीं के लोग अरविंद केजरीवाल का साथ छोड़ देंगे तो कहीं पार्टी के सपनों पर ‘पानी’ न फिर जाए।
दरअसल, बुधवार को अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में एक रोड शो किया जिसमें आप कार्यकर्ताओं के अलावा गिने चुने लोग ही नजर आये। अरविंद केजरीवाल का रोड शो लाल बाग की गलियों से निकलते हुए मंडी के पास मस्जिद तक पहुंचा, फिर संगम पार्क होते हुए सावन पार्क, वजीरपुर, सदर बाजार, बल्ली मरान, चांदनी चौक तक पहुंचा और मटिया महल पहुंचकर खत्म हो गया। रोड शो के दौरान अरविंद केजरीवाल अपनी गाड़ी में खड़े हाथ हिलाते रहे। लेकिन आम जनता ने उनका कोई अभिनंदन नहीं किया।
दरअसल, आम आदमी पार्टी (आम) के बागी नेता कपिल मिश्रा कपिल मिश्रा ने रैली की एक वीडियो ट्विटर से शेयर की। कपिल मिश्रा ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि “केजरीवाल का रोड शो दिल्ली में बुरी तरह फ्लॉप रहा, जामा मस्जिद जैसे इलाके में भी सिर्फ 2 लोग आए। कपिल मिश्रा ने आगे कहा कि ‘रास्ते चलती जनता ने घास तक नहीं डाली, जनता इनको देखने को, हाथ मिलाने को, पूछने तक को तैयार नहीं और केजरीवाल चुपचाप गुज़र गए।“ वीडियो पर यूजर्स ने भी केजरीवाल की खूब खिल्ली उड़ाई, और पूछा के गुज़र गए, कब? खबर नहीं पढ़ी।‘ अगर कपिल मिश्रा के इस वीडियो में सच्चाई है तो ये केजरीवाल के लिए अच्छी खबर नहीं है।
गुज़र गए? आज अख़बार नहीं पढ़ी, अफ़सोस बेहद अफ़सोस
— Ra_Bies 2.0 (@Ra_Bies) May 2, 2019
https://twitter.com/SatyaSanatanInd/status/1123801283503300610
वैसे ये पहली बार नहीं था जब अरविंद केजरीवाल का शो फ्लॉप हुआ हो इससे पहले भी कई जगह से अरविंद केजरीवाल को खाली हाथ लौटना पड़ा है। फरवरी माह में जब केजरीवाल पंजाब के चंडीगढ़ में रैली करने पहुंचे थे तो भी खाली मैदान में चंद लोगों को भाषणा देकर लौट गए थे। यहां तक की रैली में भीड़ जुटाने के लिए अरविंद केजरीवाल ने भाजपा के बागी नेता और अभिनेता शत्रुघन सिन्हा को भी आमंत्रित किया था जिसके बाद भी आम आदमी पार्टी भीड़ नहीं जुटा पायी थी। रैली में जब काफी देर तक लोग नहीं पहुंचे तो केजरीवाल महज 8-10 मिनट में अपना भाषण खत्म करके वापस लौट गए।
चंडीगढ़ से पहले महाराष्ट्र में भी केजरीवाल की फजीहत हो चुकी है। 2018 में जब वो रैली करने महाराष्ट्र पहुंचे थे तो वहां की रैली में भी महज़ कुछ ही लोग पहुंचे जिनमें आधे से ज़्यादा खुद आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता थे।
दिल्ली में रातों रात नायक फिल्म की तरह मुख्यमंत्री बने अरविंद केजरीवाल ने अब अपनी ज़मीन दिल्ली में भी खो दी है, और ये बात शायद अरविंद केजरीवाल भी अच्छे से समझ गए हैं। जनता मौका जरूर देती है लेकिन अगर जनता के साथ धोखा करोगे तो आसमान देना तो दूर पैरों के नीचे की ज़मीन भी छीन लेगी।