पॉलिटिकल प्रोपेगेंडा फैलाने में माहिर और अपने आप को स्टैंडअप कॉमेडियन कहने वाले कुणाल कामरा ने हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का इंटरव्यू लिया है। यह इंटरव्यू सोशल मीडिया पर वायरल है जिसमें कामरा ने जमकर प्रोपैगेंडा गेम खेला है। इंटरव्यू की शुरुआत ही प्रधानमंत्री मोदी के लिए अपशब्दों के प्रयोग के साथ की गई। इसके बाद अरविंद केजरीवाल ने एक के बाद एक झूठ बोले और इंटरव्यू लेने वाले कुणाल कामरा पूरे इंटरव्यू में बस उनकी हां में हां ही भरते रहे। यही नहीं, कुणाल ने इस वीडियो में कांग्रेस कार्यकाल की मॉब लिंचिंग की वीडियोज को मोदी सरकार के समय की वीडियोज बताकर चलाई।
कुणाल इस इंटरव्यू में केजरीवाल से सवाल कम पूछते दिखे और उनका पीआर करते ज्यादा दिखे। इंटरव्यू की शुरुआत में ही अरविंद ने पीएम मोदी के लिए ट्यूमर शब्द का प्रयोग किया और कुणाल ने सिवाय मुस्कुराने के उस पर केजरीवाल को कुछ नहीं कहा। इंटरव्यू में केजरीवाल ने पीएम मोदी को हिटलर जैसा तानाशाही बताने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
इस इंटरव्यू में केजरीवाल के कहा कि पीएम मोदी को मीडिया हर समय दिखाता रहता है। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री ने अभी गंगा आरती की तो पूरी मीडिया ने दिखाया, मैं भी आरती करता हूं तो मुझे तो कोई नहीं दिखाता।’ इसी तरह की द्वेषपूर्ण बचकानी बातें वे इस इंटरव्यू में करते रहे।
इस इंटरव्यू में इतने झूठ थे कि, इसके पब्लिश होने के कुछ देर बाद ही लोगों ने इस पर सवाल उठाने शुरू कर दिये। अंकुर सिंह नाम के एक ट्वीटर यूजर ने तो कुणाल कामरा के इस इंटरव्यू की बखिया ही उधेड़ दी। अंकुर सिंह ने ट्वीटर पर यह प्रूव किया कि, कुणाल ने इस इंटरव्यू में मॉब लिंचिंग की जिन तीन वीडियो को मोदी सरकार के कार्यकाल की बताकर चलाया, वो यूपीए कार्यकाल की थी। कामरा ने इन वीडियोज को यह बताने के लिए डाला था कि, देखिए किस तरह पीएम मोदी के कार्यकाल में मॉब लिंचिंग की हिंसक घटनाए सामने आईं।
Kunal Kamra did a propaganda interview to promote Kejriwal and for it used videos from Congress rule (before 2014) to show mob lynching under Modi govt.
What do you call people like @KunalKamra88? pic.twitter.com/1SDQfh6x4I
— Ankur Singh (Modi Ka Parivar) (@iAnkurSingh) May 9, 2019
कामरा ने एक वीडियो के हवाले से यह भी बताने की कोशिश की थी कि, देखिए कैसे मोदी सरकार में गौ रक्षक हिंसक हो गए हैं और उन्हें सरकार का संरक्षण मिल रहा है। अंकुर ने कामरा के इस वीडियो की भी हवा निकाल दी। अंकूर ने प्रूव किया कि, यह वीडियो 2013 में ही अपलोड किया चा चुका था जिस समय मोदी सरकार थी ही नहीं।
Here's another clip used by propaganda peddler @kunalkamra88 to show gau raksha violence under Modi govt.
One user uploaded it in 2013, maybe older. pic.twitter.com/a9cQAJWWkv
— Ankur Singh (Modi Ka Parivar) (@iAnkurSingh) May 9, 2019
कामरा ने एक और इसी तरह की वीडियो क्लिप इंटरव्यू में डाली जिसमें उन्होंने गौ रक्षकों को मोदी सरकार में अराजकता, तोड़फोड़ व आगजनी करते हुए दिखाया। अंकुर ने इसका भी भांडाफोड़ किया और सिद्द किया कि वह भी 2013 की ही वीडियो थी।
Next clip used by @KunalKamra88 to show Gau Rakshaks under Modi rule became violent and creating anarchy by burning vehicles was uploaded in 2013.
Who was PM in 2013? pic.twitter.com/9sVYXWCVWv
— Ankur Singh (Modi Ka Parivar) (@iAnkurSingh) May 9, 2019
स्पष्ट है कि, केजरीवाल जैसे लोग प्रोपेगेंडा फैलाने वाले लेफ्ट-लिबरल प्लेटफॉर्म पर झूठ फैलाने की हरसंभव कोशिश में लगे हैं जिससे कि, चुनावों में जनता को बरगलाया जा सके। लेकिन, केजरीवाल और कुणाल कामरा जैसे लोगों को यह समझ लेना चाहिए कि, जनता इतनी मूर्ख नहीं है। सोशल मीडिया के इस समय में वह सच और झूठ में फर्क कर सकती है।